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Rewari News: दूषित पानी की समाधान का जल्द किया जाएगा समाधान, प्रोजेक्ट तैयार
संवाद न्यूज एजेंसी, रेवाड़ी
Updated Sun, 21 Dec 2025 12:36 AM IST
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साहबी बैराज की मौजूदा स्थिति। संवाद
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रेवाड़ी। शहर के दूषित पानी को ट्रीट करके साहबी बैराज में छोड़े जाने की गंभीर होती जा रही समस्या के स्थायी समाधान के लिए सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन की तरफ से तैयार किए गए 219 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट बनाया गया है। इसके पहले चरण के लिए राशि जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
प्रोजेक्ट पर आने वाली 219 करोड़ रुपये की लागत को जन स्वास्थ्य विभाग (पीएचईडी), एचएसआईआईडीसी, और सिंचाई विभाग मिलकर वहन करेंगे। पहले चरण के कार्य के लिए एचएसआईआईडीसी और जन स्वास्थ्य विभाग मिलकर लगभग 125 करोड़ रुपये खर्च करेंगे। सिंचाई विभाग ने इस राशि को जारी करने की मांग को लेकर दोनों विभागों के साथ पत्राचार शुरू कर दिया है।
प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 219 करोड़ रुपये होगी। सरकार के निर्देश पर प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। पहले चरण में बैराज के पास पंप हाउस बनेगा ताकि पानी लिफ्ट कर आगे भेजा जा सके। पटौदी के मौजाबाद तक लाइन बिछेगी जो ड्रेन-8 से कनेक्ट होगी। प्रोजेक्ट का दूसरा चरण सिंचाई से संबंधित होगा जिसमें कुछ जगह आउटलेट छोड़कर सिंचाई के लिए पानी खेतों में छोड़ा जाएगा।
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ओवरफ्लो होकर खेतों में जाता है पानी
साहबी बैराज में करीब 500 एकड़ में पानी भरा है। पहले इसे पर्यटन स्थल विकसित करने का प्लान तैयार किया गया था। इसीलिए नहरों का अतिरिक्त पानी यहां छोड़ा जाने लगा था लेकिन सीवर व औद्योगिक इकाइयों का दूषित पानी यहां छोड़ा जाने लगा। इस वजह से यह आसपास के गांवों के लिए मुसीबत बन गया। साहबी का पानी ओवरफ्लो होकर आसपास के एरिया में फैल रहा है। करीब 15 गांव इस दूषित पानी से सीधे तौर पर प्रभावित हैं। विकराल होती जा रही समस्या का समाधान निकालने के लिए बड़ा प्रोजेक्ट तैयार किया गया।
इंसेट
चीफ इंजीनियर कर चुके हैं निरीक्षण
सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर एसके यादव हाल ही में साहबी बैराज पर निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। विभाग की ओर से प्रोजेक्ट को लेकर कंसलटेंट भी हायर कर लिया गया है। निरीक्षण के दौरान मुख्य इंजीनियर के साथ कंसलटेंट और एक्सईएन वीके बागोतिया भी थे। यह टीम प्रोजेक्ट के संबंध में निरीक्षण और आगे की योजना पर चर्चा करने आई थी।
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वर्जन
प्रथम चरण के कार्य की अभी प्रक्रिया चल रही है। जैसे ही पैसा आएगा टेंडर लगाया जाएगा। फिर काम शुरू कर दिया जाएगा। फिलहाल अभी प्रक्रिया चल रही है।-वीके बाघोतिया, एक्सईएन, सिंचाई विभाग
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प्रोजेक्ट पर आने वाली 219 करोड़ रुपये की लागत को जन स्वास्थ्य विभाग (पीएचईडी), एचएसआईआईडीसी, और सिंचाई विभाग मिलकर वहन करेंगे। पहले चरण के कार्य के लिए एचएसआईआईडीसी और जन स्वास्थ्य विभाग मिलकर लगभग 125 करोड़ रुपये खर्च करेंगे। सिंचाई विभाग ने इस राशि को जारी करने की मांग को लेकर दोनों विभागों के साथ पत्राचार शुरू कर दिया है।
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प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 219 करोड़ रुपये होगी। सरकार के निर्देश पर प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। पहले चरण में बैराज के पास पंप हाउस बनेगा ताकि पानी लिफ्ट कर आगे भेजा जा सके। पटौदी के मौजाबाद तक लाइन बिछेगी जो ड्रेन-8 से कनेक्ट होगी। प्रोजेक्ट का दूसरा चरण सिंचाई से संबंधित होगा जिसमें कुछ जगह आउटलेट छोड़कर सिंचाई के लिए पानी खेतों में छोड़ा जाएगा।
ओवरफ्लो होकर खेतों में जाता है पानी
साहबी बैराज में करीब 500 एकड़ में पानी भरा है। पहले इसे पर्यटन स्थल विकसित करने का प्लान तैयार किया गया था। इसीलिए नहरों का अतिरिक्त पानी यहां छोड़ा जाने लगा था लेकिन सीवर व औद्योगिक इकाइयों का दूषित पानी यहां छोड़ा जाने लगा। इस वजह से यह आसपास के गांवों के लिए मुसीबत बन गया। साहबी का पानी ओवरफ्लो होकर आसपास के एरिया में फैल रहा है। करीब 15 गांव इस दूषित पानी से सीधे तौर पर प्रभावित हैं। विकराल होती जा रही समस्या का समाधान निकालने के लिए बड़ा प्रोजेक्ट तैयार किया गया।
इंसेट
चीफ इंजीनियर कर चुके हैं निरीक्षण
सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर एसके यादव हाल ही में साहबी बैराज पर निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। विभाग की ओर से प्रोजेक्ट को लेकर कंसलटेंट भी हायर कर लिया गया है। निरीक्षण के दौरान मुख्य इंजीनियर के साथ कंसलटेंट और एक्सईएन वीके बागोतिया भी थे। यह टीम प्रोजेक्ट के संबंध में निरीक्षण और आगे की योजना पर चर्चा करने आई थी।
वर्जन
प्रथम चरण के कार्य की अभी प्रक्रिया चल रही है। जैसे ही पैसा आएगा टेंडर लगाया जाएगा। फिर काम शुरू कर दिया जाएगा। फिलहाल अभी प्रक्रिया चल रही है।-वीके बाघोतिया, एक्सईएन, सिंचाई विभाग