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Rewari News: सोलहाराही व बड़ा तालाब होंगे जगमग, विद्युत कार्य के लिए टेंडर जारी
संवाद न्यूज एजेंसी, रेवाड़ी
Updated Sun, 07 Dec 2025 12:41 AM IST
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प्रचीन बड़ा तालाब। संवाद
- फोटो : कलेक्ट्रेट सभागार में राजनैतिक दलों के साथ बैठक करते एडीएम विशुराजा। स्रोत विभाग
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रेवाड़ी। शहर के दो प्रमुख तालाब बड़ा तालाब और सोलहाराही तालाब के संरक्षण व पुनर्स्थापन कार्यों से जुड़े विद्युत सेवाओं के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। दोनों परियोजनाओं के लिए जारी किए गए टेंडरों में केवल विद्युत से संबंधित कार्य शामिल हैं, जिनमें प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा उपकरण, केबलिंग, पैनल बोर्ड, पंपों के लिए विद्युत व्यवस्था और स्मार्ट मॉनिटरिंग सिस्टम जैसे प्रावधानों की स्थापना प्रमुख हैं।
पहला टेंडर बड़ा तालाब से संबंधित है। यह तालाब लंबे समय से शहर की ऐतिहासिक पहचान और स्थानीय जरूरतों का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। इसके संरक्षण व पुनरूद्धार के लिए जारी टेंडर में प्रकाश व्यवस्था को आधुनिक स्वरूप देने, घाटों के आसपास एलईडी लाइट्स, ऊर्जा-दक्ष उपकरण, भूमिगत केबलिंग और आपातकालीन सुरक्षा सिस्टम स्थापित करने जैसे कार्य शामिल हैं। इस पर करीब 12.65 लाख रुपये खर्च होंगे।
दूसरे टेंडर के मुताबिक सोलहाराही तालाब के नवीनीकरण में भी विद्युत सेवाओं का अहम रोल रहेगा। इसमें तालाब के किनारे बैठने के क्षेत्रों, पार्किंग और पैदल मार्गों पर ऊर्जा-सक्षम लाइटों की स्थापना, जल स्तर बनाए रखने के लिए पंपों की विद्युत आपूर्ति, पैनल बोर्ड और अर्थिंग सिस्टम शामिल किए जाने की संभावना है। करीब 14.13 लाख रुपये खर्च होंगे। फिलहाल टेंडर भरने की अंतिम तिथि 12 दिसंबर तय की गई है।
दोनों तालाबों में जेएनएन नहर से आएगा पानी
दोनों तालाबों को जेएनएन नहर से भी कनेक्ट किया जाएगा। इसके लिए जेएलएन नहर से लेकर इन दोनों तालाबों तक करीब 7.4 किमी. लंबी लाइन बिछाई जाएगी। जो गढ़ी बोलनी रोड के साथ से होते हुए राजेश पायलट चौक, आईओसी चौक से राजीव गांधी चौक होते हुए तालाब तक बिछेगी। पाइपलाइन बिछाने के लिए 3.81 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सिंचाई विभाग की कंस्ट्रक्शन विंग की ओर से दोनों तालाबों में पानी से भरने का कार्य पूरा होगा। इन तालाबों के किनारे लाइट और फव्वारे लगाकर आकर्षक ढंग से सजाया जाएगा। दोनों तालाबों का करीब 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। मार्च 2026 से पहले कार्य पूरा होने की संभावना है। दोनों तालाबों का करीब 10 करोड़ से सुंदरीकरण का कार्य किया जा रहा है। कार्य पूरा होने पर नगर परिषद को इसकी देखरेख की जिम्मेदारी दी जाएगी।
तालाबों में भविष्य में नाव चलाने की है योजना
मौजूदा समय में बड़ा तालाब और सेक्टर-1 स्थित सोलहाराही सरोवर के जीर्णोद्धार का कार्य होगा। दोनों तालाबों में बने घाट, बावड़ियां व सीढ़ियों को संवारा गया है। दोनों तालाबों के चारों ओर नए सिरे से घाट, छतरियां व सीढ़ियां बनाई गई हैं। तालाब के पास लोगों के बैठने के लिए छतरियां बनाई गई हैं। दोनों तालाबों के चारों ओर अब लाइट लगाई जाएंगी। तालाबों की दीवारों को ऐतिहासिक रूप देने के लिए राजस्थान से मंगवाए गए पत्थर लगाए गए हैं। इन धरोहर को पुराने अस्तित्व में लौटाने के लिए यह कार्य अगले साल पूरा होने की उम्मीद है। पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए इन तालाबों में भविष्य में नाव भी चलाई जा सकती है,। दिल्ली-जयपुर हाईवे के निकट होने के कारण यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं।
दोनों तालाबों का पुराना है इतिहास
ऐतिहासिक धरोहरों से जिले को अलग पहचान मिली है। बड़ा तालाब को राव तेज सिंह ने वर्ष 18 शताब्दी में पूरा तैयार करवाया था, इसलिए इसे राव तेज सिंह तालाब के नाम से भी जाना जाता है। इसमें गऊ घाट, इमली घाट, प्राचीन हनुमान मंदिर व शिव मंदिर प्रतिष्ठित हैं। वहीं, सोलहाराही सरोवर में कभी सोलह रास्तों से बरसाती जल एकत्रित होता था, जिसके चलते इसका नाम सोलहाराही सरोवर पड़ा। इस सरोवर में प्राचीन कुओं के अवशेष आज भी मौजूद हैं।
बड़ा तालाब और सोलहाराही तालाब का सुंदरीकरण का कार्य चल रहा है। दोनों तालाबों में विद्युत सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। कार्य पूरा होने पर नगर परिषद को इसकी देखरेख की जिम्मेदारी दी जाएगी।
- सत्येंद्र, एक्सईएन, लोक निर्माण विभाग
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पहला टेंडर बड़ा तालाब से संबंधित है। यह तालाब लंबे समय से शहर की ऐतिहासिक पहचान और स्थानीय जरूरतों का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। इसके संरक्षण व पुनरूद्धार के लिए जारी टेंडर में प्रकाश व्यवस्था को आधुनिक स्वरूप देने, घाटों के आसपास एलईडी लाइट्स, ऊर्जा-दक्ष उपकरण, भूमिगत केबलिंग और आपातकालीन सुरक्षा सिस्टम स्थापित करने जैसे कार्य शामिल हैं। इस पर करीब 12.65 लाख रुपये खर्च होंगे।
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दूसरे टेंडर के मुताबिक सोलहाराही तालाब के नवीनीकरण में भी विद्युत सेवाओं का अहम रोल रहेगा। इसमें तालाब के किनारे बैठने के क्षेत्रों, पार्किंग और पैदल मार्गों पर ऊर्जा-सक्षम लाइटों की स्थापना, जल स्तर बनाए रखने के लिए पंपों की विद्युत आपूर्ति, पैनल बोर्ड और अर्थिंग सिस्टम शामिल किए जाने की संभावना है। करीब 14.13 लाख रुपये खर्च होंगे। फिलहाल टेंडर भरने की अंतिम तिथि 12 दिसंबर तय की गई है।
दोनों तालाबों में जेएनएन नहर से आएगा पानी
दोनों तालाबों को जेएनएन नहर से भी कनेक्ट किया जाएगा। इसके लिए जेएलएन नहर से लेकर इन दोनों तालाबों तक करीब 7.4 किमी. लंबी लाइन बिछाई जाएगी। जो गढ़ी बोलनी रोड के साथ से होते हुए राजेश पायलट चौक, आईओसी चौक से राजीव गांधी चौक होते हुए तालाब तक बिछेगी। पाइपलाइन बिछाने के लिए 3.81 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सिंचाई विभाग की कंस्ट्रक्शन विंग की ओर से दोनों तालाबों में पानी से भरने का कार्य पूरा होगा। इन तालाबों के किनारे लाइट और फव्वारे लगाकर आकर्षक ढंग से सजाया जाएगा। दोनों तालाबों का करीब 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। मार्च 2026 से पहले कार्य पूरा होने की संभावना है। दोनों तालाबों का करीब 10 करोड़ से सुंदरीकरण का कार्य किया जा रहा है। कार्य पूरा होने पर नगर परिषद को इसकी देखरेख की जिम्मेदारी दी जाएगी।
तालाबों में भविष्य में नाव चलाने की है योजना
मौजूदा समय में बड़ा तालाब और सेक्टर-1 स्थित सोलहाराही सरोवर के जीर्णोद्धार का कार्य होगा। दोनों तालाबों में बने घाट, बावड़ियां व सीढ़ियों को संवारा गया है। दोनों तालाबों के चारों ओर नए सिरे से घाट, छतरियां व सीढ़ियां बनाई गई हैं। तालाब के पास लोगों के बैठने के लिए छतरियां बनाई गई हैं। दोनों तालाबों के चारों ओर अब लाइट लगाई जाएंगी। तालाबों की दीवारों को ऐतिहासिक रूप देने के लिए राजस्थान से मंगवाए गए पत्थर लगाए गए हैं। इन धरोहर को पुराने अस्तित्व में लौटाने के लिए यह कार्य अगले साल पूरा होने की उम्मीद है। पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए इन तालाबों में भविष्य में नाव भी चलाई जा सकती है,। दिल्ली-जयपुर हाईवे के निकट होने के कारण यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं।
दोनों तालाबों का पुराना है इतिहास
ऐतिहासिक धरोहरों से जिले को अलग पहचान मिली है। बड़ा तालाब को राव तेज सिंह ने वर्ष 18 शताब्दी में पूरा तैयार करवाया था, इसलिए इसे राव तेज सिंह तालाब के नाम से भी जाना जाता है। इसमें गऊ घाट, इमली घाट, प्राचीन हनुमान मंदिर व शिव मंदिर प्रतिष्ठित हैं। वहीं, सोलहाराही सरोवर में कभी सोलह रास्तों से बरसाती जल एकत्रित होता था, जिसके चलते इसका नाम सोलहाराही सरोवर पड़ा। इस सरोवर में प्राचीन कुओं के अवशेष आज भी मौजूद हैं।
बड़ा तालाब और सोलहाराही तालाब का सुंदरीकरण का कार्य चल रहा है। दोनों तालाबों में विद्युत सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। कार्य पूरा होने पर नगर परिषद को इसकी देखरेख की जिम्मेदारी दी जाएगी।
- सत्येंद्र, एक्सईएन, लोक निर्माण विभाग

प्रचीन बड़ा तालाब। संवाद- फोटो : कलेक्ट्रेट सभागार में राजनैतिक दलों के साथ बैठक करते एडीएम विशुराजा। स्रोत विभाग

प्रचीन बड़ा तालाब। संवाद- फोटो : कलेक्ट्रेट सभागार में राजनैतिक दलों के साथ बैठक करते एडीएम विशुराजा। स्रोत विभाग

प्रचीन बड़ा तालाब। संवाद- फोटो : कलेक्ट्रेट सभागार में राजनैतिक दलों के साथ बैठक करते एडीएम विशुराजा। स्रोत विभाग