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Bilaspur News: जिले में लोगों और किसानों को लावारिस पशुओं से जल्द मिलेगी राहत
संवाद न्यूज एजेंसी, बिलासपुर
Updated Sun, 14 Dec 2025 11:50 PM IST
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बलोह में निर्माणाधीन गोसदन। संवाद
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कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर बलोह तैयार हो रहा आधुनिक गोसदन
250 के करीब बेसहारा पशुओं के रख-रखाव की होगी व्यवस्था
गोसदन के सुचारु और पारदर्शी संचालन के लिए एक विशेष ट्रस्ट का गठन
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। जिले की सड़कों पर लंबे समय से लोगों के लिए परेशानी और दुर्घटनाओं का कारण बने लावारिस पशुओं की समस्या के समाधान की दिशा में जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर गाबर कंपनी के सहयोग से एक आधुनिक गोसदन तैयार किया गया है, जिसमें करीब 250 लावारिस पशुओं को सुरक्षित रखने और उनकी समुचित देख-रेख की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा पास में ही पशु चिकित्सालय भी बनाया जाएगा।
इस गोसदन के शीघ्र संचालन में आने से जिले की सड़कों पर घूम रहे लावारिस पशुओं की संख्या में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है। जिले में वर्तमान में संचालित गोसदन अपनी निर्धारित क्षमता से अधिक पशुओं को संभाल रहे हैं। अधिक संख्या के कारण पशुओं के चारे, पानी, साफ-सफाई और स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाओं में लगातार कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन की ओर से नए गोसदन के निर्माण को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया गया है। कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर बलोह क्षेत्र में विकसित इस नए गोसदन के लिए प्रशासन की ओर से सभी आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवा दी गई हैं। गोसदन में बिजली, पानी और अन्य जरूरी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ही गोसदन पूरी तरह से संचालित होगा, जिले में बेसहारा पशुओं की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी। गोसदन के सुचारु और पारदर्शी संचालन के लिए एक विशेष ट्रस्ट का गठन किया जाएगा। यह ट्रस्ट पशुओं के रख-रखाव, चारे की व्यवस्था, नियमित स्वास्थ्य जांच और सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाएगा। ट्रस्ट के माध्यम से गोसदन का प्रबंधन व्यवस्थित ढंग से किया जाएगा ताकि भविष्य में किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
इनसेट
लावारिस पशुओं की पहचान के निर्देश
उपायुक्त राहुल कुमार ने हाल ही में एक समीक्षा बैठक में पशुपालन विभाग को निर्देश दिए हैं कि बिलासपुर और घुमारवीं शहरी क्षेत्रों सहित कीरतपुर-मनाली फोरलेन क्षेत्र में घूम रहे सभी बेसहारा पशुओं को चिह्नित किया जाए। चिह्नित पशुओं को चरणबद्ध तरीके से काऊ सेंचुरी नालागढ़ भेजने की प्रक्रिया को तेज करने के आदेश दिए गए हैं, ताकि सड़क दुर्घटनाओं की आशंका को समय रहते रोका जा सके।
इनसेट
750 के करीब लावारिस पशु बने चिंता का विषय
जिले में इस समय करीब 750 से ज्यादा लावारिस पशु सड़कों पर घूम रहे हैं। ये पशु कई बार गंभीर सड़क हादसों का कारण बन चुके हैं, वहीं कुछ मामलों में खूंखार सांडों द्वारा लोगों पर जानलेवा हमले के मामले भी सामने आए हैं। इससे वाहन चालकों, राहगीरों और किसानों में डर का माहौल बना हुआ है।
इनसेट
गोसदन बनने से होगा स्थायी समाधान
यदि इन पशुओं के लिए स्थायी और व्यवस्थित गोसदन की व्यवस्था सुनिश्चित हो जाती है, तो न केवल सड़क हादसों में कमी आएगी, बल्कि किसानों की फसलों को हो रहे नुकसान और आमजन की परेशानी से भी राहत मिलेगी। जिला प्रशासन की ओर से उठाया गया यह कदम लावारिस पशुओं की समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
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250 के करीब बेसहारा पशुओं के रख-रखाव की होगी व्यवस्था
गोसदन के सुचारु और पारदर्शी संचालन के लिए एक विशेष ट्रस्ट का गठन
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। जिले की सड़कों पर लंबे समय से लोगों के लिए परेशानी और दुर्घटनाओं का कारण बने लावारिस पशुओं की समस्या के समाधान की दिशा में जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर गाबर कंपनी के सहयोग से एक आधुनिक गोसदन तैयार किया गया है, जिसमें करीब 250 लावारिस पशुओं को सुरक्षित रखने और उनकी समुचित देख-रेख की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा पास में ही पशु चिकित्सालय भी बनाया जाएगा।
इस गोसदन के शीघ्र संचालन में आने से जिले की सड़कों पर घूम रहे लावारिस पशुओं की संख्या में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है। जिले में वर्तमान में संचालित गोसदन अपनी निर्धारित क्षमता से अधिक पशुओं को संभाल रहे हैं। अधिक संख्या के कारण पशुओं के चारे, पानी, साफ-सफाई और स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाओं में लगातार कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन की ओर से नए गोसदन के निर्माण को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया गया है। कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर बलोह क्षेत्र में विकसित इस नए गोसदन के लिए प्रशासन की ओर से सभी आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवा दी गई हैं। गोसदन में बिजली, पानी और अन्य जरूरी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ही गोसदन पूरी तरह से संचालित होगा, जिले में बेसहारा पशुओं की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी। गोसदन के सुचारु और पारदर्शी संचालन के लिए एक विशेष ट्रस्ट का गठन किया जाएगा। यह ट्रस्ट पशुओं के रख-रखाव, चारे की व्यवस्था, नियमित स्वास्थ्य जांच और सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाएगा। ट्रस्ट के माध्यम से गोसदन का प्रबंधन व्यवस्थित ढंग से किया जाएगा ताकि भविष्य में किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
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लावारिस पशुओं की पहचान के निर्देश
उपायुक्त राहुल कुमार ने हाल ही में एक समीक्षा बैठक में पशुपालन विभाग को निर्देश दिए हैं कि बिलासपुर और घुमारवीं शहरी क्षेत्रों सहित कीरतपुर-मनाली फोरलेन क्षेत्र में घूम रहे सभी बेसहारा पशुओं को चिह्नित किया जाए। चिह्नित पशुओं को चरणबद्ध तरीके से काऊ सेंचुरी नालागढ़ भेजने की प्रक्रिया को तेज करने के आदेश दिए गए हैं, ताकि सड़क दुर्घटनाओं की आशंका को समय रहते रोका जा सके।
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750 के करीब लावारिस पशु बने चिंता का विषय
जिले में इस समय करीब 750 से ज्यादा लावारिस पशु सड़कों पर घूम रहे हैं। ये पशु कई बार गंभीर सड़क हादसों का कारण बन चुके हैं, वहीं कुछ मामलों में खूंखार सांडों द्वारा लोगों पर जानलेवा हमले के मामले भी सामने आए हैं। इससे वाहन चालकों, राहगीरों और किसानों में डर का माहौल बना हुआ है।
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गोसदन बनने से होगा स्थायी समाधान
यदि इन पशुओं के लिए स्थायी और व्यवस्थित गोसदन की व्यवस्था सुनिश्चित हो जाती है, तो न केवल सड़क हादसों में कमी आएगी, बल्कि किसानों की फसलों को हो रहे नुकसान और आमजन की परेशानी से भी राहत मिलेगी। जिला प्रशासन की ओर से उठाया गया यह कदम लावारिस पशुओं की समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।