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Panchkula News: शहर में महिलाएं नहीं सुरक्षित, डरा रहे झपटमारी और दुष्कर्म के आंकड़े

Chandigarh Bureau चंडीगढ़ ब्यूरो
Updated Thu, 04 Apr 2024 02:31 AM IST
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Women are not safe in the city, statistics of snatching and rape are scaring
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चंडीगढ़। सिटी ब्यूटीफुल में महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं। अचानक दोपहिया वाहन चालकों द्वारा महिलाओं से की जाने वाले झपटमारी से कई महिलाएं खौफ के साए में आ चुकी हैं। वहीं, महिलाओं के प्रति होने वाले कुल संगीन अपराध में भी पिछले वर्षोंं के मुकाबले बढ़ोतरी हुई है। पिछले वर्ष दुष्कर्म की धारा में दर्ज मामलों की संख्या ने 100 का आंकड़ा पार कर लिया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक महिलाओं से जुड़े ऐसे मामलों में ज्यादातर देखा गया है कि जानकार ही इन वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। वहीं वर्ष 2022 में झपटमारी के 129 मामले थे वहीं, 2023 में कुल 151 मामले दर्ज हुए।
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वर्ष 2021 में जहां दुष्कर्म के 74 मामले दर्ज हुए थे वहीं वर्ष 2022 में 68 और वर्ष 2023 में 101 मामले चंडीगढ़ पुलिस ने दर्ज किए। इसी प्रकार पिछले वर्ष महिलाओं और लड़कियों के अपहरण के मामलों में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई। 2021 में अपहरण के कुल 154 मामले दर्ज हुए, जिनमें से 119 महिलाओं और युवतियों से जुड़े थे जबकि बाकी 35 अन्य थे। वहीं, वर्ष 2022 में 133 अपहरण के मामलों में से 107 महिलाओं और युवतियों तथा बाकी 26 अन्य थे। वर्ष 2023 में यह आंकड़ा बढ़ गया और अपहरण के कुल 163 मामलों में महिलाओं और लड़कियों से जुड़े मामले 130 हो गए और बाकी 30 अन्य थे।
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छेड़छाड़ के मामलों में भी हुई वृद्धि

महिला और लड़कियों से छेड़छाड़ और अश्लील कृत्य के कुल मामले वर्ष 2021 में 38 दर्ज हुए। वर्ष 2022 में इनकी संख्या 37 हो गई और वर्ष 2023 में 40 थी। दूसरी ओर वर्ष 2021 में यौन शोषण के ऐसे कुल छह मामले दर्ज हुए। वर्ष 2022 में ऐसे दो मामले दर्ज हुए और वर्ष 2023 में ऐसे दर्ज मामलों की संख्या पांच थी। महिलाओं के प्रति पति और ससुरालियों द्वारा क्रूरता और दहेज प्रताड़ना के वर्ष 2021 में कुल 95 मामले दर्ज हुए। वर्ष 2022 में दर्ज मामलों की संख्या 81 और वर्ष 2023 में 76 थी। इनमें थोड़ी कमी देखी गई।

वर्ष 2021 और 2022 में युवतियों के अनैतिक व्यापार का एक भी मामला सामने नहीं आया जबकि वर्ष 2023 में ऐसे 6 मामले दर्ज हुए। इनके अलावा विवाह के सात वर्ष के भीतर विवाहिता के संदिग्ध परिस्थितियों में मरने पर धारा 304बी के तहत दर्ज मामलों की संख्या भी वर्ष 2021 और 2023 में चार थी जबकि वर्ष 2021 में ऐसा एक मामला दर्ज हुआ था।
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झपटमारी की वारदातों में भी इजाफा

वर्ष 2021 में शहर में झपटमारी के 121 मामले दर्ज किए गए थे। वहीं 2022 में यह संख्या 129 थी। वर्ष 2023 में झपटमारी के कुल 151 मामले दर्ज हुए। इन वारदातों में मोबाइल फोन झपटमारी से लेकर महिलाओं के गले से सोने की चेन, बालियां तक झपटने की वारदातें शामिल हैं। वहीं पुरुषों को भी ऐसी वारदातों में शिकार बनाया जा रहा है। ज्यादातर झपटमारियां सुनसान और अंधेरी जगहों पर अंजाम दी जा रही हैं। सुबह सैर को निकलने और बाजार से पैदल आने-जाने वाली बुजुर्ग महिलाएं ऐसे झपटमारों का आसान शिकार होती हैं।

दरिंदों ने 60 वर्षीय बुजुर्ग को भी नहीं छोड़ा था
पिछले वर्ष जुलाई में एक ऑटो चालक और उसके दोस्त ने 60 वर्ष की बुजुर्ग महिला के साथ दुष्कर्म कर उसे गांव कैंबवाला में आते जंगली सुनसान जगह पर फेंक दिया था। सेक्टर- 3 थाना पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपियों की उम्र 25 और 48 वर्ष थी। पीड़िता को सकेतड़ी मंदिर तक छोड़ने के नाम पर आरोपियों ने ऑटो में बिठाया था और वारदात की थी।

सातवीं कक्षा की छात्रा से नाबालिगों ने किया था सामूहिक दुष्कर्म

शहर के एक स्कूल में पढ़ने वाली सातवीं की छात्रा को पिछले वर्ष ब्लैकमेल करते हुए मई में पांच नाबालिग छात्रों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। पुलिस ने पांचों आरोपियों को पकड़ कर जुवेनाइल होम भेज दिया था। एक आरोपी पीड़िता का सहपाठी बताया गया था। वहीं बाकी नवीं कक्षा के छात्र बताए गए थे और उनकी उम्र 13 से 14 थी। अलग-अलग जगहों पर ले जाकर पीड़िता के साथ वारदात को अंजाम दिया गया था।

स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम जारी
बता दें कि स्कूलों में छोटे बच्चों को गुड टच-बैड टच के बारे में बताने के अलावा छात्राओं को छेड़छाड़ आदि घटनाओं से बचाने और ऐसे अपराधों के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाते हैं। इस दौरान उन्हें वूमेन हेल्पलाइन नंबर समेत बाकी माध्यमों से ऐसे मामलों की रिपोर्ट करवाने के प्रति भी जागरूक किया जाता है।

कोट्स

स्कूलों में न नियमित रूप से पोक्सो के सत्र लगाए जाते हैं। वहीं अध्यापकों और काउंसलर्स के लिए भी विशेष सत्र लगाए जाते हैं। इनमें पुलिस समेत कई विभागों के विशेषज्ञ शामिल होते हैं। शहर के सभी 112 सरकारी स्कूलों में यह जागरूकता कार्यक्रम हो रहे हैं। शहर में पेराफेरी के स्कूलों में बच्चों को जागरूक करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
शिप्रा बंसल, चेयरपर्सन, सीसीपीसीआर
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