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धूल फांक रही हैं 30 बसें
palwal
Updated Mon, 13 Feb 2017 04:38 PM IST
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- फोटो : अमर उजाला
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एक तरफ सरकार प्रदेश के लोगों को बेहतर परिवहन सेवाएं देने के दावे कर रही है, वहीं पलवल जिले में कई ऐसे रूट हैं, जहां परिवहन निगम की बसें ही नहीं हैं। जिसके चलते उन रूटों पर बसे गांवों के लोगों को मजबूरी में निजी वाहनों का या फिर अवैध तिपहियों में यात्रा करनी पड़ती है। इससे न सिर्फ उनकी जान को खतरा रहता है, बल्कि समय की भी बरबादी होती है। ऐसा नहीं है कि परिवहन निगम के पास बसें नहीं हैं। बसें तो हैं लेकिन उन्हें चलाने के लिए चालक ही नहीं है।
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स्थानीय परिवहन निगम के अधिकारी विभाग को इस बारे में कई बार लिख भी चुके हैं, लेकिन आज तक न तो चालकों की नियुक्ति हुई और न ही परिचालकों की। पलवल रोडवेज में 100 बसें हैं। जिनमें से 30 बसें खड़ी-खड़ी धूल फांक रही हैं। केवल 70 बसें ही पलवल डिपो से विभिन्न रूटों पर चलती हैं।
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पिछले काफी समय से यहां 30 चालक व 30 परिचालकों के पद रिक्त पड़े हैं। इस कारण ये बसें रोडवेज के डिपो में सफेद हाथी बनी खड़ी हैं। इन 30 बसों के न चलने के कारण पलवल से मथुरा व अलीगढ़ रूट के लिए कोई बस नहीं है। इन दोनों रूटों पर पलवल से जाने वाले लोगों को या तो राजमार्ग पर बस अड्डे के बाहर खड़े होकर पीछे से आने वाली बसों का इंतजार करना पड़ता है या फिर निजी बसों व अवैध वाहनों और तिपहियों का
सहारा लेना पड़ता है। अलीगढ़ रूट पर तो तिपहियों में चलना मौत के मुंह में जाने के बराबर है। इस रोड की हालत बेहद खस्ता है तथा तिपहिया व अवैध वाहन चालकों क्षमता से अधिक छतों पर भी सवारियां भरकर चलते हैं। जिससे दुर्घटना का खतरा बना रहता है। कुछ इसी तरह का हाल मथुरा रूट का है।
बसें नहीं होने के कारण होती है दिक्कत
टप्पल में होटल चलाने वाले राजन तोमर का कहना है कि उनका प्रतिदिन आना जाना रहता है। इस रूट पर परिवहन निगम की बसें न होने के कारण बेहद परेशानी होती है। इस कारण निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ता है। इससे समय भी खराब होता है तथा दुर्घटना का भी खतरा रहता है। विभाग को बसें चलानी चाहिए।
वहीं जेवर एक स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका सुनीता का कहना है कि बसें न होने के कारण बेहद खतरा रहता है। निजी वाहनों से आने-जाने में काफी परेशानी होती है। वहीं मथुरा रोड पर प्रतिदिन होडल से आने वाले छात्र राज कुमार व सुनील का कहना है कि पलवल बस अड्डा से बस चलनी चाहिए। बाहर बस चालक रोकते ही नहीं है।
इस बारे में विभाग को लिखा हुआ है। चालकों की नियुक्ति होते ही खड़ी बसों को चला दिया जाएगा। विभाग का प्रयास है कि सभी रूटों पर बसें चलें तथा लोगों को बेहतर परिवहन सेवाएं मिले। वे अपनी तरफ से पूरे प्रयास में रहते हैं। एनके गर्ग, महाप्रबंधक, हरियाणा परिवहन निगम