सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Haryana ›   Rewari News ›   The accused in the check bounce case did not get any relief; they will have to pay compensation and face punishment.

Rewari News: चेक बाउंस के आरोपी नहीं मिली राहत, देना होगा मुआवजा-भुगतनी होगी सजा

संवाद न्यूज एजेंसी, रेवाड़ी Updated Sun, 07 Dec 2025 12:44 AM IST
विज्ञापन
The accused in the check bounce case did not get any relief; they will have to pay compensation and face punishment.
जिला न्यायालय रेवाड़ी। संवाद
विज्ञापन
रेवाड़ी। रेवाड़ी की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जतिन गर्ग की अदालत से शनिवार को बड़ा फैसला आया है। चेक बाउंस के आरोपी सीहा ढाणी निवासी विक्रम की अर्जी काे कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोसली कोर्ट के नवंबर 2022 में आए एक साल की कैद और मुआवजे के आदेश को एएसजे कोर्ट ने सही ठहराया है। साथ ही निचली अदालत पर कड़ी टिप्पणी भी की है।
Trending Videos



मामला वर्ष 2016 का है। शिकायतकर्ता नवीन कुमार से उनके परिचित विक्रम ने दो लाख रुपये उधार लिए थे। करार के मुताबिक दो महीने में यह रकम नहीं लौटाई गई। कई बार मांगे जाने के बाद 14 दिसंबर 2016 को विक्रम ने एक चेक दिया। अगले दिन बैंक से चेक फंड्स इंसफिशिएंट की टिप्पणी के साथ वापस आ गया।
विज्ञापन
विज्ञापन

20 दिसंबर को कानूनी नोटिस भेजा तो विक्रम ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद नवीन ने जनवरी 2017 में कोसली कोर्ट में चेक बाउंस केस दायर कर दिया। नवंबर 2022 में ट्रायल कोर्ट ने विक्रम को एक साल की कैद और मुआवजे के भुगतान का आदेश दिया। इसके बाद विक्रम ने इस फैसले को चुनौती देकर अतिरिक्त सत्र न्यायालय में अपील लगा दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जतिन गर्ग की अदालत ने कोसली कोर्ट के फैसले को सही ठहरा विक्रम की अपील को खारिज कर दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने आदेश में साफ किया है कि निचली अदालत के फैसले में कोई गैर-कानूनी बात नहीं है। आगे कहा, ऐसा लगता है कि ट्रायल कोर्ट ने मुआवजे की रकम न देने पर जेल की अवधि का जिक्र न करके गलती की है।

इसे इस हद तक बदला जाता है कि 3.20 लाख रुपये का मुआवजा जमा नहीं करने पर दोषी विक्रम को एक महीने की और साधारण जेल काटनी होगी। अदालत ने आदेश दिया कि सजा का वारंट जारी कर विक्रम को जिला जेल रेवाड़ी भेजा जाए, जो भी अवधि उसने पहले हिरासत में बिताई है, उसे सजा में समायोजित किया जाएगा।


धरा रह गया विक्रम का दावा



ट्रायल के दौरान विक्रम ने दावा किया था कि उसने नवीन से कोई लोन नहीं लिया था। सोनू नामक शख्स को ब्लैंक चेक दिया था। नवीन ने इसे गलत तरीके से इस्तेमाल किया है। हालांकि पुलिस शिकायत या दस्तावेज से चेक के दुरुपयोग की बात साबित नहीं हुई। विक्रम के वकील ने दलील दी कि नवीन अपनी आय का स्रोत साबित नहीं कर सके, इसलिए दो लाख रुपये उधार देने का दावा संदिग्ध है। इस पर अदालत ने साफ कहा कि नवीन प्रॉपर्टी डीलर हैं। सिर्फ आयकर रिटर्न न दिखा पाने से नहीं माना जा सकता कि पैसा उधार नहीं दिया होगा।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed