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Bilaspur News: कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन में मुआवजे के लिए दर-दर भटक रहे प्रभावित
संवाद न्यूज एजेंसी, बिलासपुर
Updated Sun, 14 Dec 2025 11:33 PM IST
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घर-दुकानों में दरारें, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद नहीं मिला पूरा मुआवजा
फोरलेन संघर्ष समिति डैहर की बैठक में पदाधिकारियों ने जताया रोष
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन परियोजना से प्रभावित लोग बीते कई वर्षों से अपने हक के मुआवजे के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। जिन प्रभावितों ने राष्ट्रहित में अपनी बेशकीमती जमीनें परियोजना के लिए कुर्बान की, उन्हें आज तक न तो पूरा मुआवजा मिला और न ही उनकी समस्याओं का स्थायी समाधान हो पाया है।
फोरलेन संघर्ष समिति डैहर की बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि फोरलेन निर्माण के चलते कई घरों में गहरी दरारें आ गई हैं, जिससे लोग असुरक्षित क्षेत्र में रहने को विवश हैं। डैहर निवासी रणजीत ने बताया कि एनएचएआई ने प्रशासन के साथ मौके पर निरीक्षण कर मुआवजा देने का आश्वासन दिया था, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रभावित कई बार एनएचएआई कार्यालयों के चक्कर लगा चुके हैं, बावजूद इसके समस्या जस की तस बनी हुई है। कोट गांव के राज कुमार ने बताया कि अधिग्रहण के बाद कागजों में उनकी एक बीघा जमीन दर्ज है, जबकि मौके पर आधी जमीन भी शेष नहीं बची है। निशानदेही हुए चार वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन न तो अतिरिक्त अधिग्रहित भूमि का मुआवजा दिया गया है और न ही जमीन को पूरा करवाया गया है। इसी तरह की समस्याओं से अन्य प्रभावित परिवार भी जूझ रहे हैं। फोरलेन संघर्ष समिति डैहर के अध्यक्ष विजय शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2019 में अपने फैसले में प्रभावितों को 30 प्रतिशत सोलिसियम ब्याज सहित मुआवजा देने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद एनएचएआई निचली अदालतों में मामले हारने के बाद भी ऊपरी अदालतों में अपील कर मामलों को लटकाने का काम कर रही है, जो सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना है।
उन्होंने बताया कि प्रभावितों की समस्याओं को लेकर संघर्ष समिति की ओर से एसडीएम के माध्यम से केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को ज्ञापन सौंपा जा चुका है। इसके साथ ही अब जिला उपायुक्त के माध्यम से परियोजना निदेशक एनएचएआई को भी अवगत कराया जाएगा। यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो संघर्ष समिति आगे की रणनीति तैयार करेगी। संघर्ष समिति की बैठक में मनीष, श्याम लाल, राज कुमार, परवीन, सीता राम, परमजीत, रणजीत, संजय, सुरेश, पंकज, कश्मीरी लाल, राकेश, कैलाश और लक्की सहित अन्य प्रभावितों ने भाग लिया।
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फोरलेन संघर्ष समिति डैहर की बैठक में पदाधिकारियों ने जताया रोष
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन परियोजना से प्रभावित लोग बीते कई वर्षों से अपने हक के मुआवजे के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। जिन प्रभावितों ने राष्ट्रहित में अपनी बेशकीमती जमीनें परियोजना के लिए कुर्बान की, उन्हें आज तक न तो पूरा मुआवजा मिला और न ही उनकी समस्याओं का स्थायी समाधान हो पाया है।
फोरलेन संघर्ष समिति डैहर की बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि फोरलेन निर्माण के चलते कई घरों में गहरी दरारें आ गई हैं, जिससे लोग असुरक्षित क्षेत्र में रहने को विवश हैं। डैहर निवासी रणजीत ने बताया कि एनएचएआई ने प्रशासन के साथ मौके पर निरीक्षण कर मुआवजा देने का आश्वासन दिया था, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रभावित कई बार एनएचएआई कार्यालयों के चक्कर लगा चुके हैं, बावजूद इसके समस्या जस की तस बनी हुई है। कोट गांव के राज कुमार ने बताया कि अधिग्रहण के बाद कागजों में उनकी एक बीघा जमीन दर्ज है, जबकि मौके पर आधी जमीन भी शेष नहीं बची है। निशानदेही हुए चार वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन न तो अतिरिक्त अधिग्रहित भूमि का मुआवजा दिया गया है और न ही जमीन को पूरा करवाया गया है। इसी तरह की समस्याओं से अन्य प्रभावित परिवार भी जूझ रहे हैं। फोरलेन संघर्ष समिति डैहर के अध्यक्ष विजय शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2019 में अपने फैसले में प्रभावितों को 30 प्रतिशत सोलिसियम ब्याज सहित मुआवजा देने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद एनएचएआई निचली अदालतों में मामले हारने के बाद भी ऊपरी अदालतों में अपील कर मामलों को लटकाने का काम कर रही है, जो सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना है।
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उन्होंने बताया कि प्रभावितों की समस्याओं को लेकर संघर्ष समिति की ओर से एसडीएम के माध्यम से केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को ज्ञापन सौंपा जा चुका है। इसके साथ ही अब जिला उपायुक्त के माध्यम से परियोजना निदेशक एनएचएआई को भी अवगत कराया जाएगा। यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो संघर्ष समिति आगे की रणनीति तैयार करेगी। संघर्ष समिति की बैठक में मनीष, श्याम लाल, राज कुमार, परवीन, सीता राम, परमजीत, रणजीत, संजय, सुरेश, पंकज, कश्मीरी लाल, राकेश, कैलाश और लक्की सहित अन्य प्रभावितों ने भाग लिया।