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Amroha News: जंग ऐसी जुल्म से इस बार होनी चाहिए...

Moradabad  Bureau मुरादाबाद ब्यूरो
Updated Fri, 26 Dec 2025 01:03 AM IST
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This time, the war must be fought against such tyranny...
बज्म-ए-सैय्यदुल उलमा की ओर से तकरीरी कार्यक्रम में मौजूद छात्र व अन्य। स्रोत आयोजक
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अमरोहा। बज्मे नाजिम कुरैशी की ओर से बुधवार रात गजल की महफिल का आयोजन किया गया। जिसमें शायरों ने अपने-अपने कलाम पेश कर खूब दाद हासिल की।
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मोहल्ला मुल्लाना स्थित एक इंटर कॉलेज में गजल की महफिल में रिफत मुरादाबादी ने पढ़ा...जंग ऐसी जुल्म से इस बार होनी चाहिए, फैसला इस पार या उस पार होना चाहिए। सैय्यद शीबान कादरी ने ऐसे पढ़ा...वो बेटा नाज था बीमार मां को जिस पे बहुत, थमा के चल दिया पर्चा उसे दवाई का। एजाज अनवर ने इस तरह पढ़ा...मुझमें बुराइयां तू बराबर तलाश कर, लेकिन कमी कुछ अपने भी अंदर तलाश कर। कामिल मुरादाबादी ने ऐसे कहा...सिर को झुका के जीना गंवारा नहीं हुआ, हम से अमीरे शहर को सजदा नहीं हुआ। नासिर अमरोहवी ने कहा...मुझ को जिस ने तेरे मरने की खबर दी थी कभी, आज उस शख्स के मरने की खबर आई है। इनके अलावा शहजाद मालिक, उस्मान राही, अरशद मुरादाबादी, फिरोज मुरादाबादी, नाजिम मुरादाबादी, अनीस अमरोहवी आदि शायरों ने भी अपने-अपने कलाम पेश कर खूब दाद हासिल की। अध्यक्षता वरिष्ठ शायर रिफत मुरादाबादी ने की जबकि संचालन शीबान कादरी ने किया। संयोजक हुमायूं परवेज ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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