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Mahendragarh-Narnaul News: दूर-दूर शहरों तक फैली है नारनौल के घेवर की मिठास
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फोटो नंबर-05नारनौल में घेवर बनाता हलवाई। संवाद
नारनौल। जैसे-जैसे हरियाली तीज नजदीक आ रही है, वैसे ही शहर के बाजारों में घेवर बनाने का कार्य भी जोर पकड़ने लगा है। शहर में हलवाई की दुकानों पर अब घेवर सजे नजर आने लगे हैं। नारनौल के घेवरों की मिठास दूर-दूर तक फैली हुई है।
इसी कारण यहां अभी से घेवर बनने शुरू हो गए हैं, जिससे सावन के महीने में इसकी मांग बढ़ते ही पूर्ति की जा सके। नारनौल से रेवाड़ी, राजस्थान में बहरोड, सिंघाना, नीमका थाना तथा कोटपूतली तक घेवर जाता है।
शहर के मिठाई बाजार में घेवर 300 रुपये से शुरू होकर 500 रुपये तक है। शहर की मशहूर दुकानों पर घेवर देसी घी में सादा 600 रुपये किलो व मलाई का घेवर 650 रुपये किलो के हिसाब से मिल रहा है। गत वर्ष यही सादा घेवर 500 व मलाई का घेवर 600 रुपये किलो के हिसाब से बेचा गया था।
इस बार घेवर पर महंगाई के कारण हरियाली तीज पर मिठास का स्वाद लोगों के लिए फीका भी पड़ सकता है। 650 रुपये किलो घेवर का रेट आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रहा है। पूरे सावन माह में व खासतौर पर तीज के आसपास लोग घेवर की मिठाई का खूब आनंद लेते हैं।
शहर के हलवाइयों का कहना है कि घेवर में प्रयोग होने वाली सभी चीजों के दाम बढ़ गए हैं तो घेवर के दाम भी बढ़ाने पड़े हैं। दुकानदारों ने बताया कि अब देसी घी ही 600 से 700 रुपये किलो के हिसाब से आ रहा है तो घेवर के दाम भी बढ़ना वाजिब है।
बाक्स
सावन के शुरू होते ही शहर में घेवर की मांग बढ़ जाती है। नारनौल से घेवर आसपास 200 किलो मीटर तक जाता है। इसके अलावा अन्य बड़े शहरों में रहने वाले लोग भी नारनौल के घेवर को खूब पसंद करते हैं। सभी हलवाइयों के पास अब घेवर बनाने का कार्य शुरू हो गया है। -प्रीतम कुमार, हलवाई
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इसी कारण यहां अभी से घेवर बनने शुरू हो गए हैं, जिससे सावन के महीने में इसकी मांग बढ़ते ही पूर्ति की जा सके। नारनौल से रेवाड़ी, राजस्थान में बहरोड, सिंघाना, नीमका थाना तथा कोटपूतली तक घेवर जाता है।
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शहर के मिठाई बाजार में घेवर 300 रुपये से शुरू होकर 500 रुपये तक है। शहर की मशहूर दुकानों पर घेवर देसी घी में सादा 600 रुपये किलो व मलाई का घेवर 650 रुपये किलो के हिसाब से मिल रहा है। गत वर्ष यही सादा घेवर 500 व मलाई का घेवर 600 रुपये किलो के हिसाब से बेचा गया था।
इस बार घेवर पर महंगाई के कारण हरियाली तीज पर मिठास का स्वाद लोगों के लिए फीका भी पड़ सकता है। 650 रुपये किलो घेवर का रेट आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रहा है। पूरे सावन माह में व खासतौर पर तीज के आसपास लोग घेवर की मिठाई का खूब आनंद लेते हैं।
शहर के हलवाइयों का कहना है कि घेवर में प्रयोग होने वाली सभी चीजों के दाम बढ़ गए हैं तो घेवर के दाम भी बढ़ाने पड़े हैं। दुकानदारों ने बताया कि अब देसी घी ही 600 से 700 रुपये किलो के हिसाब से आ रहा है तो घेवर के दाम भी बढ़ना वाजिब है।
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सावन के शुरू होते ही शहर में घेवर की मांग बढ़ जाती है। नारनौल से घेवर आसपास 200 किलो मीटर तक जाता है। इसके अलावा अन्य बड़े शहरों में रहने वाले लोग भी नारनौल के घेवर को खूब पसंद करते हैं। सभी हलवाइयों के पास अब घेवर बनाने का कार्य शुरू हो गया है। -प्रीतम कुमार, हलवाई