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आयुर्वेद भारत की सबसे प्राचीन और वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति : भारती
संवाद न्यूज एजेंसी, कुरुक्षेत्र
Updated Thu, 20 Nov 2025 01:42 AM IST
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कुरुक्षेत्र। कार्यक्रम में अपने विचार रखते भारत भूषण भारती। विज्ञप्ति
- फोटो : credit
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संवाद न्यूज एजेंसी
कुरुक्षेत्र। श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय में बुधवार को इंडक्शन कार्यक्रम का समापन हवन-यज्ञ के साथ हुआ। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री के ओएसडी भारत भूषण भारती और विशिष्ट अतिथि के रूप में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह ने की।
भारती ने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय में जीवंत गुरु शिष्य परंपरा देखकर गर्व महसूस होता है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल अक्षर ज्ञान तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि जन सेवा को ही जीवन का लक्ष्य बनाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद भारत की सबसे प्राचीन और वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति है और युवा पीढ़ी को इसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रयास शुरू करने होंगे। भारती ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री कृष्ण आयुर्वेदिक कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा देने का संकल्प लिया था और आज यह देश का पहला आयुष विश्वविद्यालय बनकर पूरे प्रदेश के लिए गौरव बना है।
कार्यक्रम में सभी का स्वागत आयुर्वेद एवं अध्ययन अनुसंधान संस्थान के प्राचार्य प्रो. आशीष मेहता ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. ब्रिजेंद्र सिंह तोमर, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. जितेश कुमार पंडा,चिकित्सा अधीक्षक प्रो. राजा सिंगला, प्रो. दीप्ति पराशर, डॉ. सीमा रानी, डॉ. सीमा वर्मा मौजूद रही।
योग्यता सिद्ध कीजिए, अवसर खुले हैं : आयुष विवि के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने कहा कि हरियाणा सरकार बिना पर्ची–बिना खर्ची के रोजगार दे रही है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि अपनी योग्यता सिद्ध कीजिए, अवसरों के सभी मार्ग आपके लिए खुले हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल परीक्षा पास करने का माध्यम नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और आत्म चिंतन के साथ स्वयं को पहचानने का मार्ग है। कुलपति ने गुरु के सानिध्य और मार्गदर्शन को विद्यार्थी जीवन का सबसे महत्वपूर्ण आधार बताया।
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कुरुक्षेत्र। श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय में बुधवार को इंडक्शन कार्यक्रम का समापन हवन-यज्ञ के साथ हुआ। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री के ओएसडी भारत भूषण भारती और विशिष्ट अतिथि के रूप में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह ने की।
भारती ने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय में जीवंत गुरु शिष्य परंपरा देखकर गर्व महसूस होता है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल अक्षर ज्ञान तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि जन सेवा को ही जीवन का लक्ष्य बनाना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि आयुर्वेद भारत की सबसे प्राचीन और वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति है और युवा पीढ़ी को इसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रयास शुरू करने होंगे। भारती ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री कृष्ण आयुर्वेदिक कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा देने का संकल्प लिया था और आज यह देश का पहला आयुष विश्वविद्यालय बनकर पूरे प्रदेश के लिए गौरव बना है।
कार्यक्रम में सभी का स्वागत आयुर्वेद एवं अध्ययन अनुसंधान संस्थान के प्राचार्य प्रो. आशीष मेहता ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. ब्रिजेंद्र सिंह तोमर, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. जितेश कुमार पंडा,चिकित्सा अधीक्षक प्रो. राजा सिंगला, प्रो. दीप्ति पराशर, डॉ. सीमा रानी, डॉ. सीमा वर्मा मौजूद रही।
योग्यता सिद्ध कीजिए, अवसर खुले हैं : आयुष विवि के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने कहा कि हरियाणा सरकार बिना पर्ची–बिना खर्ची के रोजगार दे रही है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि अपनी योग्यता सिद्ध कीजिए, अवसरों के सभी मार्ग आपके लिए खुले हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल परीक्षा पास करने का माध्यम नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और आत्म चिंतन के साथ स्वयं को पहचानने का मार्ग है। कुलपति ने गुरु के सानिध्य और मार्गदर्शन को विद्यार्थी जीवन का सबसे महत्वपूर्ण आधार बताया।