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Palwal News: पलवल शुगर मिल में वर्षों से नहीं हुए निदेशक मंडल के चुनाव, किसानों में गहरा असंतोष
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नियमों की अनदेखी, घाटे और अनियमितताओं पर उठ रहे सवाल
संवाद न्यूज एजेंसी
पलवल। पलवल स्थित शुगर मिल में पिछले कई वर्षों से निदेशक मंडल के चुनाव नहीं कराए गए हैं, जिससे किसानों और शेयरधारकों में गहरा असंतोष है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने इसे सहकारी समितियों के नियमों का खुला उल्लंघन करार दिया है।
किसान नेताओं मास्टर महेंद्र सिंह चौहान और धर्मचंद घुधेरा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि किसान मोर्चा द्वारा बार-बार मिल प्रबंधन और जिला प्रशासन से निदेशक मंडल के चुनाव कराने की मांग की गई, लेकिन अधिकारियों द्वारा इस मांग को गंभीरता से नहीं लिया गया।
किसान नेताओं ने जानकारी दी कि पलवल शुगर मिल पर इस समय सैकड़ों करोड़ रुपये का घाटा हो चुका है, जबकि मिल की स्थापना के शुरुआती वर्षों में यह संस्था मुनाफे में थी। किसान मोर्चा का आरोप है कि प्रबंधन की लापरवाही और वित्तीय अनियमितताओं के कारण मिल लगातार घाटे में जा रही है।
नेताओं ने कहा कि चुनाव नहीं होने से पारदर्शिता खत्म हो गई है, जिससे किसानों और शेयरधारकों का भरोसा डगमगा रहा है। किसान मोर्चा ने एक बार फिर मांग दोहराई है कि निदेशक मंडल के चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएं और मिल में हो रहे आर्थिक नुकसान व अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
किसान मोर्चा ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि मांगें शीघ्र नहीं मानी गईं, तो आंदोलन किया जाएगा। किसान नेताओं का कहना है कि मिल में हो रही अनियमितताओं और घाटे की वजह से सीधे तौर पर क्षेत्र के गन्ना किसानों की आजीविका प्रभावित हो रही है।
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संवाद न्यूज एजेंसी
पलवल। पलवल स्थित शुगर मिल में पिछले कई वर्षों से निदेशक मंडल के चुनाव नहीं कराए गए हैं, जिससे किसानों और शेयरधारकों में गहरा असंतोष है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने इसे सहकारी समितियों के नियमों का खुला उल्लंघन करार दिया है।
किसान नेताओं मास्टर महेंद्र सिंह चौहान और धर्मचंद घुधेरा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि किसान मोर्चा द्वारा बार-बार मिल प्रबंधन और जिला प्रशासन से निदेशक मंडल के चुनाव कराने की मांग की गई, लेकिन अधिकारियों द्वारा इस मांग को गंभीरता से नहीं लिया गया।
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किसान नेताओं ने जानकारी दी कि पलवल शुगर मिल पर इस समय सैकड़ों करोड़ रुपये का घाटा हो चुका है, जबकि मिल की स्थापना के शुरुआती वर्षों में यह संस्था मुनाफे में थी। किसान मोर्चा का आरोप है कि प्रबंधन की लापरवाही और वित्तीय अनियमितताओं के कारण मिल लगातार घाटे में जा रही है।
नेताओं ने कहा कि चुनाव नहीं होने से पारदर्शिता खत्म हो गई है, जिससे किसानों और शेयरधारकों का भरोसा डगमगा रहा है। किसान मोर्चा ने एक बार फिर मांग दोहराई है कि निदेशक मंडल के चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएं और मिल में हो रहे आर्थिक नुकसान व अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
किसान मोर्चा ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि मांगें शीघ्र नहीं मानी गईं, तो आंदोलन किया जाएगा। किसान नेताओं का कहना है कि मिल में हो रही अनियमितताओं और घाटे की वजह से सीधे तौर पर क्षेत्र के गन्ना किसानों की आजीविका प्रभावित हो रही है।