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Karnal News: रेत से भरे चलते डंपर के टायर में लगी आग, बचा हादसा
संवाद न्यूज एजेंसी, करनाल
Updated Fri, 26 Dec 2025 01:51 AM IST
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डंपर के टायर में लगी आग। संवाद
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संवाद न्यूज एजेंसी
इंद्री। मटक माजरी बस अड्डे के पास वीरवार दोपहर रेत लेकर जा रहे एक डंपर के टायर में आग लग गई। गनीमत रही कि आसपास के दुकानदारों ने समय रहते आग लगने की जानकारी डंपर चालक को दी और डंपर रुकवाया। इसके बाद पानी से आग को बुझा दिया गया। इससे बड़ा हादसा बच गया।
डंपर चालक बिल्ला ने बताया कि वह गुमथला से रेत भरकर कुरुक्षेत्र जा रहा था। लाडवा में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक के कारण वह इंद्री के रास्ते निकला था। दुकानदारों ने समय रहते आग की सूचना नहीं दी होती तो पूरी गाड़ी आग की चपेट में आ सकती थी और बड़ा हादसा हो सकता था। आग लगने के कारणों का पता नहीं लग सका है।
लाडवा में सुबह आठ बजे से रात्रि आठ बजे तक भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा है, जिस कारण यमुनानगर, खिजराबाद, पांवटा साहिब व उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाले भारी वाहन इंद्री से होकर गुजर रहे हैं। इन भारी वाहनों की आवाजाही से इंद्री शहर व आसपास के गांववासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ओवरलोड से भी लग सकती है आग
सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ तेजपाल ने बताया कि ओवरलोडिंग से डंपर के टायर में आग लग सकती है, क्योंकि ज्यादा वजन से टायरों में अत्यधिक घर्षण और गर्मी पैदा होती है, जिससे रबर नरम होकर कमजोर हो जाता है और आखिर में टायर फट सकता है या आग पकड़ सकता है। खासकर अगर टायर में पहले से कोई खराबी हो या ठीक से हवा भरा न हो। यह गर्मी टायर की संरचना को नुकसान पहुंचाती है और टायर फटने का कारण बनती है, जिससे आग लगने की संभावना बढ़ जाती है। सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ शुभम भारद्वाज और एडवोकेट संदीप राणा ने बताया कि डंपर के टायर में आग कम हवा, घर्षण, खराब ब्रेक या व्हील बेयरिंग और धातु के हिस्सों के घिसने से लग सकती है। जिससे अत्यधिक गर्मी पैदा होती है जो रबर को जला देती है।
टायर की आग बुझाना मुश्किल-
- टायर में बहुत ज्यादा ऊर्जा होती है और यह जलने पर कोयले की तरह हो जाती है।
- रबर अच्छा कुचालक यानी इनसूलेटर होता है, इसलिए आग अंदर तक फैलती है और बाहर से बुझाने पर भी अंदर से जलता रहता है।
- जलने पर ये जहरीले और ज्वलनशील धुएं छोड़ते हैं, जिससे आग बुझने के बाद भी दोबारा भड़क सकती है।
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इंद्री। मटक माजरी बस अड्डे के पास वीरवार दोपहर रेत लेकर जा रहे एक डंपर के टायर में आग लग गई। गनीमत रही कि आसपास के दुकानदारों ने समय रहते आग लगने की जानकारी डंपर चालक को दी और डंपर रुकवाया। इसके बाद पानी से आग को बुझा दिया गया। इससे बड़ा हादसा बच गया।
डंपर चालक बिल्ला ने बताया कि वह गुमथला से रेत भरकर कुरुक्षेत्र जा रहा था। लाडवा में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक के कारण वह इंद्री के रास्ते निकला था। दुकानदारों ने समय रहते आग की सूचना नहीं दी होती तो पूरी गाड़ी आग की चपेट में आ सकती थी और बड़ा हादसा हो सकता था। आग लगने के कारणों का पता नहीं लग सका है।
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लाडवा में सुबह आठ बजे से रात्रि आठ बजे तक भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा है, जिस कारण यमुनानगर, खिजराबाद, पांवटा साहिब व उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाले भारी वाहन इंद्री से होकर गुजर रहे हैं। इन भारी वाहनों की आवाजाही से इंद्री शहर व आसपास के गांववासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ओवरलोड से भी लग सकती है आग
सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ तेजपाल ने बताया कि ओवरलोडिंग से डंपर के टायर में आग लग सकती है, क्योंकि ज्यादा वजन से टायरों में अत्यधिक घर्षण और गर्मी पैदा होती है, जिससे रबर नरम होकर कमजोर हो जाता है और आखिर में टायर फट सकता है या आग पकड़ सकता है। खासकर अगर टायर में पहले से कोई खराबी हो या ठीक से हवा भरा न हो। यह गर्मी टायर की संरचना को नुकसान पहुंचाती है और टायर फटने का कारण बनती है, जिससे आग लगने की संभावना बढ़ जाती है। सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ शुभम भारद्वाज और एडवोकेट संदीप राणा ने बताया कि डंपर के टायर में आग कम हवा, घर्षण, खराब ब्रेक या व्हील बेयरिंग और धातु के हिस्सों के घिसने से लग सकती है। जिससे अत्यधिक गर्मी पैदा होती है जो रबर को जला देती है।
टायर की आग बुझाना मुश्किल-
- टायर में बहुत ज्यादा ऊर्जा होती है और यह जलने पर कोयले की तरह हो जाती है।
- रबर अच्छा कुचालक यानी इनसूलेटर होता है, इसलिए आग अंदर तक फैलती है और बाहर से बुझाने पर भी अंदर से जलता रहता है।
- जलने पर ये जहरीले और ज्वलनशील धुएं छोड़ते हैं, जिससे आग बुझने के बाद भी दोबारा भड़क सकती है।