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Panipat News: मास्टरमाइंड की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
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पानीपत। फर्जी फर्म के नाम से दो खाते से 51.82 करोड़ रुपये की साइबर ठगी के आरोपी अभिषेक शर्मा निवासी धौलानी जिला जयपुर राजस्थान को अदालत से झटका लगा है। अदालत ने आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
सुनवाई के दौरान सरकार का पक्ष रखते हुए लोक अभियोजक ने आरोपी को प्रकरण का मास्टरमाइंड होने का दावा किया। जिसके बाद दोनों पक्षाें की सुनवाई कर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश योगेश चौधरी की अदालत ने आरोपी जमानत याचिका खारिज करने के आदेश दिए।
साइबर क्राइम थाने में चार सितंबर 2025 को एक मुकदमा दर्ज किया गया था। हरियाणा साइबर क्राइम पुलिस को प्रदेश की 91 बैंक शाखाओं में संदिग्ध खाते मिले थे। जिनमें 11 खाते पानीपत की बैंक ऑफ इंडिया की जीटी रोड शाखा में खोले थे। इनमें दो खाते ट्रू आर्टिफिशियल ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड जिसका पता हैंडलूम टावल मार्केट और इंडो करियर्स एजेंसी के नाम से खोले गए थे। इन खातों को 110 से अधिक साइबर ठगी से अधिक मामलों में प्रयोग किया गया था। एक खाते में 51.82 करोड़ और दूसरे खाते में 32.93 लाख रुपये का लेनदेन हुआ था। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने जिनके नाम पर खाते थे उनके समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। एक आरोपी सुनील से हुई पूछताछ में आरोपी अभिषेक शर्मा का नाम सामने आया। इसके बाद से ही पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
आरोपी अभिषेक ने पानीपत जिला एवं सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी। जिसकी सुनवाई अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश योगेश चौधरी की अदालत में हुई। आरोपी के अधिवक्ता ने कहा कि अभिषेक की इस मामले में कोई संलिप्ता नहीं है। उसका आरोपियों से भी कोई लिंक नहीं है। पुलिस गलत तरीके से उन्हें फंसा रही है। जिस कारण जमानत याचिका को स्वीकार किया जाए। उएधर, सरकार का पक्ष रखते हुए लोक अभियोजक ने जमानत देने का विरोध किया। उन्होंने तर्क यया कि आरोपी पूछताछ में पूरे प्रकरण का मास्टर माइंड अभिषेक को बता रहे हैं। जिस कारण उसकी संलिप्ता है। आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जानी है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
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सुनवाई के दौरान सरकार का पक्ष रखते हुए लोक अभियोजक ने आरोपी को प्रकरण का मास्टरमाइंड होने का दावा किया। जिसके बाद दोनों पक्षाें की सुनवाई कर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश योगेश चौधरी की अदालत ने आरोपी जमानत याचिका खारिज करने के आदेश दिए।
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साइबर क्राइम थाने में चार सितंबर 2025 को एक मुकदमा दर्ज किया गया था। हरियाणा साइबर क्राइम पुलिस को प्रदेश की 91 बैंक शाखाओं में संदिग्ध खाते मिले थे। जिनमें 11 खाते पानीपत की बैंक ऑफ इंडिया की जीटी रोड शाखा में खोले थे। इनमें दो खाते ट्रू आर्टिफिशियल ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड जिसका पता हैंडलूम टावल मार्केट और इंडो करियर्स एजेंसी के नाम से खोले गए थे। इन खातों को 110 से अधिक साइबर ठगी से अधिक मामलों में प्रयोग किया गया था। एक खाते में 51.82 करोड़ और दूसरे खाते में 32.93 लाख रुपये का लेनदेन हुआ था। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने जिनके नाम पर खाते थे उनके समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। एक आरोपी सुनील से हुई पूछताछ में आरोपी अभिषेक शर्मा का नाम सामने आया। इसके बाद से ही पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
आरोपी अभिषेक ने पानीपत जिला एवं सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी। जिसकी सुनवाई अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश योगेश चौधरी की अदालत में हुई। आरोपी के अधिवक्ता ने कहा कि अभिषेक की इस मामले में कोई संलिप्ता नहीं है। उसका आरोपियों से भी कोई लिंक नहीं है। पुलिस गलत तरीके से उन्हें फंसा रही है। जिस कारण जमानत याचिका को स्वीकार किया जाए। उएधर, सरकार का पक्ष रखते हुए लोक अभियोजक ने जमानत देने का विरोध किया। उन्होंने तर्क यया कि आरोपी पूछताछ में पूरे प्रकरण का मास्टर माइंड अभिषेक को बता रहे हैं। जिस कारण उसकी संलिप्ता है। आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जानी है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।