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Haryana: नाबालिग से अपहरण और दुष्कर्म मामले में कोर्ट से सुनाया फैसला, दोषी को 20 साल की कैद और जुर्माना
संवाद न्यूज एजेंसी, रेवाड़ी
Published by: शाहिल शर्मा
Updated Sun, 21 Dec 2025 06:44 PM IST
सार
नाबालिग का अपहरण और दुष्कर्म करने के मामले में पुलिस ने दोषी को सजा सुनाई है। फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट में पीड़िता को एक साल में इंसाफ मिल गया।
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कोर्ट का दुष्कर्म मामले में फैसला
- फोटो : सांकेतिक तस्वीर
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विस्तार
नाबालिग का अपहरण और दुष्कर्म करने के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट) लोकेश गुप्ता की अदालत ने सोनीपत के गोहाना निवासी अर्जुन को दोषी करार देते हुए 20 साल कैद व 25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में दोषी को 20 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
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जिले के एक कस्बे की रहने वाली नाबालिग लड़की ने 18 फरवरी 2024 को बताया था कि इंस्टाग्राम के माध्यम से उसकी बातचीत किसी अर्जुन नाम के युवक से होती थी। 13 फरवरी 2024 को आरोपी ने उसे फोन कर हिसार बुलाया। वहां से आरोपी उसे अपने ट्रक में बैठाकर उत्तर प्रदेश ले गया।
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आरोपी ने नाबालिग को चार दिन तक अपने साथ ट्रक में रखा और इस दौरान उसके साथ दुष्कर्म किया। 18 फरवरी 2024 को आरोपी उसे रोहतक बस स्टैंड पर छोड़कर फरार हो गया। पीड़िता ने घर पहुंचकर परिजनों को पूरी घटना की जानकारी दी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी अर्जुन को गिरफ्तार किया कर लिया था। पुलिस ने जांच के बाद अदालत में चार्जशीट दायर की गई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अदालत में साक्ष्य प्रस्तुत किए और गवाहों के बयान भी दर्ज कराए। साक्ष्यों और सभी पहलुओं पर सुनवाई के बाद फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के एएसजे लोकेश गुप्ता ने आरोपी युवक को नाबालिग का अपहरण और दुष्कर्म करने का दोषी करार दिया।
पुलिस अधीक्षक हेमेंद्र कुमार मीणा ने सभी थाना प्रबंधक, चौकी इंचार्ज व अनुसंधानकर्ताओं को निर्देश देते हुए कहा है कि महिला विरूद्ध अपराध व पॉक्सो एक्ट के तहत शिकायत का बिना किसी विलंब के शिकायत के आधार पर अभियोग अंकित करें, साथ ही महत्वपूर्ण व तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर प्रभावी पुलिस कार्रवाई करते हुए न्यायालय में आरोपियों को दंड व पीड़ित को न्याय दिलाने का कार्य करें।