{"_id":"23107","slug":"Palwal-23107-90","type":"story","status":"publish","title_hn":"बाढ़ का संकट : डेढ़ दर्जन गांवों की सुरक्षा पर सवाल","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
बाढ़ का संकट : डेढ़ दर्जन गांवों की सुरक्षा पर सवाल
Palwal
Updated Sun, 26 Aug 2012 12:00 PM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
पलवल। यमुना किनारे बसे दो दर्जन से अधिक गांवों को बाढ़ का खतरा हो सकता है। कारण, यहां जिला प्रशासन द्वारा रिंग बांध के लिए जमीन नहीं उपलब्ध करायी गई है। जबकि यहां के ग्रामीणों की मानें तो सरकार ने इस बाबत दस करोड़ रुपये दे दिये थे। किंतु सारा मामला जमीन न होने से ठंडे बस्ते में हो गया।
सिंचाई विभाग ने यमुना किनारे बसे तीन गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने की मांग की थी। जिस पर रिंग बांध बनाया जाना था। लेकिन डेढ़ वर्ष बीत जाने पर भी जमीन नहीं दी गई। गांव शोलड़ा, भोलड़ा, बागपुर, दोषपुर, शेखपुर, राजूपुर, खेड़ली, चांदहट, घोड़ी, गुरवाड़ी, सुजवाड़ी, हसनपुर, माहौली, सुलतानपुर, टप्पा, झुप्पा, प्रहलादपुर, बड़ौली, अच्छेजा, मेवलीपुर व इंदिरा नगर के ग्रामीण गिर्राज सिंह, टेकीराम, मीना कुमारी, अनोखी देवी और भागीरथ का कहना है कि बारिश में गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए दस करोड़ की लागत से बनने वाले रिंग बांधों का कार्य बजट आने के बाद भी नहीं हो सका है।
उन्होंने बताया कि बांध न बनने की स्थिति में ग्रामीणों को बाढ़ का सामना करना पड़ेगा। इससे करोड़ों रुपये की हर साल हानि हो जाती है। गौरतलब है कि गांव इंदिरा नगर, मेेेेेवलीपुर व मेंहदीपुर में रिंग बांध बनने थे, परंतु जिला प्रशासन द्वारा जमीन उपलब्ध न करवाने से बांधों का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। जबकि इन बांधों के लिए पिछले वर्ष अक्तूबर माह में ही धन आ गया था। बाढ़ से कृषि उपकरण, भूसा और अन्न भी खराब हो जाता है। बाढ़ से यमुना के किनारे 11 हजार एकड़ जमीन पर खड़ी फसलें प्रभावित हो सकती हैं।
सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता आरके सिंगला का कहना है कि जिला प्रशासन के जमीन उपलब्ध नहीं करवाने की वजह से बांधों का निर्माण नहीं हो पाया है। जमीन मिलते ही इनका निर्माण करा दिया जाएगा।

Trending Videos
सिंचाई विभाग ने यमुना किनारे बसे तीन गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने की मांग की थी। जिस पर रिंग बांध बनाया जाना था। लेकिन डेढ़ वर्ष बीत जाने पर भी जमीन नहीं दी गई। गांव शोलड़ा, भोलड़ा, बागपुर, दोषपुर, शेखपुर, राजूपुर, खेड़ली, चांदहट, घोड़ी, गुरवाड़ी, सुजवाड़ी, हसनपुर, माहौली, सुलतानपुर, टप्पा, झुप्पा, प्रहलादपुर, बड़ौली, अच्छेजा, मेवलीपुर व इंदिरा नगर के ग्रामीण गिर्राज सिंह, टेकीराम, मीना कुमारी, अनोखी देवी और भागीरथ का कहना है कि बारिश में गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए दस करोड़ की लागत से बनने वाले रिंग बांधों का कार्य बजट आने के बाद भी नहीं हो सका है।
विज्ञापन
विज्ञापन
उन्होंने बताया कि बांध न बनने की स्थिति में ग्रामीणों को बाढ़ का सामना करना पड़ेगा। इससे करोड़ों रुपये की हर साल हानि हो जाती है। गौरतलब है कि गांव इंदिरा नगर, मेेेेेवलीपुर व मेंहदीपुर में रिंग बांध बनने थे, परंतु जिला प्रशासन द्वारा जमीन उपलब्ध न करवाने से बांधों का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। जबकि इन बांधों के लिए पिछले वर्ष अक्तूबर माह में ही धन आ गया था। बाढ़ से कृषि उपकरण, भूसा और अन्न भी खराब हो जाता है। बाढ़ से यमुना के किनारे 11 हजार एकड़ जमीन पर खड़ी फसलें प्रभावित हो सकती हैं।
सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता आरके सिंगला का कहना है कि जिला प्रशासन के जमीन उपलब्ध नहीं करवाने की वजह से बांधों का निर्माण नहीं हो पाया है। जमीन मिलते ही इनका निर्माण करा दिया जाएगा।