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Rewari News: रेलवे स्टेशन पर लगेंगी 15 अत्याधुनिक प्लास्टिक बोतल क्रशिंग और श्रेडिंग मशीनें
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रेवाड़ी रेलवे स्टेशन पर खड़ी ट्रेन। संवाद
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रेवाड़ी। रेवाड़ी रेलवे स्टेशन के सभी प्लेटफाॅर्मों और मुख्य स्थानों पर 15 अत्याधुनिक प्लास्टिक बोतल क्रेशिंग (कुचलना) और श्रेडिंग (टुकड़े करना) मशीनें स्थापित की जाएंगी। नए साल में इसका टेंडर कर दिया जाएगा और नए वर्ष में संभावना है कि यात्रियों को यह सुविधा मिल भी जाएगी।
ठेकेदार ही इन मशीनों की देखरेख और संचालन का जिम्मा संभालेगा। यह पहल यात्रियों को उपयोग की गई प्लास्टिक की बोतलें, चम्मच व गिलास सहित अन्य प्लास्टिक की चीजों को स्टेशन पर कहीं भी फेंकने के बजाय इन मशीनों में डालने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
इन मशीनों के द्वारा प्लास्टिक को टुकड़ों में तोड़कर औद्योगिक इकाइयों में रिसाइकिलिंग के लिए भेजा जाएगा जिससे स्टेशन पर गंदगी कम होगी और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। यह कदम स्वच्छता और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हो सकता है।
अक्सर यह देखा गया है कि कई लोग उपयोग की गई खाली बोतलों को इकट्ठा करके, उनमें अनधिकृत रूप से पानी भरकर, बिना किसी स्वच्छता प्रक्रिया के कई स्टेशनों पर यात्रियों को दोबारा बेच देते हैं। अब इन बोतलों को मशीन द्वारा तुरंत नष्ट करके औद्योगिक इकाइयों में भेजा जाएगा। इन मशीनों में यात्रियों को बोतल को ढक्कन सहित ही डालना होगा।
आसानी से कर सकेंगे मशीन उपयोग
इन मशीनों का उपयोग करना बेहद आसान होगा और यात्री इन्हें सरलता से संचालित कर सकेंगे। यात्री को बस अपनी उपयोग की गई प्लास्टिक की बोतल या अन्य प्लास्टिक सामग्री को मशीन में बनी निर्दिष्ट जगह में डालना होगा। इस प्रक्रिया में, बोतल को ढक्कन सहित ही मशीन में डालना होगा। इसके बाद, बिजली से संचालित यह मशीन थोड़ी सी आवाज के साथ अपनी प्रक्रिया शुरू कर देगी। यह प्लास्टिक सामग्री को क्रश (कुचलेगी) और श्रेड (छोटे टुकड़ों में काटेगी) करेगी। इस प्रकार, प्लास्टिक को आसानी से रिसाइकिलिंग के लिए तैयार किया जा सकेगा जिससे बड़ी संख्या में प्लास्टिक को दोबारा उपयोग में लाया जा सकेगा और पर्यावरण पर इसका नकारात्मक प्रभाव कम होगा।
वर्जन
प्लेटफाॅर्मों पर प्लास्टिक बोतल क्रेशिंग व श्रेडिंग मशीनें लगाई जाएगी। इसको लेकर टेंडर लगाया जाएगा। इससे सफाई व्यवस्था भी काफी ठीक होगी। -पूजा मित्तल, सीनियर डीसीएम, जयपुर डिविजन, उत्तर पश्चिम रेलवे
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ठेकेदार ही इन मशीनों की देखरेख और संचालन का जिम्मा संभालेगा। यह पहल यात्रियों को उपयोग की गई प्लास्टिक की बोतलें, चम्मच व गिलास सहित अन्य प्लास्टिक की चीजों को स्टेशन पर कहीं भी फेंकने के बजाय इन मशीनों में डालने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
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इन मशीनों के द्वारा प्लास्टिक को टुकड़ों में तोड़कर औद्योगिक इकाइयों में रिसाइकिलिंग के लिए भेजा जाएगा जिससे स्टेशन पर गंदगी कम होगी और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। यह कदम स्वच्छता और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हो सकता है।
अक्सर यह देखा गया है कि कई लोग उपयोग की गई खाली बोतलों को इकट्ठा करके, उनमें अनधिकृत रूप से पानी भरकर, बिना किसी स्वच्छता प्रक्रिया के कई स्टेशनों पर यात्रियों को दोबारा बेच देते हैं। अब इन बोतलों को मशीन द्वारा तुरंत नष्ट करके औद्योगिक इकाइयों में भेजा जाएगा। इन मशीनों में यात्रियों को बोतल को ढक्कन सहित ही डालना होगा।
आसानी से कर सकेंगे मशीन उपयोग
इन मशीनों का उपयोग करना बेहद आसान होगा और यात्री इन्हें सरलता से संचालित कर सकेंगे। यात्री को बस अपनी उपयोग की गई प्लास्टिक की बोतल या अन्य प्लास्टिक सामग्री को मशीन में बनी निर्दिष्ट जगह में डालना होगा। इस प्रक्रिया में, बोतल को ढक्कन सहित ही मशीन में डालना होगा। इसके बाद, बिजली से संचालित यह मशीन थोड़ी सी आवाज के साथ अपनी प्रक्रिया शुरू कर देगी। यह प्लास्टिक सामग्री को क्रश (कुचलेगी) और श्रेड (छोटे टुकड़ों में काटेगी) करेगी। इस प्रकार, प्लास्टिक को आसानी से रिसाइकिलिंग के लिए तैयार किया जा सकेगा जिससे बड़ी संख्या में प्लास्टिक को दोबारा उपयोग में लाया जा सकेगा और पर्यावरण पर इसका नकारात्मक प्रभाव कम होगा।
वर्जन
प्लेटफाॅर्मों पर प्लास्टिक बोतल क्रेशिंग व श्रेडिंग मशीनें लगाई जाएगी। इसको लेकर टेंडर लगाया जाएगा। इससे सफाई व्यवस्था भी काफी ठीक होगी। -पूजा मित्तल, सीनियर डीसीएम, जयपुर डिविजन, उत्तर पश्चिम रेलवे