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इश्क, फरेब और कत्ल: दो साल तक एक जिस्म दो जान बनकर रहे, भविष्य के हसीं सपने देखे; उमा हत्याकांड की पूरी कहानी

संवाद न्यूज एजेंसी, यमुनानगर Published by: आकाश दुबे Updated Mon, 15 Dec 2025 11:49 AM IST
सार

बिलाल ने पहचान छिपाने के मकसद से कटे सिर को कलेसर जंगल में फेंक दिया था, इस उम्मीद से कि जंगली जानवर उसे खा जाएंगे। हालांकि, रविवार को हिमाचल-हरियाणा की सीमा पर लालढांग के पास महिला का सिर बरामद हो गया। पढ़ें पूरी खबर-

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Full story of Uma murder case For two years woman had been dreaming of a bright future with Bilal
उमा हत्याकांड - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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सहारनपुर की 30 वर्षीय उमा को शायद अंदाजा भी नहीं था कि जिस रिश्ते को वह जिंदगी भर का नाम देना चाहती थी, वही उसकी मौत की वजह बन जाएगा। दो साल तक साथ रहने, सपने देखने और भविष्य की योजनाएं बनाने के बाद उसका अंत इतनी बेरहमी से होगा, यह सोचकर रूह कांप जाती है।

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पुलिस जांच में सामने आया है कि उमा और बिलाल पिछले दो वर्षों से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे थे। उमा इस रिश्ते को सामाजिक मान्यता दिलाने के लिए लगातार शादी की बात कर रही थी। वह चाहती थी कि अब छिपकर नहीं, खुले तौर पर पति पत्नी की तरह जीवन जिए। लेकिन बिलाल की मंशा कुछ और थी। वह किसी और युवती से शादी तय कर चुका था और उमा उसके लिए बोझ बन चुकी थी।

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उमा बार-बार शादी का दबाव बना रही थी, जिससे बिलाल तनाव में था। इसी तनाव ने धीरे-धीरे अपराध का रूप ले लिया। पुलिस के मुताबिक, बिलाल ने पूरी योजना के तहत उमा को कार में बैठाया। वहां पहले कार की सीट बेल्ट से उसका गला घोंटा गया। जब उमा ने विरोध किया और बचने की कोशिश की, तो बिलाल ने तेजधार वाले हथियार से उसका गला रेत दिया। यहीं कहानी खत्म नहीं होती। 

पहचान छिपाने और खुद को बचाने के लिए आरोपी बिलाल ने उमा शव का सिर धड़ से अलग कर दिया। सिर को कलेसर के जंगल में फेंक दिया गया, जबकि धड़ को अलग स्थान पर ठिकाने लगाया गया। सात दिसंबर को गांव बहादुरपुर स्थित पॉपुलर पेड़ की नर्सरी से सिर कटा शव मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी।

बिलाल के तीन भाइयों की हो चुकी शादी 
बिलाल के अलावा उसके चार भाई और तीन बहन है। तीन बड़े भाइयों की शादी हो चुकी है। 14 दिसंबर रविवार को बिलाल और उसके भाई सलमान की बरात लंडौरा गांव में जानी थी। बिलाल पूरी तरह बेफिक्र था और कई दिनों से दूल्हा बनने के ख्वाब संजोए हुए था। बरात के लिए उसने कपड़े और अन्य खरीददारी भी की, लेकिन शनिवार को पुलिस ने उसे पकड़ लिया।

ऐसे में रविवार को केवल सलमान की बरात गई, जिसमें पांच से सात बराती शामिल हुए। बिलाल के बड़े भाई रहमान ने बताया कि दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग के मामले की कोई जानकारी नहीं थी। शनिवार को जब पुलिस ने बिलाल को गंगोह जाते समय पकड़ा, तब पुलिस से ही उन्हें पता चला।

एक तरफ परिवार में कई दिनों से शादी को लेकर खुशी का माहौल था तो दूसरी तरफ बिलाल की गिरफ्तारी से परिजन सदमे में है। बिलाल ड्राइवरी करता है। दो साल पहले इन दोनों की सहारनपुर में ही मुलाकात हुई थी। दोनों संपर्क में आए। रिश्ते गहरे होते गए। उसके बाद दोनों साथ रहने लगे। यह बात करीब दो साल पुरानी है। उमा का सारा खर्च बिलाल ही उठाता था।

उमा से पीछा छुड़ाना चाहता था बिलाल 
उमा और बिलाल दोनों दो साल से लिव इन में रह रहे थे। लेकिन अब बिलाल उमा से उबने लगा था। उसके परिजन उसके लिए रिश्ता ढूंढ रहे थे। मगर ऐसे में कोई बाधा थी तो उमा। अंतरजातीय मामला था। अब बिलाल के ऊपर दोहरा दबाव था। परिजनों का, जो उसके लिए रिश्ता ढूंढ रहे थे। दूसरी तरफ उमा का जो कह रही थी कि अब शादी करेंगे। इसी बीच परिजनों ने रिश्ता ढूंढ लिया और शादी भी 14 दिसंबर तय कर दी।

पहचान न होने पर किया गया था अंतिम संस्कार
अज्ञात शव मिलने पर पुलिस पहचान के लिए पोस्टमार्टम हाउस में रखवाती है। उमा का शव भी रखवाया गया था। आरोपी बिलाल ने उमा को 6 दिसंबर को मौत के घाट उतारा था। सात दिसंबर को पॉपुलर पेड़ की नर्सरी से दोपहर को उसका सिर कटा शव बरामद हुआ था।

शिनाख्त के लिए उसे पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया गया था। उमा के शव की शिनाख्त नहीं होने पर शुक्रवार को उसके सेवा समिति के माध्यम से उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया था।


कार के नंबर से पुलिस को मिला था सुराग
सात दिसंबर को युवती का सिर कटा शव मिलने के बाद पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये थी की इस घटना को किसने, कहां और कैसे अंजाम दिया। इन सब को सुलझाने के लिए एसआईटी बनने के बाद पुलिस अपनी तफ्तीश में जुट गई थी। पुलिस हर अलग-अलग एंगल से जांच कर रह रही थी। इस दौरान सामने आया कि जिस जगह पर युवती लाश पड़ी थी। 

वहां से कुछ दूरी पर रात करीब साढ़े 11 बजे एक यूपी नंबर की कार खड़ी नजर आई थी, जिसे वहां पर एक व्यक्ति ने भी देखा था। कार अराईवाला में एक सीसीटीवी कैमरा में भी नजर आई, जिसके बाद उसे हथिनी कुंड बैराज पर लगे सीसीटीवी कैमरे में उत्तर प्रदेश की ओर जाते देखा। आसपास के मोबाइल नंबर डंप कराने पर कुछ संदिग्ध नंबर सामने आए, जिनमें कुछ खैर तस्कर भी शामिल थे। पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने भी बताया कि यूपी नंबर की कार रात करीब 11-12 बजे देखी थी।

हत्यारोपी से निशानदेही कराई गई। इस दौरान लाल ढांग से युवती का कटा सिर, कपड़े व शाल को बरामद कर लिया गया है। हथियार बरामद किया जाना बाकी है। - राकेश कुमार, इंचार्ज, सीआईएटू, यमुनानगर।

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