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जंक फूड से गई जान: 'मैं ठीक होकर फास्ट फूड नहीं खाऊंगी... बच्चों को भी करूंगी जागरूक', अहाना के आखिरी अल्फाज

संवाद न्यूज एजेंसी, अमरोहा Published by: आकाश दुबे Updated Fri, 26 Dec 2025 03:01 PM IST
सार

अधिक फास्ट फूड खाने से अहाना बीमार हुई थी। मामा से उसने अपने आखिरी  अल्फाज साझा किए थे। वह ठीक होकर बच्चों को सजग करना चाहती थी। वह डॉक्टर बनना चाहती थी। पढ़ें पूरी खबर-

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Ahana said in her last words I will not eat fast food after getting well
छात्रा अहाना की फाइल फोटो - फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
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विस्तार
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अधिक फास्ट फूड खाने की वजह से आंतें खराब होने के बाद जान गंवाने वाली अहाना ने आखिरी बार अपने मामा गुलजार खान उर्फ गुड्डू से कहा था कि वह कभी फास्ट फूड नहीं खाएगी और स्वस्थ होने के बाद स्कूल के बच्चों को जागरूक भी करेगी। 

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फास्ट फूड से शरीर को होने वाले नुकसान के बारे में बताएगी। हाई स्कूल में 69 फीसदी अंक पाकर परीक्षा पास करने वाली अहाना डॉक्टर बनना चाहती थी। लेकिन, उसे क्या पता था कि डॉक्टर जिस फास्ट फूड को खाने से परहेज करने की सलाह देते हैं, वहीं फास्ट फूड उसकी मौत की वजह बनेगी। 

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मामा गुलजार ने बयां किए अहाना के आखिरी अल्फाज
मामा गुलजार खान उर्फ गुड्डू ने बताया कि अहाना जो संदेश अपनी ठीक होने के बाद देना चाहती थी, वह संदेश उसकी मौत के बाद भी देश भर में वायरल हो रहा है। आज उनकी बेटी की दुनियाभर में चर्चा है। जब उसे फास्ट फूड खाने की वजह से आंतें खराब होने की बात पता चली तो वह चाहती थी कि स्कूल कॉलेज में बच्चों को जागरूक किया जाए, जिससे वह फास्ट फूड से परहेज करें। 

मालूम रहे कि अहाना मोहल्ला अफगानान के रहने वाले मंसूर खान की बेटी थी। फास्ट फूड खाने का शौक उसकी जान पर भारी पड़ गया। चाऊमीन, मैगी, पिज्जा- बर्गर खाने से उसकी आंतें खराब हो गईं और उनमें छेद हो गए। मुरादाबाद के निजी अस्पताल में तीन दिसंबर की रात छात्रा का सफल ऑपरेशन कराया गया था। ऑपरेशन के दस दिन बाद अहाना को अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। लेकिन दोबारा से तबीयत बिगड़ने पर अहाना को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया जहां बीते रविवार की रात छात्रा की मौत हो गई थी।

अहाना के पिता ने सीएमओ को लिखा पत्र, बच्चों को फास्ट फूड न खाने के लिए करें जागरूक
फास्ट फूड खाने की वजह से 11वीं की छात्रा अहाना की मौत के बाद उनके पिता मंसूर खान और माता सारा खान का रो-रो कर बुरा हाल है। अहाना के पिता मंजूर अहमद ने सीएमओ को पत्र लिखकर भावुक अपील की है कि वह स्कूल कॉलेज में बच्चों को फास्ट फूड न खाने के लिए जागरूक करने के लिए कदम उठाएं। साथ ही इससे होने वाले नुकसान के बारे में भी बताएं।

शांत स्वभाव की अहाना थी
पिता ने बताया कि शांत स्वभाव की अहाना और उसकी बहन इशा मारिया के बीच बेहद प्रेम था। परिजनों के मुताबिक जितने दिन अहाना अस्पताल में भर्ती रही उतने दिन इशा मारिया उसके साथ रही। इशा ने एक भी दिन अहाना का साथ नहीं छोड़ा। इशा कहती थी कि अपनी बहन अहाना को ठीक होने के बाद साथ लेकर घर जाएगी। लेकिन, ऐसा नहीं हो सका। 

एक तरफ जहां फास्ट फूड खाने से अहाना की मौत शहर ही नहीं बल्कि देश भर में चर्चा का विषय बन गई है तो वहीं अहाना के पिता मंजूर अहमद ने सीएमओ को पत्र लिखकर उनसे एक भावुक अपील की है। उन्होंने सीएमओ से अपील की है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक अभियान चलाया जाए। स्वास्थ्य विभाग की टीम कम से कम इंटर कॉलेज तक के स्कूल-कॉलेज में जाकर बच्चों को जागरूक करें। फास्ट फूड से शरीर को होने वाले नुकसान के बारे में बताएं। जिससे बच्चे फास्ट फूड खाने से बच सकें और उनकी जान न जाए।

फास्ट फूड के दुष्प्रभाव से बचने को स्कूलों में भी चलेगा जागरूकता अभियान
फास्ट फूड का चस्का भले ही बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी भा रहा हो, लेकिन इसका अधिक और लगातार सेवन कितना खतरनाक है, इसका पता अहाना की मौत के बाद चला है। इसको लेकर अब स्कूलों में भी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। जहां बच्चों को फास्ट फूड की बजाय पौष्टिक चीजों को खाने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा। 

सीडीओ बोले- बच्चों को पौष्टिक चीजें खाने के लिए किया जाएगा प्रेरित
अधिक फास्ट फूड खाने से छात्रा अहाना की मौत के बाद अब स्कूलों में बच्चों को इसके खाने से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताते हुए जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। सीडीओ अश्वनी कुमार मिश्रा ने बताया कि बच्चों को शुद्ध व पौष्टिक चीजें खाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके लिए स्कूलों में स्वयं सहायता समूह की और कैंटीन खोलने पर विचार किया जा रहा है। 

इससे महिलाओं को रोजगार तो मिलेगा ही, साथ ही बच्चों को शुद्ध व पौष्टिक चीजें भी परोसी जा सकेंगी। बृहस्पतिवार को कलक्ट्रेट में आयोजित हुई बैठक में भी इस पर विचार किया गया। डीएम निधि गुप्ता वत्स ने सभी स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने को कहा। उन्होंने स्कूलों के आस-पास बिकने वाले फास्ट फूड के ठेलों की गुणवत्ता को जांचने के निर्देश भी दिए हैं।

डीआईओएस बोले- अभिभावकों को भी आगे आना होगा

डीआईओएस डॉ. प्रवेश कुमार ने बताया कि स्कूलों में बच्चों को फास्ट फूड खाने से होने वाले नुकसान के साथ-साथ पौष्टिक चीजें खाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके लिए सभी स्कूलों को निर्देश जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए अभिभावकों को भी आगे आना होगा।
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