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    Sonipat News: कस्टोडियन की जमीन पर बनीं 17 दुकानों को गिराने में लग गए 16 साल
 
            	    संवाद न्यूज एजेंसी, सोनीपत             
                        
       Updated Thu, 30 Oct 2025 11:45 PM IST
        
       
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                        फोटो 10: सोनीपत में सुभाष चौक के पास प्रशासन से अंतिम नोटिस जारी होने पर कस्टोडियन की जमीन पर ब
                                
    
        
    
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                सोनीपत। सुभाष चौक के पास कस्टोडियन की जमीन पर बनीं 17 दुकानों को वीरवार को बुलडोजर चलाकर गिरा दिया गया। मगर सबसे बड़ी बात यह रही कि पहले 11 दुकानें गिराने के बाद इन दुकानों को गिराने में प्रसाशन को 16 साल लग गए।
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
 
                        
                                                                                      
                   
    
                                                                        
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                                
                                 
                
तहसीलदार ने इन दुकानों को गिराने के लिए पहले ही नोटिस जारी कर दिया था। प्रशासन की तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले ही दुकानदारों ने वीरवा सुबह दुकानों को खाली करने शुरू कर दिया था। दोपहर के समय जिला राजस्व अधिकारी सुशील शर्मा और तहसीलदार कीर्ति की मौजूदगी में दुकानों को ध्वस्त किया गया।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
वर्ष 1977 में तत्कालीन नगर पालिका ने पार्किंग और ग्रीन बेल्ट के लिए आरक्षित स्थान पर दुकानों का निर्माण कर उन्हें किराये पर दिया था। बाद में इन दुकानों को हटाने के लिए उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई थी।
वर्ष 2009 में उच्च न्यायालय ने इन्हें हटाने का आदेश दे दिया था। इसके तहत 27 अक्तूबर 2009 को एक तरफ की 11 दुकानों को तोड़ दिया गया था मगर एटलस रोड की ओर बनी दुकानों के संचालकों ने उच्च न्यायालय से स्टे ले लिया था।
यह मामला कई साल तक लंबित रहा। 19 जुलाई 2023 को उच्च न्यायालय के तत्कालीन न्यायाधीश अनिल क्षेत्रपाल ने स्टे निरस्त कर दिया था। इसके बाद 16 अगस्त 2023 को प्रशासन ने इन 17 दुकानदारों को दुकानें खाली करने का नोटिस जारी किया था।
22 अगस्त को दुकानदारों की तरफ से अपना सामान निकालने पर प्रशासन ने बिजली काटने के बाद इनको गिराने की कार्यवाही शुरू कर दी थी मगर दुकानदारों ने सुप्रीम कोर्ट से फिर से स्टे ले लिया जिससे कार्रवाई रुक गई थी।
नगर निगम ने दायर किए थे शपथ पत्र
यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने पर नगर निगम ने अपने पक्ष में शपथ पत्र दायर कर स्पष्ट किया था कि 2009 से इन दुकानों से किराया लेना बंद कर दिया है। इनका निर्माण अवैध है। तथ्यों को जानने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 4 दिसंबर 2024 को स्टे निरस्त कर दिया और दुकानों को हटाने का आदेश दे दिया।
नगर निगम पुनर्वास का प्रस्ताव कर चुका है पारित
सेक्टर-23 स्थित सामुदायिक केंद्र में 3 अक्तूबर को नगर निगम हाउस की बैठक में 225 से ज्यादा एजेंडों पर चर्चा हुई थी। इसमें सुभाष चौक पर कस्टोडियन की जमीन पर बनी 17 दुकानों को तोड़ने के बाद दुकानदारों को किसी अन्य जगह पर पुनर्वास का प्रस्ताव पारित किया था। इसके लिए दो स्थान कबीरपुर के नजदीक व बहालगढ़ रोड के साथ की जमीन को चिह्नित किया गया है। इनमें से एक स्थान पर दुकानदारों का पुनर्वास किया जाएगा।
दुकानदार बोले-प्रशासन के आश्वासन पर खाली कीं दुकानें
दुकानदार हरि कौशिक, मदनलाल, रणधीर राठी व नरेंद्र कुमार ने बताया कि वह वर्ष 1977 से दुकानों का किराया नगर पालिका, नगर परिषद कार्यालय में जमा कर रहे थे। वर्ष 2009 में उनसे किराया लेना बंद कर दिया गया था। अब जिला प्रशासन ने सभी 17 दुकानदारों को पुनर्वास के लिए जगह उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। तहसीलदार की ओर से नोटिस चस्पा करने के बाद अब उन्होंने अपनी दुकानों को खाली कर दिया है। उनकी प्रशासन से मांग है कि जल्द ही उन्हें पुनर्वास के लिए जगह उपलब्ध करवाई जाए ताकि वह अपना दोबारा रोजगार चालू कर सकें।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
         
तहसीलदार ने इन दुकानों को गिराने के लिए पहले ही नोटिस जारी कर दिया था। प्रशासन की तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले ही दुकानदारों ने वीरवा सुबह दुकानों को खाली करने शुरू कर दिया था। दोपहर के समय जिला राजस्व अधिकारी सुशील शर्मा और तहसीलदार कीर्ति की मौजूदगी में दुकानों को ध्वस्त किया गया।
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            वर्ष 1977 में तत्कालीन नगर पालिका ने पार्किंग और ग्रीन बेल्ट के लिए आरक्षित स्थान पर दुकानों का निर्माण कर उन्हें किराये पर दिया था। बाद में इन दुकानों को हटाने के लिए उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई थी।
वर्ष 2009 में उच्च न्यायालय ने इन्हें हटाने का आदेश दे दिया था। इसके तहत 27 अक्तूबर 2009 को एक तरफ की 11 दुकानों को तोड़ दिया गया था मगर एटलस रोड की ओर बनी दुकानों के संचालकों ने उच्च न्यायालय से स्टे ले लिया था।
यह मामला कई साल तक लंबित रहा। 19 जुलाई 2023 को उच्च न्यायालय के तत्कालीन न्यायाधीश अनिल क्षेत्रपाल ने स्टे निरस्त कर दिया था। इसके बाद 16 अगस्त 2023 को प्रशासन ने इन 17 दुकानदारों को दुकानें खाली करने का नोटिस जारी किया था।
22 अगस्त को दुकानदारों की तरफ से अपना सामान निकालने पर प्रशासन ने बिजली काटने के बाद इनको गिराने की कार्यवाही शुरू कर दी थी मगर दुकानदारों ने सुप्रीम कोर्ट से फिर से स्टे ले लिया जिससे कार्रवाई रुक गई थी।
नगर निगम ने दायर किए थे शपथ पत्र
यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने पर नगर निगम ने अपने पक्ष में शपथ पत्र दायर कर स्पष्ट किया था कि 2009 से इन दुकानों से किराया लेना बंद कर दिया है। इनका निर्माण अवैध है। तथ्यों को जानने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 4 दिसंबर 2024 को स्टे निरस्त कर दिया और दुकानों को हटाने का आदेश दे दिया।
नगर निगम पुनर्वास का प्रस्ताव कर चुका है पारित
सेक्टर-23 स्थित सामुदायिक केंद्र में 3 अक्तूबर को नगर निगम हाउस की बैठक में 225 से ज्यादा एजेंडों पर चर्चा हुई थी। इसमें सुभाष चौक पर कस्टोडियन की जमीन पर बनी 17 दुकानों को तोड़ने के बाद दुकानदारों को किसी अन्य जगह पर पुनर्वास का प्रस्ताव पारित किया था। इसके लिए दो स्थान कबीरपुर के नजदीक व बहालगढ़ रोड के साथ की जमीन को चिह्नित किया गया है। इनमें से एक स्थान पर दुकानदारों का पुनर्वास किया जाएगा।
दुकानदार बोले-प्रशासन के आश्वासन पर खाली कीं दुकानें
दुकानदार हरि कौशिक, मदनलाल, रणधीर राठी व नरेंद्र कुमार ने बताया कि वह वर्ष 1977 से दुकानों का किराया नगर पालिका, नगर परिषद कार्यालय में जमा कर रहे थे। वर्ष 2009 में उनसे किराया लेना बंद कर दिया गया था। अब जिला प्रशासन ने सभी 17 दुकानदारों को पुनर्वास के लिए जगह उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। तहसीलदार की ओर से नोटिस चस्पा करने के बाद अब उन्होंने अपनी दुकानों को खाली कर दिया है। उनकी प्रशासन से मांग है कि जल्द ही उन्हें पुनर्वास के लिए जगह उपलब्ध करवाई जाए ताकि वह अपना दोबारा रोजगार चालू कर सकें।

फोटो 10: सोनीपत में सुभाष चौक के पास प्रशासन से अंतिम नोटिस जारी होने पर कस्टोडियन की जमीन पर ब

फोटो 10: सोनीपत में सुभाष चौक के पास प्रशासन से अंतिम नोटिस जारी होने पर कस्टोडियन की जमीन पर ब