{"_id":"69091bdc340114e51a0491cf","slug":"rohtak-boy-sangram-singh-brought-indias-glory-to-the-european-stage-rohtak-news-c-17-roh1020-755996-2025-11-04","type":"story","status":"publish","title_hn":"Rohtak News: रोहतक छोरे संग्राम सिंह ने यूरोपियन मंच पर भारत का परचम लहराया","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
    Rohtak News: रोहतक छोरे संग्राम सिंह ने यूरोपियन मंच पर भारत का परचम लहराया
 
            	    संवाद न्यूज एजेंसी, रोहतक             
                        
       Updated Tue, 04 Nov 2025 02:47 AM IST
        
       
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                        06...नीदरलैंड में आयोजित यूरोप की लेवल्स फाइट लीग में किक मारते रोहतक के रेसलर संग्राम सिंह। स्
                                
    
        
    
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                संवाद न्यूज एजेंसी
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
                        
                                                                                      
                   
                                 
                
रोहतक। भारत के प्रसिद्ध पहलवान से मिश्रित मार्शल आर्ट (एमएमए) फाइटर बने और कॉमनवेल्थ हैवीवेट चैंपियन रोहतक के मदीना निवासी संग्राम सिंह ने यूरोप की प्रतिष्ठित लेवल्स फाइट लीग (एलएफएल) में इतिहास रचते हुए जीत हासिल की है।
संग्राम सिंह यूरोप के इस प्रीमियर एमएमए प्लेटफॉर्म पर जीत दर्ज करने वाले पहले भारतीय फाइटर बन गए हैं। एलएफएल 20 में नीदरलैंड के एम्स्टर्डम में आयोजित प्रतियोगिता में ट्यूनीशिया फाइटर हकीम त्राबेल्सी को हराया।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
पहले ही राउंड से संग्राम ने अपनी रेसलिंग तकनीक, बेहतर नियंत्रण और रणनीतिक स्ट्राइकिंग के बल पर मुकाबले में बढ़त बनाई। संग्राम ने सोच-समझकर शांत रहकर अपने प्रतिद्वंद्वी को आक्रमण के लिए आमंत्रित किया ताकि वे सही समय पर काउंटर कर सकें और जोखिम लिए बिना मैच को नियंत्रित कर सकें।
                                
                
                
                                
                
                                                                                     
            
                            
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
दूसरे राउंड में संग्राम ने शानदार बार-आर्म चोक तकनीक का उपयोग करते हुए जीत दर्ज की। यह एक प्रकार की फोरआर्म चोक तकनीक है जो रियर नेकेड चोक से संबंधित है। इस बेहतरीन सबमिशन मूव के बाद त्राबेल्सी को टैप आउट करना पड़ा और संग्राम ने निर्णायक जीत हासिल की।
इससे पहले उन्होंने जॉर्जिया में आयोजित गामा इंटरनेशनल फाइटिंग चैंपियनशिप में पाकिस्तान के फाइटर अली रजा नासिर को 90 सेकंड से भी कम समय में हराया था।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
कोच भूपेश कुमार ने कहा, संग्राम पर गर्व है। संग्राम ने दिल और रणनीतिक अनुशासन से मुकाबला किया।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
अगले दो व तीन साल में इंडिया कॉम्बैट स्पोर्ट्स में टॉप पांच मिलेगा
जीत के बाद संग्राम सिंह ने कहा कि मैच के दौरान बहुत प्रेशर था लेकिन मैंने किसी को महसूस नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि मैंने कुछ खाया नहीं और पांच से छह बार शौचालय गया था। प्रेशर बहुत ज्यादा था लेकिन मैं शांत रहा। कॉम्बैट स्पोर्ट्स बहुत अच्छा खेल है। सभी स्पोर्ट्स खेलना चाहिए। उन्होंने कहा कि एलएफएल बहुत प्रसिद्ध लीग। अगले दो और तीन साल में इंडिया कॉम्बैट स्पोर्ट्स में टॉप पांच मिलेगा। उन्होंने कहा चैंपियन वह नहीं होता जो मेडल और ट्रॉफी जीतता है। चैंपियन वह है जो लगातार कोशिश करता है। पहले राउंड में मेरे होंठ पर हाकिम का पंच लगा था थोड़ी इंजरी हुई थी। मैं बॉक्सर नहीं हूं, मैं सीख रहा था। मेरे पंच और किक भी अच्छी नहीं है।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
        
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                                                                रोहतक। भारत के प्रसिद्ध पहलवान से मिश्रित मार्शल आर्ट (एमएमए) फाइटर बने और कॉमनवेल्थ हैवीवेट चैंपियन रोहतक के मदीना निवासी संग्राम सिंह ने यूरोप की प्रतिष्ठित लेवल्स फाइट लीग (एलएफएल) में इतिहास रचते हुए जीत हासिल की है।
संग्राम सिंह यूरोप के इस प्रीमियर एमएमए प्लेटफॉर्म पर जीत दर्ज करने वाले पहले भारतीय फाइटर बन गए हैं। एलएफएल 20 में नीदरलैंड के एम्स्टर्डम में आयोजित प्रतियोगिता में ट्यूनीशिया फाइटर हकीम त्राबेल्सी को हराया।
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            पहले ही राउंड से संग्राम ने अपनी रेसलिंग तकनीक, बेहतर नियंत्रण और रणनीतिक स्ट्राइकिंग के बल पर मुकाबले में बढ़त बनाई। संग्राम ने सोच-समझकर शांत रहकर अपने प्रतिद्वंद्वी को आक्रमण के लिए आमंत्रित किया ताकि वे सही समय पर काउंटर कर सकें और जोखिम लिए बिना मैच को नियंत्रित कर सकें।
दूसरे राउंड में संग्राम ने शानदार बार-आर्म चोक तकनीक का उपयोग करते हुए जीत दर्ज की। यह एक प्रकार की फोरआर्म चोक तकनीक है जो रियर नेकेड चोक से संबंधित है। इस बेहतरीन सबमिशन मूव के बाद त्राबेल्सी को टैप आउट करना पड़ा और संग्राम ने निर्णायक जीत हासिल की।
इससे पहले उन्होंने जॉर्जिया में आयोजित गामा इंटरनेशनल फाइटिंग चैंपियनशिप में पाकिस्तान के फाइटर अली रजा नासिर को 90 सेकंड से भी कम समय में हराया था।
कोच भूपेश कुमार ने कहा, संग्राम पर गर्व है। संग्राम ने दिल और रणनीतिक अनुशासन से मुकाबला किया।
अगले दो व तीन साल में इंडिया कॉम्बैट स्पोर्ट्स में टॉप पांच मिलेगा
जीत के बाद संग्राम सिंह ने कहा कि मैच के दौरान बहुत प्रेशर था लेकिन मैंने किसी को महसूस नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि मैंने कुछ खाया नहीं और पांच से छह बार शौचालय गया था। प्रेशर बहुत ज्यादा था लेकिन मैं शांत रहा। कॉम्बैट स्पोर्ट्स बहुत अच्छा खेल है। सभी स्पोर्ट्स खेलना चाहिए। उन्होंने कहा कि एलएफएल बहुत प्रसिद्ध लीग। अगले दो और तीन साल में इंडिया कॉम्बैट स्पोर्ट्स में टॉप पांच मिलेगा। उन्होंने कहा चैंपियन वह नहीं होता जो मेडल और ट्रॉफी जीतता है। चैंपियन वह है जो लगातार कोशिश करता है। पहले राउंड में मेरे होंठ पर हाकिम का पंच लगा था थोड़ी इंजरी हुई थी। मैं बॉक्सर नहीं हूं, मैं सीख रहा था। मेरे पंच और किक भी अच्छी नहीं है।

06...नीदरलैंड में आयोजित यूरोप की लेवल्स फाइट लीग में किक मारते रोहतक के रेसलर संग्राम सिंह। स्