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Rewari News: लंबे समय तक बैठे रहने से रीढ़ की हड्डी का बढ़ रहा दर्द, युवा भी चपेट में
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रेवाड़ी। खराब जीवन शैली और अधिक समय तक बैठकर काम करते रहने से 20-25 वर्ष के युवा भी रीढ़ की हड्डी में दर्द और कमर दर्द की समस्या से पीड़ित हो रहे हैं। पहले इस तरह की ज्यादातर समस्या बुजुर्गों को होती थी। रीढ़ की हड्डी और कमर दर्द की समस्या से पीड़ित मरीज ट्राॅमा सेंटर के फिजियोथेरेपी विभाग में आ रहे हैं। इसमें एक तिहाई मरीज कमर दर्द के होते हैं।
कमर दर्द की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों में अधिकतर युवा व महिलाएं शामिल हैं। ऐसी समस्या वाले 40-50 मरीज फिजियोथेरेपी कराने आते हैं। कुर्सी पर अधिक समय तक बैठकर काम करने वाले अधिकतर लोग ऐसी समस्याओं से पीड़ित होते हैं।
युवा वर्ग में कमर दर्द की तीन बड़ी वजह
ट्राॅमा सेंटर स्थित फिजियोथेरेपी विभाग की प्रमुख डॉ. निशा ने बताया कि भागदौड़ भरी जिंदगी में युवा भी कमर दर्द की चपेट में आ गए हैं। लोग लंबे समय तक मोबाइल, कंप्यूटर और लैपटॉप पर व्यस्त रहते हैं। इसकी वजह से कम उम्र के युवाओं में कमर और रीढ़ की हड्डी का दर्द बढ़ता जा रहा है। 20 से 25 साल की उम्र के युवा इन समस्याओं को लेकर आ रहे हैं। कमर में दर्द के लिए बैठने का गलत तरीका और अनियमित जीवनशैली जिम्मेदार है। कई लोग हेल्दी खाने-पीने के बजाय जंक फूड को तरजीह देते हैं। नौकरीपेशा लोगों में यह आदत ज्यादा देखी गई है।
महिलाएं बरतें ये सावधानी
डॉ. निशा ने बताया कि कमर दर्द से संबंधित मरीजों में महिलाएं अधिक हैं। महिलाएं रसोई में अधिक देर तक खड़ा होकर काम करती हैं। झुक कर वजन उठाती हैं जिससे उनको कमर दर्द की शिकायत हो रही है। ऐसी महिलाओं को शरीर का वजन बढ़ने पर कमर पर पड़ने वाले भार के बारे में जानकारी दी जा रही है। शरीर के वजन, हड्डियों के जोड़ों की क्षमता व काम करने के सही तरीके के बीच संतुलन बनाकर कमर दर्द से बचा जा सकता है।
दर्द से राहत के उपाय
गर्म पानी से सिकाई करें, खाने में कैल्शियम व विटामिन सी की मात्रा बढ़ाएं, हाई हील के सैंडल न पहनें, झुककर कोई भी काम न करें, अधिक देर तक खड़ा होकर काम न करें, कुर्सी पर सीधा होकर बैठें, 7-45 मिनट तक बैठने या खड़े रहने के बाद 15 मिनट का ब्रेक लें।
वर्जन
कमर दर्द से पीड़ित युवा फिजियोथेरेपी के लिए आने लगे हैं। उनमें कई मरीज ऐसे हैं जो अपनी दिनचर्या व काम करने के तरीके में बदलाव कर इस दर्द से खुद ही छुटकारा पा सकते हैं। मरीजों को दवा के साथ इससे बचने के उपाय बताए जा रहे हैं। -डॉ. निशा, फिजियोथेरेपी विभाग, ट्राॅमा सेंटर, रेवाड़ी।
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कमर दर्द की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों में अधिकतर युवा व महिलाएं शामिल हैं। ऐसी समस्या वाले 40-50 मरीज फिजियोथेरेपी कराने आते हैं। कुर्सी पर अधिक समय तक बैठकर काम करने वाले अधिकतर लोग ऐसी समस्याओं से पीड़ित होते हैं।
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युवा वर्ग में कमर दर्द की तीन बड़ी वजह
ट्राॅमा सेंटर स्थित फिजियोथेरेपी विभाग की प्रमुख डॉ. निशा ने बताया कि भागदौड़ भरी जिंदगी में युवा भी कमर दर्द की चपेट में आ गए हैं। लोग लंबे समय तक मोबाइल, कंप्यूटर और लैपटॉप पर व्यस्त रहते हैं। इसकी वजह से कम उम्र के युवाओं में कमर और रीढ़ की हड्डी का दर्द बढ़ता जा रहा है। 20 से 25 साल की उम्र के युवा इन समस्याओं को लेकर आ रहे हैं। कमर में दर्द के लिए बैठने का गलत तरीका और अनियमित जीवनशैली जिम्मेदार है। कई लोग हेल्दी खाने-पीने के बजाय जंक फूड को तरजीह देते हैं। नौकरीपेशा लोगों में यह आदत ज्यादा देखी गई है।
महिलाएं बरतें ये सावधानी
डॉ. निशा ने बताया कि कमर दर्द से संबंधित मरीजों में महिलाएं अधिक हैं। महिलाएं रसोई में अधिक देर तक खड़ा होकर काम करती हैं। झुक कर वजन उठाती हैं जिससे उनको कमर दर्द की शिकायत हो रही है। ऐसी महिलाओं को शरीर का वजन बढ़ने पर कमर पर पड़ने वाले भार के बारे में जानकारी दी जा रही है। शरीर के वजन, हड्डियों के जोड़ों की क्षमता व काम करने के सही तरीके के बीच संतुलन बनाकर कमर दर्द से बचा जा सकता है।
दर्द से राहत के उपाय
गर्म पानी से सिकाई करें, खाने में कैल्शियम व विटामिन सी की मात्रा बढ़ाएं, हाई हील के सैंडल न पहनें, झुककर कोई भी काम न करें, अधिक देर तक खड़ा होकर काम न करें, कुर्सी पर सीधा होकर बैठें, 7-45 मिनट तक बैठने या खड़े रहने के बाद 15 मिनट का ब्रेक लें।
वर्जन
कमर दर्द से पीड़ित युवा फिजियोथेरेपी के लिए आने लगे हैं। उनमें कई मरीज ऐसे हैं जो अपनी दिनचर्या व काम करने के तरीके में बदलाव कर इस दर्द से खुद ही छुटकारा पा सकते हैं। मरीजों को दवा के साथ इससे बचने के उपाय बताए जा रहे हैं। -डॉ. निशा, फिजियोथेरेपी विभाग, ट्राॅमा सेंटर, रेवाड़ी।