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Rohtak News: पीजीआई में दस दिन बाद खून में ऑक्सीजन की मात्रा जांचने का बीजीए टेस्ट शुरू
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संवाद न्यूज एजेंसी
रोहतक। पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पीजीआईएमएस) के आपातकालीन विभाग में 10 दिन बाद ब्लड गैस एनालाइजर (बीजीए) टेस्ट दोबारा शुरू हो गए हैं। यह टेस्ट खून में ऑक्सीजन व कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा जांचने के लिए किया जाता है। सोमवार को भी करीब 500 टेस्ट हुए।
आपातकानीन विभाग में अक्सर मशीनों को कार्ट्रि्ज (एक खास केमिकल-एम्बेडेड डिवाइस) की कमी के कारण बार-बार मशीन को बंद रखना पड़ रहा है।
विभाग में हर दिन 700 से अधिक बीजीए टेस्ट किए जाते हैं। फिलहाल, संस्थान में मशीनों के लिए लगभग 50 कार्ट्रिज आए हैं। इनमें से 25 आपातकालीन विभाग को मिले हैं। ये भी एक महीने में खत्म हो जाएंगे। विभाग में बीजीए टेस्ट के लिए दो मशीनें हैं। हर दिन दोनों मशीनों से टेस्ट करने में डेढ़ कार्ट्रिज खर्च हो जाता है।
पिछले दस दिन मशीन बंद रहने के कारण मरीजों को संस्थान में अन्य जगह जाकर टेस्ट कराने पड़े। इससे मरीजों व तीमारदारों को टेस्ट में ज्यादा समय लगा व अन्य मशीनों पर टेस्ट का बोझ भी बढ़ा।
आमतौर पर एक बीजीए टेस्ट में अधिकतर दस मिनट लगते हैं। पहले भी मशीने कार्ट्रिज खत्म होने के कारण बंद रह चुकी हैं। संस्थान में बीजीए टेस्ट के लिए छह मशीनें हैं। इनमेें से दो मशीनें आपातकालीन विभाग, एक आईसीयू, एक ट्राॅमा सेंटर, एक नीकू वार्ड व एक लाला श्यामलाल बिल्डिंग में है।
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क्यों जरूरी है बीजीए टेस्ट
यह टेस्ट खून में ऑक्सीजन व कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा जांचने के लिए किया जाता है। टेस्ट किडनी, फेफड़ों की समस्यओं, अस्थमा, डायबिटीज या अन्य गंभीर स्थितियों को का पता लगाने में भी सहायक है। इसके अतिरिक्त गर्दन व सिर के ट्राॅमा के लिए भी बीजीए टेस्ट किया जाता है।
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रोहतक। पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पीजीआईएमएस) के आपातकालीन विभाग में 10 दिन बाद ब्लड गैस एनालाइजर (बीजीए) टेस्ट दोबारा शुरू हो गए हैं। यह टेस्ट खून में ऑक्सीजन व कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा जांचने के लिए किया जाता है। सोमवार को भी करीब 500 टेस्ट हुए।
आपातकानीन विभाग में अक्सर मशीनों को कार्ट्रि्ज (एक खास केमिकल-एम्बेडेड डिवाइस) की कमी के कारण बार-बार मशीन को बंद रखना पड़ रहा है।
विभाग में हर दिन 700 से अधिक बीजीए टेस्ट किए जाते हैं। फिलहाल, संस्थान में मशीनों के लिए लगभग 50 कार्ट्रिज आए हैं। इनमें से 25 आपातकालीन विभाग को मिले हैं। ये भी एक महीने में खत्म हो जाएंगे। विभाग में बीजीए टेस्ट के लिए दो मशीनें हैं। हर दिन दोनों मशीनों से टेस्ट करने में डेढ़ कार्ट्रिज खर्च हो जाता है।
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पिछले दस दिन मशीन बंद रहने के कारण मरीजों को संस्थान में अन्य जगह जाकर टेस्ट कराने पड़े। इससे मरीजों व तीमारदारों को टेस्ट में ज्यादा समय लगा व अन्य मशीनों पर टेस्ट का बोझ भी बढ़ा।
आमतौर पर एक बीजीए टेस्ट में अधिकतर दस मिनट लगते हैं। पहले भी मशीने कार्ट्रिज खत्म होने के कारण बंद रह चुकी हैं। संस्थान में बीजीए टेस्ट के लिए छह मशीनें हैं। इनमेें से दो मशीनें आपातकालीन विभाग, एक आईसीयू, एक ट्राॅमा सेंटर, एक नीकू वार्ड व एक लाला श्यामलाल बिल्डिंग में है।
क्यों जरूरी है बीजीए टेस्ट
यह टेस्ट खून में ऑक्सीजन व कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा जांचने के लिए किया जाता है। टेस्ट किडनी, फेफड़ों की समस्यओं, अस्थमा, डायबिटीज या अन्य गंभीर स्थितियों को का पता लगाने में भी सहायक है। इसके अतिरिक्त गर्दन व सिर के ट्राॅमा के लिए भी बीजीए टेस्ट किया जाता है।