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Panchkula News: गुरमीत राम रहीम मामले में पहली बार सीबीआई अदालत सीधे अमेरिका से जुड़ेगी
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न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी गवाही, 8 और 9 जनवरी को बयान
विशेष सीबीआई अदालत पंचकूला ने अभियोजन की मांग की स्वीकार
शिकायतकर्ता अमेरिका में मौजूद, समय अंतर को ध्यान में रख तय हुआ वक्त
गवाही न देने का दबाव बनाने की शिकायत भी अदालत में सामने आई
माई सिटी रिपोर्टर
पंचकूला। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम से जुड़े मामले में पहली बार सीबीआई की विशेष अदालत पंचकूला सीधे अमेरिका से जुड़ेगी। वहां मौजूद शिकायतकर्ता की गवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दर्ज की जाएगी। अदालत ने अभियोजन पक्ष की मांग स्वीकार करते हुए 8 और 9 जनवरी 2026 को गवाही की तिथि तय की है।
अदालत को बताया गया कि शिकायतकर्ता वर्तमान में अमेरिका में है। उसकी गवाही न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के सहयोग से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दर्ज की जाएगी। भारत और अमेरिका के समय में अंतर को ध्यान में रखते हुए अदालत ने गवाही का समय तय किया है। भारत में शाम 4.30 बजे गवाही शुरू होगी, जबकि अमेरिका में उस समय सुबह 6 बजे होंगे। 8 जनवरी को शाम 4.30 बजे से रात 8 बजे तक बयान दर्ज किए जाएंगे, जबकि शेष गवाही 9 जनवरी को पूरी की जाएगी।
अदालत को यह भी अवगत कराया गया कि भारतीय वाणिज्य दूतावास, न्यूयॉर्क की ओर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए आवश्यक तकनीकी और प्रशासनिक जानकारियां मांगी गई हैं। इनमें गवाही की पुष्टि की गई तिथि व समय, वीडियो लिंक, तकनीकी समन्वयक का विवरण और गवाह की पहचान से संबंधित दस्तावेज शामिल हैं। अदालत ने रीडर, आईटी स्टाफ और जांच अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि यह सभी जानकारियां तय समय सीमा के भीतर वाणिज्य दूतावास को भेजी जाएं ताकि गवाही निर्बाध रूप से दर्ज की जा सके।
सुनवाई के दौरान यह भी सामने आया कि एक गवाह रघुबीर सिंह ने अदालत को बताया कि मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने उसे अदालत में बयान न देने और मामला बाहर सुलझाने का दबाव बनाने की कोशिश की। अदालत ने स्पष्ट किया कि भारत और अमेरिका के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही दर्ज करना न्यायिक प्रक्रिया का अहम हिस्सा है। इसके लिए तकनीकी व्यवस्था, निर्बाध बिजली आपूर्ति और आवश्यक स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। इस संबंध में जिला एवं सत्र न्यायाधीश को भी सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं।
यह है मामला
मामला उन आरोपों से जुड़ा है, जिनमें गुरमीत राम रहीम और अन्य आरोपियों पर हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा परिसर में पुरुष श्रद्धालुओं का आध्यात्मिक शुद्धिकरण के नाम पर जबरन बंध्याकरण कराने की साजिश रचने का आरोप है। शिकायतकर्ता, जो स्वयं इस प्रक्रिया से गुजर चुके हैं और महत्वपूर्ण गवाह हैं, वर्तमान में अमेरिका में रहते हैं। उन्होंने आवेदन देकर 13 हजार किलोमीटर की दूरी, भारी यात्रा खर्च, व्यक्तिगत असुविधा और अपनी जान को कथित खतरे का हवाला देते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिरह कराने का अनुरोध किया था।
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विशेष सीबीआई अदालत पंचकूला ने अभियोजन की मांग की स्वीकार
शिकायतकर्ता अमेरिका में मौजूद, समय अंतर को ध्यान में रख तय हुआ वक्त
गवाही न देने का दबाव बनाने की शिकायत भी अदालत में सामने आई
माई सिटी रिपोर्टर
पंचकूला। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम से जुड़े मामले में पहली बार सीबीआई की विशेष अदालत पंचकूला सीधे अमेरिका से जुड़ेगी। वहां मौजूद शिकायतकर्ता की गवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दर्ज की जाएगी। अदालत ने अभियोजन पक्ष की मांग स्वीकार करते हुए 8 और 9 जनवरी 2026 को गवाही की तिथि तय की है।
अदालत को बताया गया कि शिकायतकर्ता वर्तमान में अमेरिका में है। उसकी गवाही न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के सहयोग से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दर्ज की जाएगी। भारत और अमेरिका के समय में अंतर को ध्यान में रखते हुए अदालत ने गवाही का समय तय किया है। भारत में शाम 4.30 बजे गवाही शुरू होगी, जबकि अमेरिका में उस समय सुबह 6 बजे होंगे। 8 जनवरी को शाम 4.30 बजे से रात 8 बजे तक बयान दर्ज किए जाएंगे, जबकि शेष गवाही 9 जनवरी को पूरी की जाएगी।
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अदालत को यह भी अवगत कराया गया कि भारतीय वाणिज्य दूतावास, न्यूयॉर्क की ओर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए आवश्यक तकनीकी और प्रशासनिक जानकारियां मांगी गई हैं। इनमें गवाही की पुष्टि की गई तिथि व समय, वीडियो लिंक, तकनीकी समन्वयक का विवरण और गवाह की पहचान से संबंधित दस्तावेज शामिल हैं। अदालत ने रीडर, आईटी स्टाफ और जांच अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि यह सभी जानकारियां तय समय सीमा के भीतर वाणिज्य दूतावास को भेजी जाएं ताकि गवाही निर्बाध रूप से दर्ज की जा सके।
सुनवाई के दौरान यह भी सामने आया कि एक गवाह रघुबीर सिंह ने अदालत को बताया कि मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने उसे अदालत में बयान न देने और मामला बाहर सुलझाने का दबाव बनाने की कोशिश की। अदालत ने स्पष्ट किया कि भारत और अमेरिका के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही दर्ज करना न्यायिक प्रक्रिया का अहम हिस्सा है। इसके लिए तकनीकी व्यवस्था, निर्बाध बिजली आपूर्ति और आवश्यक स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। इस संबंध में जिला एवं सत्र न्यायाधीश को भी सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं।
यह है मामला
मामला उन आरोपों से जुड़ा है, जिनमें गुरमीत राम रहीम और अन्य आरोपियों पर हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा परिसर में पुरुष श्रद्धालुओं का आध्यात्मिक शुद्धिकरण के नाम पर जबरन बंध्याकरण कराने की साजिश रचने का आरोप है। शिकायतकर्ता, जो स्वयं इस प्रक्रिया से गुजर चुके हैं और महत्वपूर्ण गवाह हैं, वर्तमान में अमेरिका में रहते हैं। उन्होंने आवेदन देकर 13 हजार किलोमीटर की दूरी, भारी यात्रा खर्च, व्यक्तिगत असुविधा और अपनी जान को कथित खतरे का हवाला देते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिरह कराने का अनुरोध किया था।