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बघाट बैंक मामला: एक की संपत्ति पर दे दिए दो-दो लोन, गारंटर भी एक ही बनाया; लोन आवंटन में बरतीं अनियमितताएं

सोमदत्त शर्मा, सोलन Published by: अंकेश डोगरा Updated Wed, 05 Nov 2025 04:00 AM IST
सार

Baghat Bank Case: बघाट बैंक लोन देने के मामले में अब तक करीब 40 करोड़ रुपये के लोन की जांच की गई, जिसमें कई बड़े खुलासे हुए हैं। मामले में बड़ी अनियमितताएं सामने आ रही हैं। पढ़ें पूरी खबर...

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Baghat Bank case Two loans were granted against the same property with only one guarantor
बघाट बैंक - फोटो : संवाद
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बघाट बैंक लोन देने के मामले में बड़ी अनियमितताएं सामने आ रही हैं। सहायक पंजीयक की अदालत में मामले की जांच चल रही है। अब तक करीब 40 करोड़ रुपये के लोन की जांच की गई, जिसमें कई बड़े खुलासे हुए हैं। इसमें पाया गया कि तत्कालीन बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (बीओडी) ने एक ही संपत्ति पर दो-दो लोन दे दिए। साथ ही इसमें गारंटर भी एक ही बनाया गया। इसके बाद लोन लेने वाले ने यह वापस नहीं दिए। इसके अलावा कई संपत्तियों के पूरे कागज भी नहीं लिए गए।

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अधूरे दस्तावेजों पर ही उन्हें लाखों के लोन जारी कर दिए। साथ ही कुछ संपत्तियां ऐसी भी हैं, जिनकी बाजार वैल्यू लोन की राशि से भी कम है। ऐसे में यदि अब संपत्तियां बेची जाती हैं तो बैंक पूरी रिकवरी नहीं कर पाएगा।। अभी तक करीब 40 करोड़ रुपये के लोन की जांच की गई है, वहीं सहायक पंजीयक की अदालत में अभी 120 करोड़ रुपये की लोन की जांच होनी है, जिसमें और भी बड़ी अनियमितताएं सामने आएंगी।

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बीओडी से होगी रिकवरी
लोन लेने के मामले में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (बीओडी) ने भारी अनियमितताएं की थीं, जिसके कारण आज करीब 77 हजार लोगों का पैसा फंस गया है। ऐसे में अब अगर डिफाल्टर की संपत्ति बेचकर पैसा पूरा नहीं होता है तो इसमें बीओडी के सदस्यों से भी बची हुई राशि की रिकवरी होगी। सहायक पंजीयक की अदालत अनियमितता के मामले में कड़ी कार्रवाई कर सकती है।

2021 में कर दिए थे लोन बंद
बघाट बैंक में आरबीआई ने अनियमितताएं पाए जाने पर वर्ष 2021 में लोन देने पर रोक लगा दी थी। वहीं उससे पहले ही यहां पर करोड़ों के लोन बांटे जा चुके थे। इसमें अभी भी बैंक का एनपीए 132 करोड़ है जबकि एक माह में करीब दो करोड़ से अधिक लोन की कैश में रिकवरी हो चुकी है। हालांकि बैंक के ग्राहकों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। वह बैंक से अपना पैसा तक नहीं निकाल पा रहे हैं।

बैंक की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (बीओडी) ने लोन लेने में भारी अनियमितताएं की। इसमें एक ही संपत्ति पर दो-दो लोन दे दिए और गारंटर भी एक ही बनाया गया। कई लोन अधूरे दस्तावेजों पर आवंटित कर दिए गए। वहीं, कई जगह लोन अधिक दे दिया जबकि संपत्ति की वैल्यू कम है। ऐसे में डिफाल्टर की संपत्ति बेचकर अगर लोन की रिकवरी नहीं होती है तो बचे हुए लोन का पैसा बीओडी (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) से भी वसूला जाएगा।- गिरीश नड्डा, सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं, सोलन

 
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