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    Rohtak News: कभी सुई में धागा नहीं डाला, ओमपति अब चला रहीं बुटीक
 
            	    संवाद न्यूज एजेंसी, रोहतक             
                        
       Updated Tue, 04 Nov 2025 02:48 AM IST
        
       
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                        11...लाखनमाजरा में सिलाई कढ़ाई का कार्य करती ओमपति । संवाद
                                
    
        
    
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                संवाद न्यूज एजेंसी
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
                        
                                                                                      
                   
                                 
                
रोहतक। लाखन माजरा की ओमपति, जिनको कभी सुई में धागा डालना नहीं आता था लेकिन उनमें सीखने की ललक कम न थी। उन्होंने तीन साल पहले एक अन्य महिला से सिलाई-कढ़ाई के साथ बुटीक की तमाम बारीकियां सीख ली और अब वह अपना बुटीक चला रही हैं। इससे 10 हजार रुपये महीना कमा रही है।
10वीं पास के अलावा प्रभाकर की डिग्री धारक ओमपति बताती हैं कि तीन साल पहले यहां लाखन माजरा में ही पौली गांव निवासी सुदर्शन के साथ सिलाई-कढ़ाई के साथ बुटीक का काम करती थीं। उस समय ओमपति को सुई में धागा भी डालना नहीं आता था लेकिन उनको यह कार्य सीखने की धुन सवार थी।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
इसी के चलते वह सुदर्शन के पास पहुंचीं और उनके इसकी बारीकियां जानीं। इसके बाद ओमपति ने उन्नति स्वयं सहायता समूह से जुड़कर सिलाई कला को और बेहतर तरीके से सीखा। उनका कहना है कि अब तो वे हरियाणवी परिधान दामण और चुंदड़ी भी तैयार करने लगी हैं। वह अन्य महिलाओं को भी सिलाई कढ़ाई के स्वरोजगार के लिए प्रेरित करती हैं।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
        
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                                                                रोहतक। लाखन माजरा की ओमपति, जिनको कभी सुई में धागा डालना नहीं आता था लेकिन उनमें सीखने की ललक कम न थी। उन्होंने तीन साल पहले एक अन्य महिला से सिलाई-कढ़ाई के साथ बुटीक की तमाम बारीकियां सीख ली और अब वह अपना बुटीक चला रही हैं। इससे 10 हजार रुपये महीना कमा रही है।
10वीं पास के अलावा प्रभाकर की डिग्री धारक ओमपति बताती हैं कि तीन साल पहले यहां लाखन माजरा में ही पौली गांव निवासी सुदर्शन के साथ सिलाई-कढ़ाई के साथ बुटीक का काम करती थीं। उस समय ओमपति को सुई में धागा भी डालना नहीं आता था लेकिन उनको यह कार्य सीखने की धुन सवार थी।
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            इसी के चलते वह सुदर्शन के पास पहुंचीं और उनके इसकी बारीकियां जानीं। इसके बाद ओमपति ने उन्नति स्वयं सहायता समूह से जुड़कर सिलाई कला को और बेहतर तरीके से सीखा। उनका कहना है कि अब तो वे हरियाणवी परिधान दामण और चुंदड़ी भी तैयार करने लगी हैं। वह अन्य महिलाओं को भी सिलाई कढ़ाई के स्वरोजगार के लिए प्रेरित करती हैं।