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यमुनानगर का दीनबंधु सर छोटूराम थर्मल प्लांट: आधुनिक होगा 800 मेगावाट का प्लांट, जल्द शुरू होगा निर्माण
सुरेश सैनी, यमुनानगर (हरियाणा)
Published by: नवीन दलाल
Updated Wed, 11 Oct 2023 11:14 AM IST
सार
दीनबंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट एचपीजीसीएल कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में से एक है। रिलायंस एनर्जी लिमिटेड और शंघाई इलेक्ट्रिक द्वारा संयुक्त रूप से बनाया गया था। वर्ष 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडा ने इस परियोजना को मंजूरी दी थी। 2005-2008 में इसको विकसित किया गया।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
दीनबंधु सर छोटूराम थर्मल प्लांट के अंदर लगने वाली 800 मेगावाट की नई यूनिट मेक इन इंडिया की तर्ज पर होगी, यानी प्लांट पूर्णरूप से स्वदेशी होगा। जबकि मौजूदा समय में 300-300 मेगावाट की जो इकाई लगी है, उसमें चाइना से निर्मित मशीनों का उपयोग हो रहा है, किंतु नई यूनिट की मशीनें स्वदेशी और आधुनिक होंगी। बताया जा रहा है कि यह अपने आप में प्रदेश का पहला ऐसा प्लांट होगा। दो माह में 800 मेगावाट की इस नई यूनिट के निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। इस प्लांट को बनाने में करीब छह हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, जबकि मौजूदा समय में 600 मेगावाट के प्लांट पर 2400 करोड़ रुपये की लागत आई थी।
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चिमनियां और कूलिंग टॉवर होंगे छोटे, तेजी से बनेगी बिजली व कम होगा प्रदूषण800 मेगावाट की नई यूनिट में जहां नई तकनीक होगी, वहीं ढेरों खूबियां भी होंगी। सबसे खास बात यह रहेगी कि इसकी चिमनियां व कूलिंग टॉवर छोटे होंगे। इस कारण तेजी से बिजली बनेगी और प्रदूषण भी कम होगा। इसके लिए 400 केवी लाइन अलग से बिछाई जाएगी। इसमें बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। विदित हो कि केंद्र सरकार ने हाल ही में झारखंड की बजाय यमुनानगर में इस 800 मेगावाट प्लांट को लगाने की अनुमति दी है। ऐसे में नया प्लांट लगने से जिले से 1400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा।
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प्लांट के बारे में यह खास
दीनबंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट एचपीजीसीएल कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में से एक है। रिलायंस एनर्जी लिमिटेड और शंघाई इलेक्ट्रिक द्वारा संयुक्त रूप से बनाया गया था। वर्ष 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडा ने इस परियोजना को मंजूरी दी थी। 2005-2008 में इसको विकसित किया गया। इससे पहले वर्ष-2004 में भी तत्कालीन मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला थर्मल पावर प्लांट का शिलान्यास किया था, लेकिन इस दौरान परियोजना कागजों में रही थी।
अधिकारी के अनुसार
800 मेगावाट यूनिट पूरी तरह से आधुनिक होगी। नई तकनीक होने से बिजली का उत्पादन सस्ता होगा। करीब दो माह के भीतर टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। मेक इन इंडिया की तर्ज पर मशीनरी लगेगी। -राजीव गुप्ता, चीफ इंजीनियर, दीनबंधु सर छोटूराम थर्मल पावर प्लांट यमुनानगर।
विधायक के अनुसार
हमारे यहां पर 800 मेगावाट की नई बड़ी इकाई जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है। नई इकाई लगने से जिले को काफी फायदा होगा। इससे जहां जिले को पूरी तरह से बिजली मिलेगी। साथ ही युवाओं को इकाई में रोजगार के अवसर खुलेंगे। -घनश्यामदास अरोड़ा, विधायक यमुनानगर।