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Sonipat News: लैब संचालक फर्जी रिपोर्ट देता रहा, बच्ची का होता रहा इलाज
संवाद न्यूज एजेंसी, सोनीपत
Updated Sun, 21 Dec 2025 01:43 AM IST
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सोनीपत। कुंडली क्षेत्र की सोसाइटी में रहने वाले रेजिडेंट ने पैथोलॉजी लैब संचालक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि लैब संचालक फर्जी मेडिकल रिपोर्ट देता रहा जिससे बच्ची का उपचार होता रहा। बाद में चिकित्सक ने जांच कराई तो मामले का पता लगा। पीडि़त ने कुंडली थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
शिकायतकर्ता के अनुसार उनकी दस वर्षीय बेटी ग्रोथ हार्मोन की कमी से पीड़ित है। उसे उपचार के दौरान नियमित रूप से इंसुलिन लगाककर ग्रोथ फैक्टर (आईजीएफ) -1 जांच कराई जाती थी। यह जांच रिपोर्ट इलाज में अहम होती है। वह तीन-चार वर्ष से टीडीआई रोड स्थित लेबेक्स पैथोलॉजी लैब से डॉ. राजेश के पास अपनी बेटी के टेस्ट करा रहे थे।
लैब का संचालक राजेश खुद को चिकित्सक बताता था जिस कारण उस पर पूरा भरोसा हो गया था। उसी लैब से मिली रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सक इलाज करते रहे और दवाइयों की खुराक घटाते-बढ़ाते रहे। समय बीतने के बावजूद जब बच्ची के स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ और उसके शरीर में अन्य समस्याएं उभरने लगीं तो उन्हें रिपोर्ट पर संदेह हुआ।
इसके बाद उन्होंने उन्हीं जांच रिपोर्ट को एक प्रतिष्ठित निजी लैब में सत्यापन के लिए भेजा। जांच में पता लगा कि रिपोर्ट फर्जी थीं। शिकायतकर्ता के अनुसार कई वर्ष से उनकी बेटी का इलाज जाली मेडिकल रिपोर्टों के आधार पर किया जा रहा था जिससे उसके स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा।
इस खुलासे के बाद पीड़ित पिता ने कुंडली थाना पुलिस को शिकायत देकर प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी के खिलाफ कार्रवाई कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।
थाना कुंडली प्रभारी इंस्पेक्टर सेठी मलिक का कहना है कि मामले की गहन जांच की जा रही है और यह भी पता लगाया जा रहा है कि आरोपी ने और कितने लोगों को इसी तरह फर्जी रिपोर्ट के जरिए गुमराह किया है।
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शिकायतकर्ता के अनुसार उनकी दस वर्षीय बेटी ग्रोथ हार्मोन की कमी से पीड़ित है। उसे उपचार के दौरान नियमित रूप से इंसुलिन लगाककर ग्रोथ फैक्टर (आईजीएफ) -1 जांच कराई जाती थी। यह जांच रिपोर्ट इलाज में अहम होती है। वह तीन-चार वर्ष से टीडीआई रोड स्थित लेबेक्स पैथोलॉजी लैब से डॉ. राजेश के पास अपनी बेटी के टेस्ट करा रहे थे।
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लैब का संचालक राजेश खुद को चिकित्सक बताता था जिस कारण उस पर पूरा भरोसा हो गया था। उसी लैब से मिली रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सक इलाज करते रहे और दवाइयों की खुराक घटाते-बढ़ाते रहे। समय बीतने के बावजूद जब बच्ची के स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ और उसके शरीर में अन्य समस्याएं उभरने लगीं तो उन्हें रिपोर्ट पर संदेह हुआ।
इसके बाद उन्होंने उन्हीं जांच रिपोर्ट को एक प्रतिष्ठित निजी लैब में सत्यापन के लिए भेजा। जांच में पता लगा कि रिपोर्ट फर्जी थीं। शिकायतकर्ता के अनुसार कई वर्ष से उनकी बेटी का इलाज जाली मेडिकल रिपोर्टों के आधार पर किया जा रहा था जिससे उसके स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा।
इस खुलासे के बाद पीड़ित पिता ने कुंडली थाना पुलिस को शिकायत देकर प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी के खिलाफ कार्रवाई कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।
थाना कुंडली प्रभारी इंस्पेक्टर सेठी मलिक का कहना है कि मामले की गहन जांच की जा रही है और यह भी पता लगाया जा रहा है कि आरोपी ने और कितने लोगों को इसी तरह फर्जी रिपोर्ट के जरिए गुमराह किया है।