{"_id":"68c84fccfc9ca7b99502ba3b","slug":"indiscriminate-firing-due-to-20-years-old-rivalry-palwal-news-c-24-1-gr11004-117795-2025-09-15","type":"story","status":"publish","title_hn":"Palwal News: 20 साल पुरानी रंजिश में की अंधाधुंध फायरिंग, पिता की मौत, बेटा घायल","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Palwal News: 20 साल पुरानी रंजिश में की अंधाधुंध फायरिंग, पिता की मौत, बेटा घायल
संवाद न्यूज एजेंसी, पलवल
Updated Mon, 15 Sep 2025 11:11 PM IST
विज्ञापन

विज्ञापन
- पिता की हत्या का बदला लेने के लिए बेटे ने घात लगाकर किया हमला
- तीन मोटरसाइकिलों पर सवार होकर आए थे हमलावर, घायल ने शौचालय में छुपकर बचाई जानसंवाद न्यूज एजेंसी
पलवल। सोमवार की सुबह गांव काशिपुर गोलियों की आवाज से दहल उठा। पूरे गांव में उस वक्त सनसनी फैल गई जब घात लगाए बैठे हमलावरों ने चारा लेने गए विजेंद्र पाल (55 साल) को चारों ओर से घेरकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में विजेंद्र पाल की मौके पर ही मौत हो गई। हमलावरों ने उसकी पत्नी को भी बुरी तरह पीटा। इसके बाद हमलावरों ने विजेंद्र पाल के घर जाकर उसके छोटे बेटे सचिन (22 साल) को घर के बाहर बुलाकर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। गोलीबारी में सचिन घायल हो गया और शौचालय में छुपकर अपनी जान बचाई। घटना को अंजाम देने के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए। घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल है और भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। परिजनों ने बताया कि हमलावर तीन मोटरसाइकिलों पर सवार होकर आए थे।
पुलिस और परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार विजेंद्र पाल सोमवार सुबह करीब 9 बजे अपनी पत्नी के साथ चारा लेने गया था। तभी पहले से घात लगाए बैठे आरोपियों ने अचानक घेरकर फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में विजेंद्र पाल को छह से अधिक गोलियां लगीं। इस कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई। आरोपियों ने केवल विजेंद्र पाल को ही निशाना नहीं बनाया बल्कि उसके बेटे सचिन को भी घर से बुलाकर गोली मारने का प्रयास किया। गंभीर रूप से घायल सचिन को जिला नागरिक अस्पताल लाया गया। जिसके बाद उसे सरवोदय बीके अस्पताल फरीदाबाद में रेफर कर दिया गया है, जहां उसका इलाज जारी है।
घटना की सूचना मिलते ही कैंप थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जिला नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए और गांव में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
20 साल से पाल रहा था रंजिश
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह हमला पुरानी रंजिश का नतीजा है। करीब 20 साल पहले साल 2005 में विजेंद्र पाल की अपने पड़ोसी से लड़ाई हो गई थी। विजेंद्र पाल पर हत्या का आरोप लगा था, जिसके चलते उसने सात साल की सजा भी काटी थी। गांव वालों का मानना है कि इसी पुरानी दुश्मनी का बदला लेने के लिए आरोपियों ने इस वारदात को अंजाम दिया है। घायल सचिन ने बताया कि हमलावरों में दीपांशु, तुषार, कृष्ण, प्रवीण, साहिल, लालू, सतबीर, कुलदीप, संदीप, जय सिंह, बिपिन, राजवीर, सतीश, अमर सिंह और सौरव शामिल थे। जिन्होंने मिलकर चारों ओर से घेरकर फायरिंग की। वारदात के बाद गांव में दहशत का माहौल है। जिला अस्पताल और गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। खबर लिखें जाने तक शव का पोस्टमार्टम नहीं हुआ था। परिजन मांग कर रहे है कि पहले आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए। इसके बाद ही शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
पत्नी की शिकायत पर केस दर्ज
कैंप थाना पुलिस ने मृतक की पत्नी श्यामवती की शिकायत पर 17 आरोपियों के खिलाफ हत्या सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। साल 2005 में बिजेंद्र पर दीपांशु के पिता पप्पू की गोली मारकर हत्या का आरोप लगा था। इस मामले में बिजेंद्र सात साल की सजा काट चुका था और हाल ही में जमानत पर बाहर आया था। पुलिस के अनुसार, दीपांशु अपने पिता की हत्या की टीस अब तक भूला नहीं था और इसी रंजिश के चलते उसने अपने साथियों के साथ मिलकर बिजेंद्र की हत्या की साजिश रची। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई टीमें गठित कर दी हैं और गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।

Trending Videos
- तीन मोटरसाइकिलों पर सवार होकर आए थे हमलावर, घायल ने शौचालय में छुपकर बचाई जानसंवाद न्यूज एजेंसी
पलवल। सोमवार की सुबह गांव काशिपुर गोलियों की आवाज से दहल उठा। पूरे गांव में उस वक्त सनसनी फैल गई जब घात लगाए बैठे हमलावरों ने चारा लेने गए विजेंद्र पाल (55 साल) को चारों ओर से घेरकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में विजेंद्र पाल की मौके पर ही मौत हो गई। हमलावरों ने उसकी पत्नी को भी बुरी तरह पीटा। इसके बाद हमलावरों ने विजेंद्र पाल के घर जाकर उसके छोटे बेटे सचिन (22 साल) को घर के बाहर बुलाकर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। गोलीबारी में सचिन घायल हो गया और शौचालय में छुपकर अपनी जान बचाई। घटना को अंजाम देने के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए। घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल है और भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। परिजनों ने बताया कि हमलावर तीन मोटरसाइकिलों पर सवार होकर आए थे।
पुलिस और परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार विजेंद्र पाल सोमवार सुबह करीब 9 बजे अपनी पत्नी के साथ चारा लेने गया था। तभी पहले से घात लगाए बैठे आरोपियों ने अचानक घेरकर फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में विजेंद्र पाल को छह से अधिक गोलियां लगीं। इस कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई। आरोपियों ने केवल विजेंद्र पाल को ही निशाना नहीं बनाया बल्कि उसके बेटे सचिन को भी घर से बुलाकर गोली मारने का प्रयास किया। गंभीर रूप से घायल सचिन को जिला नागरिक अस्पताल लाया गया। जिसके बाद उसे सरवोदय बीके अस्पताल फरीदाबाद में रेफर कर दिया गया है, जहां उसका इलाज जारी है।
विज्ञापन
विज्ञापन
घटना की सूचना मिलते ही कैंप थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जिला नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए और गांव में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
20 साल से पाल रहा था रंजिश
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह हमला पुरानी रंजिश का नतीजा है। करीब 20 साल पहले साल 2005 में विजेंद्र पाल की अपने पड़ोसी से लड़ाई हो गई थी। विजेंद्र पाल पर हत्या का आरोप लगा था, जिसके चलते उसने सात साल की सजा भी काटी थी। गांव वालों का मानना है कि इसी पुरानी दुश्मनी का बदला लेने के लिए आरोपियों ने इस वारदात को अंजाम दिया है। घायल सचिन ने बताया कि हमलावरों में दीपांशु, तुषार, कृष्ण, प्रवीण, साहिल, लालू, सतबीर, कुलदीप, संदीप, जय सिंह, बिपिन, राजवीर, सतीश, अमर सिंह और सौरव शामिल थे। जिन्होंने मिलकर चारों ओर से घेरकर फायरिंग की। वारदात के बाद गांव में दहशत का माहौल है। जिला अस्पताल और गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। खबर लिखें जाने तक शव का पोस्टमार्टम नहीं हुआ था। परिजन मांग कर रहे है कि पहले आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए। इसके बाद ही शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
पत्नी की शिकायत पर केस दर्ज
कैंप थाना पुलिस ने मृतक की पत्नी श्यामवती की शिकायत पर 17 आरोपियों के खिलाफ हत्या सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। साल 2005 में बिजेंद्र पर दीपांशु के पिता पप्पू की गोली मारकर हत्या का आरोप लगा था। इस मामले में बिजेंद्र सात साल की सजा काट चुका था और हाल ही में जमानत पर बाहर आया था। पुलिस के अनुसार, दीपांशु अपने पिता की हत्या की टीस अब तक भूला नहीं था और इसी रंजिश के चलते उसने अपने साथियों के साथ मिलकर बिजेंद्र की हत्या की साजिश रची। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई टीमें गठित कर दी हैं और गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।