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Rewari News: कमरे में लगी आग बुझाने गए युवक की जलकर मौत
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13जेएनडी14: आग लगने से गिरी तूड़े के कमरे की छत। संवाद
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जुलाना (जींद)। कस्बे के वार्ड 13 में शनिवार सुबह शाॅर्ट सर्किट से तूड़े के कमरे व बरामदे में आग लग गई। आग बुझाने गए युवक की आग में छत गिरने से मौत हो गई। बरामदे में बंधी भैंस की भी चपेट में आने से माैत हो गई। घटना की सूचना पाकर आसपास के लोग एकजुट हुए और आग पर काबू पाने का प्रयास किया।
वार्ड 13 निवासी दीपक के मकान में सुबह 05:50 पर अचानक आग लग गई। पड़ोसी रवि, पंकज, दीपक, साहिल तूड़े के कमरे की छत को उखाड़ने के लिए छत पर चले गए। कमरे की छत लकड़ी की कड़ियों और फट्टियों की बनी थी। आग में जलकर कमजोर हुई छत गिर गई। इसमें 22 वर्षीय युवक साहिल आग में गिरकर मलबे के नीचे दब गया और बुरी तरह झुलस गया। जब तक उसे बाहर निकाला गया तब तक साहिल की मौत हो चुकी थी। अन्य युवक छत के टूटते ही दीवार से आंगन की तरफ कूद गए।
साहिल को जुलाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी मौके पर पहुंच गई थी लेकिन इससे पहले यह हादसा हो चुका था।
मजदूर पिता के सपनों पर फिरा पानी
साहिल के पिता सुनील मजदूरी का काम करते हैं। सुनील मजदूरी कर अपने दोनों बेटों को पढ़ा रहे थे। साहिल 12वीं की परीक्षा पास कर महम में लैब तकनीशियन का कोर्स कर रहा था। साहिल के कोर्स को पूरा होने में मात्र तीन महीने ही बचे थे। साहिल का बड़ा भाई बीए पास कर चुका है। सुनील को उम्मीद थी कि साहिल कोर्स पूरा कर उनके परिवार का गुजर बसर सही ढंग से चलाएगा लेकिन हादसे के बाद सुनील के सपनों पर पानी फिर गया।
फायर ब्रिगेड की गाड़ी पर समय से न आने का आरोप
मृतक साहिल के चाचा पंकज ने आरोप लगाया कि सूचना के 45 मिनट बाद फायर ब्रिगेड पहुंची। अगर गाड़ी समय पर आती तो साहिल की जान बच जाती। साहिल छत से गिरने के बाद भी लगभग 30 मिनट तक मलबे में दबा रहा। आसपास के लोगों ने ही साहिल को बाहर निकाला लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
वर्जन
सूचना के छह मिनट बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंच गई थी। इतना समय गलियों में रास्ता नहीं होने व बिजली की तार नीचे लटकने के कारण लगा। हादसे वाले मकान तक गली तंग होने के कारण गाड़ी घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाई। आग बुझाने के लिए छह हाैज लगाए गए थे। -देवी प्रसन्न, सब फायर अफसर जुलाना, जींद।

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साहिल को जुलाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी मौके पर पहुंच गई थी लेकिन इससे पहले यह हादसा हो चुका था।
मजदूर पिता के सपनों पर फिरा पानी
साहिल के पिता सुनील मजदूरी का काम करते हैं। सुनील मजदूरी कर अपने दोनों बेटों को पढ़ा रहे थे। साहिल 12वीं की परीक्षा पास कर महम में लैब तकनीशियन का कोर्स कर रहा था। साहिल के कोर्स को पूरा होने में मात्र तीन महीने ही बचे थे। साहिल का बड़ा भाई बीए पास कर चुका है। सुनील को उम्मीद थी कि साहिल कोर्स पूरा कर उनके परिवार का गुजर बसर सही ढंग से चलाएगा लेकिन हादसे के बाद सुनील के सपनों पर पानी फिर गया।
फायर ब्रिगेड की गाड़ी पर समय से न आने का आरोप
मृतक साहिल के चाचा पंकज ने आरोप लगाया कि सूचना के 45 मिनट बाद फायर ब्रिगेड पहुंची। अगर गाड़ी समय पर आती तो साहिल की जान बच जाती। साहिल छत से गिरने के बाद भी लगभग 30 मिनट तक मलबे में दबा रहा। आसपास के लोगों ने ही साहिल को बाहर निकाला लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
वर्जन
सूचना के छह मिनट बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंच गई थी। इतना समय गलियों में रास्ता नहीं होने व बिजली की तार नीचे लटकने के कारण लगा। हादसे वाले मकान तक गली तंग होने के कारण गाड़ी घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाई। आग बुझाने के लिए छह हाैज लगाए गए थे। -देवी प्रसन्न, सब फायर अफसर जुलाना, जींद।
13जेएनडी14: आग लगने से गिरी तूड़े के कमरे की छत। संवाद