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ड्रिप व स्प्रिंकलर तकनीक से किसान अधिक पैदावार ले रहे : उत्तम सिंह
संवाद न्यूज एजेंसी, महेंद्रगढ़/नारनौल
Updated Sun, 14 Sep 2025 01:57 AM IST
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फोटो संख्या:60- गांव बुडीन में खेत जल घर योजना के तहत बना तालाब--स्रोत- प्रशासन
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सतनाली। भूजल स्तर गिरने से परेशान किसानों को प्रदेश सरकार की खेत जल घर योजना तथा सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं ने इस क्षेत्र के किसानों को विभिन्न योजनाओं पर अनुदान दिया जा रहा है।
माइक्रो इरिगेशन कमांड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (मिकाडा) की पहल ने किसानों को एक नई राह दिखाई है। तालाबों से खेतों तक पाइप लाइनों के जरिए सिंचाई की जा रही है। गांव बुडीन व दूलोठ के आसपास के किसानों को भूजल स्तर गहराई में जाने से बारिश पर निर्भर नहीं रहना पड़ता था।
सरकारी अनुदान से सार्वजनिक और व्यक्तिगत तालाब बनाने के बाद अब किसान सिर्फ परंपरागत तरीकों पर निर्भर नहीं हैं बल्कि वे ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी तकनीक अपनाकर कम पानी में भी अधिक पैदावार ले रहे हैं। इसने जल संरक्षण, ऊर्जा बचत और पर्यावरण संतुलन जैसे बड़े लक्ष्यों को भी साधा है। खेत जल घर से किसान सोलर पंपिंग सिस्टम के जरिए अपने खेतों को सींच रहे हैं। सभी किसानों के लिए सिंचाई का समय निर्धारित किया हुआ है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ड्रिप और स्प्रिंकलर प्रणाली पर 75 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है। खेत तालाब योजना के तहत सामुदायिक तालाब बनाने के लिए 80 प्रतिशत तक और व्यक्तिगत तालाब के लिए 70 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है। सोलर पंप 3 एचपी से 10 एचपी तक के पंपों पर 75 प्रतिशत तक अनुदान है। इससे किसान बिजली और डीजल पर अपनी निर्भरता कम कर रहे हैं।
वहीं जेई सिंचाई विभाग उत्तम सिंह का कहना है कि पहले किसान पानी की कमी से एक फसल भी मुश्किल से ले पाते थे। जलघर योजना के बाद अब ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम से 40-60 प्रतिशत तक पानी की बचत हो रही है। इससे न केवल सिंचाई का खर्च कम हुआ है बल्कि उपज भी बढ़ी है।

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सरकारी अनुदान से सार्वजनिक और व्यक्तिगत तालाब बनाने के बाद अब किसान सिर्फ परंपरागत तरीकों पर निर्भर नहीं हैं बल्कि वे ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी तकनीक अपनाकर कम पानी में भी अधिक पैदावार ले रहे हैं। इसने जल संरक्षण, ऊर्जा बचत और पर्यावरण संतुलन जैसे बड़े लक्ष्यों को भी साधा है। खेत जल घर से किसान सोलर पंपिंग सिस्टम के जरिए अपने खेतों को सींच रहे हैं। सभी किसानों के लिए सिंचाई का समय निर्धारित किया हुआ है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ड्रिप और स्प्रिंकलर प्रणाली पर 75 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है। खेत तालाब योजना के तहत सामुदायिक तालाब बनाने के लिए 80 प्रतिशत तक और व्यक्तिगत तालाब के लिए 70 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है। सोलर पंप 3 एचपी से 10 एचपी तक के पंपों पर 75 प्रतिशत तक अनुदान है। इससे किसान बिजली और डीजल पर अपनी निर्भरता कम कर रहे हैं।
वहीं जेई सिंचाई विभाग उत्तम सिंह का कहना है कि पहले किसान पानी की कमी से एक फसल भी मुश्किल से ले पाते थे। जलघर योजना के बाद अब ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम से 40-60 प्रतिशत तक पानी की बचत हो रही है। इससे न केवल सिंचाई का खर्च कम हुआ है बल्कि उपज भी बढ़ी है।
फोटो संख्या:60- गांव बुडीन में खेत जल घर योजना के तहत बना तालाब--स्रोत- प्रशासन