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Sonipat News: छत पर चढ़ हेल्थ इंस्पेक्टर ने दी आत्मदाह की धमकी, बैरंग लौटी कब्जा छुड़ाने गई टीम
संवाद न्यूज एजेंसी, सोनीपत
Updated Tue, 18 Nov 2025 01:46 AM IST
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फोटो : 17: सोनीपत के मटिंडू गांव में नपाई कराते प्रशासन के अधिकारी । स्रोत ग्रामीण
- फोटो : पैथालॉजी में डिजिटल एक्सरे रूम के बाहर मरीजों को वापस करता सुरक्षा कर्मी।
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खरखौदा। अदालत के आदेश पर मटिंडू गांव में भारी पुलिस बल की मौजूदगी में प्रशासनिक अमला कब्जा दिलाने के लिए पहुंचा मगर अधिकारियों के उस समय हाथ-पांव फूल गए जब मकान मालिक हेल्थ इंस्पेक्टर यशवीर ने छत पर चढ़कर आत्मदाह करने के लिए खुद पर डीजल डालकर आग लगाने का प्रयास किया।
अधिरियों ने किसी तरह से यशवीर को नीचे उतारा और अस्पताल में भर्ती करवाया। गनीमत रही कि माचिस की तीली नहीं जली। इसके बाद टीम बगैर लौट गई।
तीन दशक पहले मटिंडू गांव में हुई गलत पैमाइश को दुरुस्त कराने के लिए अदालत की शरण ली गई थी। एक पक्ष की तरफ से अदालत में जो पैरवी की जा रही थी उस पर उनके हक में फैसला आने पर जमीन पर कब्जा देने के आदेश दे दिए।
यह कार्रवाई करीब दो वर्ष से चल रही है। पिछले वर्ष कुछ जमीन पर कब्जा दिलाया गया था। बाकी जमीन पर कब्जा नहीं मिलने पर फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाया गया। इस पर अदालत ने कब्जा दिलाने के आदेश प्रशासन को दिए गए लेकिन विरोध होने पर प्रशासनिक अमला लौट गया था।
ऐसे में बीते सप्ताह ही अदालत ने आदेश दिया कि कोई भी अधिकारी अगर छुट्टी पर रहता है तो उसके वरिष्ठ अधिकारी ड्यूटी मजिस्ट्रेट बनकर कब्जा दिलाएंगे। सोमवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के रूप में नायब तहसीलदार अचिन कुमार व एसीपी राजदीप और थाना प्रभारी पवन कुमार भारी पुलिस बल के साथ मटिंडू पहुंचे।
कब्जा दिलाने के लिए पैमाइश का काम शुरू किया गया। इसी दौरान पैमाइश कराकर प्रशासनिक अमले ने अपनी कार्रवाई को शुरू करते हुए एक मकान की दीवारी गिराकर दूसरे मकान की तरफ बढ़ी तो मकान मालिक यशवीर ने खुद पर डीजल छिड़क लिया और छत पर चढ़ गया। खुद को आग लगाने का प्रयास किया।
यह देखकर प्रशासनिक अमले के साथ ही ग्रामीण भी सकते में आ गए। पुलिसकर्मियों ने परिवार के सदस्यों के साथ छत पर चढ़कर यशवीर को पकड़ लिया। इसके बाद उसे खरखौदा के सरकारी अस्पताल भेज दिया गया। वहीं, अचानक से हुए इस घटनाक्रम के बाद प्रशासन बैकफुट पर आ गया और कार्रवाई को बंद कर लौट गई।
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अदालत के आदेश पर दिलाना था कब्जा
मटिंडू के जगत के प्लॉट नंबर 1028 के तहत 966 वर्ग गज पर प्रशासन को अदालत के आदेश पर कब्जा दिलाना था। इससे गांव के ही यशवीर, मामचंद, जगबीर हरिकिशन व सुखबीर के मकान प्रभावित होने के साथ ही एक मुख्य गली व दो अन्य गली प्रभावित हो रही थीं। सोमवार को भी यह कार्रवाई नहीं हो सकी। ऐसे में एक पक्ष का कहना है कि इस कब्जा कार्रवाई के लिए उन्हें लगातार आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। कई बार कब्जा दिलाने की कार्रवाई हो चुकी है जिस पर उन्हें मशीन का हजारों रुपये का खर्च झेलना पड़ रहा है।
घर बचाने को छत पर चढ़ा
इस दौरान खुद पर डीजल छिड़क कर आत्मदाह करने का प्रयास करने वाले स्वास्थ्य विभाग में बतौर हेल्थ इंस्पेक्टर यशवीर ने अस्पताल में कहा कि घर पर बुलडोजर चलने का अहसास होने पर उसे दूसरा कोई रास्ता ही दिखाई नहीं दिया। उनकी मांग अनसुनी की जा रही है। इस प्रकार की कार्रवाई से पूरा गांव ही तहस-नहस हो जाएगा। यह तो अभी सिर्फ 20 खेवट की कार्रवाई है जबकि अभी 103 खेवट पर ऐसी कार्रवाई होनी बाकी है। इससे पूरा गांव ढह जाएगा।
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अधिरियों ने किसी तरह से यशवीर को नीचे उतारा और अस्पताल में भर्ती करवाया। गनीमत रही कि माचिस की तीली नहीं जली। इसके बाद टीम बगैर लौट गई।
तीन दशक पहले मटिंडू गांव में हुई गलत पैमाइश को दुरुस्त कराने के लिए अदालत की शरण ली गई थी। एक पक्ष की तरफ से अदालत में जो पैरवी की जा रही थी उस पर उनके हक में फैसला आने पर जमीन पर कब्जा देने के आदेश दे दिए।
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यह कार्रवाई करीब दो वर्ष से चल रही है। पिछले वर्ष कुछ जमीन पर कब्जा दिलाया गया था। बाकी जमीन पर कब्जा नहीं मिलने पर फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाया गया। इस पर अदालत ने कब्जा दिलाने के आदेश प्रशासन को दिए गए लेकिन विरोध होने पर प्रशासनिक अमला लौट गया था।
ऐसे में बीते सप्ताह ही अदालत ने आदेश दिया कि कोई भी अधिकारी अगर छुट्टी पर रहता है तो उसके वरिष्ठ अधिकारी ड्यूटी मजिस्ट्रेट बनकर कब्जा दिलाएंगे। सोमवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के रूप में नायब तहसीलदार अचिन कुमार व एसीपी राजदीप और थाना प्रभारी पवन कुमार भारी पुलिस बल के साथ मटिंडू पहुंचे।
कब्जा दिलाने के लिए पैमाइश का काम शुरू किया गया। इसी दौरान पैमाइश कराकर प्रशासनिक अमले ने अपनी कार्रवाई को शुरू करते हुए एक मकान की दीवारी गिराकर दूसरे मकान की तरफ बढ़ी तो मकान मालिक यशवीर ने खुद पर डीजल छिड़क लिया और छत पर चढ़ गया। खुद को आग लगाने का प्रयास किया।
यह देखकर प्रशासनिक अमले के साथ ही ग्रामीण भी सकते में आ गए। पुलिसकर्मियों ने परिवार के सदस्यों के साथ छत पर चढ़कर यशवीर को पकड़ लिया। इसके बाद उसे खरखौदा के सरकारी अस्पताल भेज दिया गया। वहीं, अचानक से हुए इस घटनाक्रम के बाद प्रशासन बैकफुट पर आ गया और कार्रवाई को बंद कर लौट गई।
अदालत के आदेश पर दिलाना था कब्जा
मटिंडू के जगत के प्लॉट नंबर 1028 के तहत 966 वर्ग गज पर प्रशासन को अदालत के आदेश पर कब्जा दिलाना था। इससे गांव के ही यशवीर, मामचंद, जगबीर हरिकिशन व सुखबीर के मकान प्रभावित होने के साथ ही एक मुख्य गली व दो अन्य गली प्रभावित हो रही थीं। सोमवार को भी यह कार्रवाई नहीं हो सकी। ऐसे में एक पक्ष का कहना है कि इस कब्जा कार्रवाई के लिए उन्हें लगातार आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। कई बार कब्जा दिलाने की कार्रवाई हो चुकी है जिस पर उन्हें मशीन का हजारों रुपये का खर्च झेलना पड़ रहा है।
घर बचाने को छत पर चढ़ा
इस दौरान खुद पर डीजल छिड़क कर आत्मदाह करने का प्रयास करने वाले स्वास्थ्य विभाग में बतौर हेल्थ इंस्पेक्टर यशवीर ने अस्पताल में कहा कि घर पर बुलडोजर चलने का अहसास होने पर उसे दूसरा कोई रास्ता ही दिखाई नहीं दिया। उनकी मांग अनसुनी की जा रही है। इस प्रकार की कार्रवाई से पूरा गांव ही तहस-नहस हो जाएगा। यह तो अभी सिर्फ 20 खेवट की कार्रवाई है जबकि अभी 103 खेवट पर ऐसी कार्रवाई होनी बाकी है। इससे पूरा गांव ढह जाएगा।

फोटो : 17: सोनीपत के मटिंडू गांव में नपाई कराते प्रशासन के अधिकारी । स्रोत ग्रामीण- फोटो : पैथालॉजी में डिजिटल एक्सरे रूम के बाहर मरीजों को वापस करता सुरक्षा कर्मी।

फोटो : 17: सोनीपत के मटिंडू गांव में नपाई कराते प्रशासन के अधिकारी । स्रोत ग्रामीण- फोटो : पैथालॉजी में डिजिटल एक्सरे रूम के बाहर मरीजों को वापस करता सुरक्षा कर्मी।