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Malaysia: मलयेशिया के पूर्व पीएम नजीब रजाक भ्रष्टाचार मुकदमे में दोषी, राज्य निवेश कोष से लूटे थे अरबों डॉलर

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, पुत्रजय Published by: पवन पांडेय Updated Fri, 26 Dec 2025 03:35 PM IST
सार

Former Malaysian PM Convicted: मलयेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक को वन मलयेशिया डेवलपमेंट बेरहाद भ्रष्टाचार घोटाले से जुड़े एक मामले में शुक्रवार को दोषी ठहराया गया। हाईकोर्ट ने नजीब को सत्ता के दुरुपयोग के तीन मामलों में दोषी पाया। 
यह मामला मलयेशिया के इतिहास के सबसे बड़े भ्रष्टाचार घोटालों में से एक माना जाता है।

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Former Malaysian Prime Minister Najib Razak convicted in trial over 1MDB corruption scandal
नजीब रजाक, मलयेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री - फोटो : ANI
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विस्तार
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जेल में बंद मलयेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक को शुक्रवार को एक एमडीबी राज्य निवेश कोष से अरबों डॉलर की लूट से जुड़े भ्रष्टाचार के मुकदमे के बाद दोषी ठहराया गया। देश के उच्च न्यायालय ने 72 वर्षीय नजीब रजाक को सत्ता के दुरुपयोग के तीन मामलों में दोषी पाया। बता दें कि शुक्रवार दोपहर तक पूर्व पीएम पर लगे अन्य आरोपों पर फैसला सुनाया जा रहा था। अधिकारियों के मुताबिक, नजीब ने वन मलयेशिया डेवलपमेंट बेरहाद फंड से 70 करोड़ डॉलर से अधिक की राशि अपने निजी बैंक खातों में डलवाई। नजीब 2009 से 2018 तक मलयेशिया के प्रधानमंत्री रहे। वह पहले से ही वन मलयेशिया डेवलपमेंट बेरहाद से जुड़े एक अन्य मामले में सजा काट रहे हैं, जिसकी वजह से 2018 में उनकी सरकार को चुनावी हार झेलनी पड़ी थी।
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पहले से जेल में हैं नजीब
नजीब को 2020 में एक अन्य मामले में सत्ता के दुरुपयोग, आपराधिक विश्वासघात और मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी ठहराते हुए 12 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। यह मामला एसआरसी इंटरनेशनल से जुड़ा था, जो वन मलयेशिया डेवलपमेंट बेरहाद की एक पूर्व इकाई थी। इसमें 4.2 करोड़ रिंगिट (करीब 10.3 मिलियन डॉलर) की रकम उनके खातों में जाने का आरोप था। अंतिम अपील खारिज होने के बाद अगस्त 2022 में नजीब ने जेल जाना शुरू किया। वह जेल जाने वाले मलयेशिया के पहले पूर्व प्रधानमंत्री बने। 2024 में देश के क्षमादान बोर्ड ने उनकी सजा आधी कर दी और जुर्माने में भी बड़ी कटौती की थी।

क्या है वन मलयेशिया डेवलपमेंट बेरहाद घोटाला?
नजीब ने 2009 में प्रधानमंत्री बनने के तुरंत बाद वन मलयेशिया डेवलपमेंट बेरहाद विकास फंड की स्थापना की थी। वह इसके सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष भी थे और वित्त मंत्री के रूप में उनके पास वीटो पावर थी। अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, 2009 से 2014 के बीच नजीब से जुड़े शीर्ष अधिकारियों और सहयोगियों ने वन मलयेशिया डेवलपमेंट बेरहाद से 4.5 अरब डॉलर से अधिक की राशि की लूट की। इस पैसे को अमेरिका, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड जैसे देशों के जरिए घुमाया गया। इस रकम का इस्तेमाल हॉलीवुड फिल्मों के निर्माण, लग्जरी होटल, एक महंगी यॉट, कला के बेशकीमती नमूने और गहनों की खरीद में किया गया। उस समय अमेरिका के अटॉर्नी जनरल जेफ सेशंस ने इसे 'सबसे बुरी किस्म की क्लेप्टोक्रेसी (लूटतंत्र)' कहा था।

अंतरराष्ट्रीय असर और नजीब का बचाव
इस घोटाले का असर वैश्विक स्तर पर पड़ा। वॉल स्ट्रीट तक मामला पहुंचा और निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स को वन मलयेशिया डेवलपमेंट बेरहाद के लिए धन जुटाने में भूमिका निभाने के कारण अरबों डॉलर का जुर्माना भरना पड़ा। हालांकि नजीब ने सभी आरोपों से इनकार किया है। उनका कहना है कि यह पैसा सऊदी अरब से मिला दान था और उन्हें लो ताएक झो (जो लो) नाम के एक फाइनेंसर ने गुमराह किया। नजीब ने यह भी दावा किया कि उनके खिलाफ मुकदमा राजनीतिक बदले की भावना से चलाया गया। लो ताएक झो को इस घोटाले का मास्टरमाइंड माना जाता है, लेकिन वह अब भी फरार है। अभियोजन पक्ष का कहना है कि नजीब ही पूरे घोटाले के केंद्रीय फैसले लेने वाले व्यक्ति और असली लाभार्थी थे, जबकि अन्य अधिकारी केवल उनके आदेशों का पालन कर रहे थे।

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हाउस अरेस्ट की मांग खारिज; पत्नी भी दोषी
इस हफ्ते की शुरुआत में नजीब को एक और झटका लगा, जब हाई कोर्ट ने उनकी सजा को हाउस अरेस्ट में बदलने की मांग खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि पूर्व राजा द्वारा जारी किया गया हाउस अरेस्ट का आदेश संविधान के मुताबिक वैध नहीं था। नजीब के वकील ने इस फैसले के खिलाफ अपील करने की बात कही है। पहले सजा में कटौती के बाद नजीब की रिहाई अगस्त 2028 में होनी थी, लेकिन नए दोषसिद्धि के बाद उन्हें अब और लंबा समय जेल में बिताना पड़ सकता है। नजीब की पत्नी रोसमाह मंसूर को भी 2022 में एक अलग भ्रष्टाचार मामले में 10 साल की जेल और भारी जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, वह फिलहाल अपील लंबित रहने तक जमानत पर बाहर हैं।

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Former Malaysian PM Convicted
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