{"_id":"6903d62d6bfb559909070622","slug":"scam-allegations-baseless-paddy-procurement-being-done-as-per-standards-agency-rohtak-news-c-17-roh1020-753783-2025-10-31","type":"story","status":"publish","title_hn":"घोटाले के आरोप बेबुनियाद, मानक के हिसाब से हो रही धान खरीद : एजेंसी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
    घोटाले के आरोप बेबुनियाद, मानक के हिसाब से हो रही धान खरीद : एजेंसी
 
            	    संवाद न्यूज एजेंसी, रोहतक             
                        
       Updated Fri, 31 Oct 2025 02:48 AM IST
        
       
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                        20 मंडी में उठान का इंतजार करते धान के बैग। संवाद
                                    - फोटो : संवाद 
                    
    
        
    
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                रोहतक। मंडी में सामने आए धान खरीद घोटाले ने किसानों का गुस्सा बढ़ा दिया है। किसानों ने घोटाले में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं, सरकारी एजेंसी ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा है कि खरीद पूरी तरह से कानून और मानकों के अनुसार की जा रही है।
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
 
                        
                                                                                      
                   
    
                                                                        
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                                
                                 
                
इस मामले में वेयरहाउस कार्पोरेशन रोहतक के डीएम रोहतास दहिया ने कहा कि सरकारी रेट के अनुसार ही भुगतान किया जा रहा है। ऐसे में घोटाले की बात बेबुनियाद है। एजेंसी किसानों की धान को गुणवत्ता और नमी के मानकों के अनुसार खरीद रही है।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
कई किसान निजी तौर पर आढ़तियों को सस्ते दाम पर बेच देते हैं जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। सरकारी एजेंसी की तरफ से किसानों के खातों में पूरा भुगतान सरकारी रेट के अनुसार किया जा रहा है।
किसान बोले-फसल को जानबूझकर बदरंग या नमी वाला बता रहे
दूसरी ओर किसानों का कहना है कि उनकी फसल को जानबूझकर बदरंग या नमी वाला बताकर खारिज किया जा रहा है। किसान कई-कई दिन मंडी के चक्कर लगाते हैं और आखिर में मजबूर होकर औने-पौने दामों पर फसल बेच देते हैं।
आरोप है कि मंडी में पीआर धान की खरीद को लेकर सबसे अधिक लापरवाही बरती जा रही है। जहां दूसरी किस्म की फसल तुरंत बिक जाती है, वहीं, पीआर धान हफ्तों तक मंडी में पड़ा रखा जाता है। बिकने के बाद भी उठान तब तक नहीं होता, जब तक जेब में पैसा न चला जाए। किसान अब उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करेगी।
अब तक मंडी में 1,36,872 क्विंटल धान की आवक हुई है जिसमें से 1,18,038 क्विंटल की खरीद हो पाई है। केवल 79,496 क्विंटल धान की ही उठान हुई है। खरीद और उठान के बीच का यह अंतर भी कई सवाल खड़े करता है। वीरवार को मंडी में 1,012 क्विंटल धान आया और 6,101 क्विंटल का उठान हुआ।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
         
इस मामले में वेयरहाउस कार्पोरेशन रोहतक के डीएम रोहतास दहिया ने कहा कि सरकारी रेट के अनुसार ही भुगतान किया जा रहा है। ऐसे में घोटाले की बात बेबुनियाद है। एजेंसी किसानों की धान को गुणवत्ता और नमी के मानकों के अनुसार खरीद रही है।
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            कई किसान निजी तौर पर आढ़तियों को सस्ते दाम पर बेच देते हैं जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। सरकारी एजेंसी की तरफ से किसानों के खातों में पूरा भुगतान सरकारी रेट के अनुसार किया जा रहा है।
किसान बोले-फसल को जानबूझकर बदरंग या नमी वाला बता रहे
दूसरी ओर किसानों का कहना है कि उनकी फसल को जानबूझकर बदरंग या नमी वाला बताकर खारिज किया जा रहा है। किसान कई-कई दिन मंडी के चक्कर लगाते हैं और आखिर में मजबूर होकर औने-पौने दामों पर फसल बेच देते हैं।
आरोप है कि मंडी में पीआर धान की खरीद को लेकर सबसे अधिक लापरवाही बरती जा रही है। जहां दूसरी किस्म की फसल तुरंत बिक जाती है, वहीं, पीआर धान हफ्तों तक मंडी में पड़ा रखा जाता है। बिकने के बाद भी उठान तब तक नहीं होता, जब तक जेब में पैसा न चला जाए। किसान अब उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करेगी।
अब तक मंडी में 1,36,872 क्विंटल धान की आवक हुई है जिसमें से 1,18,038 क्विंटल की खरीद हो पाई है। केवल 79,496 क्विंटल धान की ही उठान हुई है। खरीद और उठान के बीच का यह अंतर भी कई सवाल खड़े करता है। वीरवार को मंडी में 1,012 क्विंटल धान आया और 6,101 क्विंटल का उठान हुआ।