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Rewari News: रिटायर्ड कर्मचारी संघ ने 17 दिसंबर को लिया प्रदर्शन करने का निर्णय
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बैठक में अपनी मांग उठाते रिटायर्ड कर्मचारी संघ के पदाधिकारी। स्रोत : संघ
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रेवाड़ी। रिटायर्ड कर्मचारी संघ की बैठक प्रधान रामेश्वर दयाल शर्मा की अध्यक्षता में संघ के कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक में मुख्यातिथि रत्न कुमार जिंदल और धर्मपाल शर्मा उपस्थित रहे।
रिटायर्ड कर्मचारी संघ के वरिष्ठ सदस्य आरडी शर्मा ने सरकार की पेंशनर्स विरोधी नीतियों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का यह कहना है कि पेंशन अन फंडेड और नॉन-कंट्रीब्यूटरी है, यह सही नहीं है। उनका कहना था कि वित्त विधेयक 2025 में पेंशन पुनरीक्षण की चर्चा किए बिना गैर अंशदायी पेंशन पर होने वाले खर्च का आकलन करने का प्रावधान शामिल किया गया है।
आरडी शर्मा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयानुसार पेंशन सेवानिवृत्त कर्मियों का मौलिक अधिकार है और इसे आर्थिक बहाने से रोका नहीं जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी कर्मचारियों के साथ पेंशनर्स का पुनरीक्षण समान रूप से होना चाहिए और उनके बीच किसी भी प्रकार का भेदभाव स्वीकार्य नहीं है।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ और रिटायर्ड कर्मचारी संघ की तरफ से 17 दिसंबर को दोपहर 10 बजे से 1 बजे तक उपायुक्त के माध्यम से हरियाणा के राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा और धरना प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य वित्त विधेयक 2025 भाग 4 के विरोध में अपनी मांगों को शासन तक पहुंचाना है।
सभा में अन्य मांगों में सभी अस्पतालों में कैशलेस इलाज, मेडिकल भत्ता, 65 वर्ष से 75 वर्ष आयु में मूल पेंशन में 10% और 20% वृद्धि, रेलवे व हवाई यात्रा में 50% छूट सहित कई अन्य लाभ शामिल हैं।
इस मौके पर सभा में मनफूल सिंह सांगवान, कैलाश कुमार, राम आचार्य, धर्मबीर, अभय सिंह, रोशन लाल, महेन्द्र शर्मा, राजपाल यादव व अन्य लोग मौजूद रहे।
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रिटायर्ड कर्मचारी संघ के वरिष्ठ सदस्य आरडी शर्मा ने सरकार की पेंशनर्स विरोधी नीतियों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का यह कहना है कि पेंशन अन फंडेड और नॉन-कंट्रीब्यूटरी है, यह सही नहीं है। उनका कहना था कि वित्त विधेयक 2025 में पेंशन पुनरीक्षण की चर्चा किए बिना गैर अंशदायी पेंशन पर होने वाले खर्च का आकलन करने का प्रावधान शामिल किया गया है।
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आरडी शर्मा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयानुसार पेंशन सेवानिवृत्त कर्मियों का मौलिक अधिकार है और इसे आर्थिक बहाने से रोका नहीं जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी कर्मचारियों के साथ पेंशनर्स का पुनरीक्षण समान रूप से होना चाहिए और उनके बीच किसी भी प्रकार का भेदभाव स्वीकार्य नहीं है।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ और रिटायर्ड कर्मचारी संघ की तरफ से 17 दिसंबर को दोपहर 10 बजे से 1 बजे तक उपायुक्त के माध्यम से हरियाणा के राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा और धरना प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य वित्त विधेयक 2025 भाग 4 के विरोध में अपनी मांगों को शासन तक पहुंचाना है।
सभा में अन्य मांगों में सभी अस्पतालों में कैशलेस इलाज, मेडिकल भत्ता, 65 वर्ष से 75 वर्ष आयु में मूल पेंशन में 10% और 20% वृद्धि, रेलवे व हवाई यात्रा में 50% छूट सहित कई अन्य लाभ शामिल हैं।
इस मौके पर सभा में मनफूल सिंह सांगवान, कैलाश कुमार, राम आचार्य, धर्मबीर, अभय सिंह, रोशन लाल, महेन्द्र शर्मा, राजपाल यादव व अन्य लोग मौजूद रहे।