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विद्यार्थियों में रचनात्मक सोच विकसित करें अध्यापक : डॉ. संजय
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डायट हुसैनपुर में शिक्षकों संबोधित करते निरीक्षक डॉ. संजय प्रकाश कौशिक। स्रोत : विभाग
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रेवाड़ी। डायट हुसैनपुर में सामाजिक विज्ञान व हिंदी विषय पर चल रहे पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान एससीईआरटी से बतौर निरीक्षक डॉ. संजय प्रकाश कौशिक पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अध्यापकों का मुख्य दायित्व विद्यार्थियों में रचनात्मक सोच, जिज्ञासा और आत्मविश्वास विकसित करना है ताकि वे बिना किसी भय और मानसिक दबाव के सीख सकें।
डॉ. संजय ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य नई शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप अध्यापन प्रणाली में सुधार करना है। इसके अंतर्गत 21वीं सदी के कौशल, वोकेशनल शिक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नवीन तकनीकें और गतिविधि आधारित शिक्षण पर विशेष जोर दिया जा रहा है जिससे छात्रों का सर्वांगीण विकास संभव हो सके।
उन्होंने परिषद की ओर से संचालित विज्ञान विषयों से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों जैसे स्पार्क, इंस्पायर अवाॅर्ड-मानक, राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी सहित भविष्य की योजनाओं की जानकारी भी दी। साथ ही अध्यापकों से आह्वान किया कि वे बच्चों की इन कार्यक्रमों में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करें।
कार्यक्रम के दौरान फीडबैक सत्र में प्रशिक्षुओं ने प्रशिक्षण की गुणवत्ता, संस्थान के प्रबंधन और भोजन व्यवस्था की सराहना की। प्रशिक्षुओं ने कहा कि यह प्रशिक्षण उनके लिए उपयोगी, प्रेरणादायक और व्यवहारिक ज्ञान से भरपूर रहा जिसे वे अपने शिक्षण कार्य में लागू करेंगे।
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डॉ. संजय ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य नई शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप अध्यापन प्रणाली में सुधार करना है। इसके अंतर्गत 21वीं सदी के कौशल, वोकेशनल शिक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नवीन तकनीकें और गतिविधि आधारित शिक्षण पर विशेष जोर दिया जा रहा है जिससे छात्रों का सर्वांगीण विकास संभव हो सके।
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उन्होंने परिषद की ओर से संचालित विज्ञान विषयों से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों जैसे स्पार्क, इंस्पायर अवाॅर्ड-मानक, राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी सहित भविष्य की योजनाओं की जानकारी भी दी। साथ ही अध्यापकों से आह्वान किया कि वे बच्चों की इन कार्यक्रमों में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करें।
कार्यक्रम के दौरान फीडबैक सत्र में प्रशिक्षुओं ने प्रशिक्षण की गुणवत्ता, संस्थान के प्रबंधन और भोजन व्यवस्था की सराहना की। प्रशिक्षुओं ने कहा कि यह प्रशिक्षण उनके लिए उपयोगी, प्रेरणादायक और व्यवहारिक ज्ञान से भरपूर रहा जिसे वे अपने शिक्षण कार्य में लागू करेंगे।