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Panipat News: शहर में प्लॉट की रजिस्ट्री शुरू, सॉफ्टवेयर में प्रॉपर्टी आईडी नहीं मिलने पर ऑप्शन को अपनाया
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पानीपत। शहरी क्षेत्र में भी रजिस्ट्री शुरू हो गई हैं। पानीपत तहसील में 12वें दिन प्लॉट की तीन रजिस्ट्री की गई। इनमें नगर निगम क्षेत्र में दो और जाटल गांव की एक कॉलोनी में एक रजिस्ट्री गई। राजस्व विभाग ने इसके लिए सॉफ्टवेयर में प्रॉपर्टी आईडी न दिखने पर ऑप्शन दिया है। इसमें विषय के बारे में लिखना होगा। इसके बाद ही रजिस्ट्री के लिए तहसीलदार या नायब तहसीलदार रजिस्ट्री के लिए मंजूरी देंगे।
जिला में एक नवंबर को पेपरलेस रजिस्ट्री शुरू की थी। सॉफ्टवेयर में नगर निगम क्षेत्र के प्लॉट में प्रॉपर्टी आईडी नहीं दिख रही थी। जबकि मुख्यालय में साॅफ्टवेयर में यह सब दिख रहा था। ऐसे में रजिस्ट्री के लिए आवेदनों को होल्ड कर लिया था। राजस्व अधिकारियों ने बुधवार को रजिस्ट्री करने के लिए प्रॉपर्टी आईडी न होने पर तरीका निकाला। इसके लिए रि-मार्क्स में एक कॉलम दिया गया। जिसमें संबंधित अधिकारी विषय के बारे में विस्तार से लिखा। इसके बाद रजिस्ट्री के लिए मंजूरी मिली। नगर निगम क्षेत्र और जाटल गांव में की गई तीनों रजिस्ट्री में इसी ऑप्शन को अपनाया गया। लोगों ने रजिस्ट्री होने के बाद राहत की सांस ली। रमेश कुमार ने बताया कि प्लॉट की रजिस्ट्री के लिए कई दिन से चक्कर काट रहे थे। बुधवार को प्लॉट की रजिस्ट्री की गई। पेपरलेस रजिस्ट्री सामान्य रजिस्ट्री से बेहतर है। अब डॉक्यूमेंट ऑनलाइन अपलोड करने के बाद रजिस्ट्री के लिए सीधे तारीख मिलती हैं। पहले कागज तैयार करने के लिए बाबुओं के चक्कर काटने पड़ते थे। इसमें समय की भी बचत हुई है।
भूमि डेटा में त्रुटियों का संशोधन
शहरी व ग्रामीण कॉलोनियों का डेटा अपडेट किया गया है। नगर निकायों से प्रॉपट्री आईडी आधारित रजिस्ट्री और वैध कॉलोनियों को यूएलबी पोर्टल से जोड़ा गया है। नई तकनीकी सुविधाएं भी जोड़ी हैं। पार्टनरशिप डीड की सीमा 500 से बढ़ाकर 10 हजार अक्षर, दस्तावेज अपलोड सीमा 10 एमबी से बढ़ाकर 40 एमबी और त्रुटि को ठीक करना शामिल है। जिसे नागरिक बिना अतिरिक्त शुल्क सुधार कर सकते हैं। इसके साथ जीपीए रजिस्ट्री प्रक्रिया को भी और सरल बनाया गया है। नायब तहसीलदार सौरभ शर्मा ने बताया कि मामूली नाम की त्रुटियों के कारण आवेदन अब अस्वीकृत नहीं होंगे और नागरिक अगले कार्य दिवस से अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।
हेल्प डेस्क स्थापित की
नागरिकों की सुविधा को देखते हुए प्रत्येक तहसील और उप-तहसील कार्यालय में हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं। इससे किसी भी प्रकार की समस्या का त्वरित समाधान किया जा सके। इसके अतिरिक्त नागरिक टोल-फ्री नंबर 0172-2707321 पर संपर्क कर सकते हैं। वे अपनी शिकायत या प्रश्न दर्ज करा सकते हैं।
वर्जन :
पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली पूर्ण रूप से क्रियाशील है। जिले की सभी तहसीलों और उप-तहसीलों में रजिस्ट्री का कार्य अब पूरी तरह डिजिटल माध्यम से किया जा रहा है। कार्यालय सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं और किसी भी पेपरलेस रजिस्ट्री सेवा को निलंबित नहीं किया गया है। नागरिक ई-रजिस्ट्री के लिए पोर्टल पर जाकर आवेदन, दस्तावेज सत्यापन और अपॉइंटमेंट की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। यह प्रणाली न केवल पारदर्शिता बढ़ा रही है, बल्कि समय की बचत और दक्षता में भी वृद्धि कर रही है।
डॉ. वीरेंद्र कुमार दहिया, उपायुक्त।
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जिला में एक नवंबर को पेपरलेस रजिस्ट्री शुरू की थी। सॉफ्टवेयर में नगर निगम क्षेत्र के प्लॉट में प्रॉपर्टी आईडी नहीं दिख रही थी। जबकि मुख्यालय में साॅफ्टवेयर में यह सब दिख रहा था। ऐसे में रजिस्ट्री के लिए आवेदनों को होल्ड कर लिया था। राजस्व अधिकारियों ने बुधवार को रजिस्ट्री करने के लिए प्रॉपर्टी आईडी न होने पर तरीका निकाला। इसके लिए रि-मार्क्स में एक कॉलम दिया गया। जिसमें संबंधित अधिकारी विषय के बारे में विस्तार से लिखा। इसके बाद रजिस्ट्री के लिए मंजूरी मिली। नगर निगम क्षेत्र और जाटल गांव में की गई तीनों रजिस्ट्री में इसी ऑप्शन को अपनाया गया। लोगों ने रजिस्ट्री होने के बाद राहत की सांस ली। रमेश कुमार ने बताया कि प्लॉट की रजिस्ट्री के लिए कई दिन से चक्कर काट रहे थे। बुधवार को प्लॉट की रजिस्ट्री की गई। पेपरलेस रजिस्ट्री सामान्य रजिस्ट्री से बेहतर है। अब डॉक्यूमेंट ऑनलाइन अपलोड करने के बाद रजिस्ट्री के लिए सीधे तारीख मिलती हैं। पहले कागज तैयार करने के लिए बाबुओं के चक्कर काटने पड़ते थे। इसमें समय की भी बचत हुई है।
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भूमि डेटा में त्रुटियों का संशोधन
शहरी व ग्रामीण कॉलोनियों का डेटा अपडेट किया गया है। नगर निकायों से प्रॉपट्री आईडी आधारित रजिस्ट्री और वैध कॉलोनियों को यूएलबी पोर्टल से जोड़ा गया है। नई तकनीकी सुविधाएं भी जोड़ी हैं। पार्टनरशिप डीड की सीमा 500 से बढ़ाकर 10 हजार अक्षर, दस्तावेज अपलोड सीमा 10 एमबी से बढ़ाकर 40 एमबी और त्रुटि को ठीक करना शामिल है। जिसे नागरिक बिना अतिरिक्त शुल्क सुधार कर सकते हैं। इसके साथ जीपीए रजिस्ट्री प्रक्रिया को भी और सरल बनाया गया है। नायब तहसीलदार सौरभ शर्मा ने बताया कि मामूली नाम की त्रुटियों के कारण आवेदन अब अस्वीकृत नहीं होंगे और नागरिक अगले कार्य दिवस से अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।
हेल्प डेस्क स्थापित की
नागरिकों की सुविधा को देखते हुए प्रत्येक तहसील और उप-तहसील कार्यालय में हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं। इससे किसी भी प्रकार की समस्या का त्वरित समाधान किया जा सके। इसके अतिरिक्त नागरिक टोल-फ्री नंबर 0172-2707321 पर संपर्क कर सकते हैं। वे अपनी शिकायत या प्रश्न दर्ज करा सकते हैं।
वर्जन :
पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली पूर्ण रूप से क्रियाशील है। जिले की सभी तहसीलों और उप-तहसीलों में रजिस्ट्री का कार्य अब पूरी तरह डिजिटल माध्यम से किया जा रहा है। कार्यालय सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं और किसी भी पेपरलेस रजिस्ट्री सेवा को निलंबित नहीं किया गया है। नागरिक ई-रजिस्ट्री के लिए पोर्टल पर जाकर आवेदन, दस्तावेज सत्यापन और अपॉइंटमेंट की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। यह प्रणाली न केवल पारदर्शिता बढ़ा रही है, बल्कि समय की बचत और दक्षता में भी वृद्धि कर रही है।
डॉ. वीरेंद्र कुमार दहिया, उपायुक्त।