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Chamba News: हाईवे पर 95 करोड़ से लगेगा सुरक्षा चक्र, रावी का उफान नहीं पहुंचा सकेगा नुकसान
संवाद न्यूज एजेंसी, चम्बा
Updated Wed, 03 Dec 2025 11:12 PM IST
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चंबा। रावी नदी के उफान से क्षतिग्रस्त हो रहे भरमौर-पठानकोट हाईवे को 95 करोड़ रुपये से सुरक्षित किया जाएगा। बग्गा, लोथल, रूंगड़ी नाला, लोथल और चूड़ी समेत हाईवे की अन्य जगहों पर नदी के किनारे आर री वॉल और आरसीसी वॉल से यह सुरक्षा कवच पहनाया जाएगा।
मिट्टी की आर-री वॉल की खासियत रहती है कि रावी के बढ़े जलप्रवाह को भी यह रोक लेगी। इससे हाईवे की विभिन्न चिह्नित जगहों को पूरी तरह से जल जलमग्न होने से रोका जाएगा।
साल 2023 में भूमि कटाव के कारण जलमग्न हो रहे हिस्सों को चिह्नित कर हाईवे प्रबंधन की ओर से प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा था। अब इसके लिए बजट स्वीकृत हुआ है। इससे हाईवे प्रबंधन ने टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है। एक माह में टेंडर प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और निर्माण शुरू किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक भरमौर-पठानकोट हाईवे पर राख से खड़ामुख के मध्य में आने वाले कई हिस्से नदी में बढ़ने वाले जल प्रवाह के कारण धंस रहे हैं। कई जगहों पर डबललेन हाईवे भूस्खलन और भूमि कटाव के कारण सिग्नल लेन रह गया है। अगस्त और सितंबर में पवित्र मणिमहेश यात्रा के दौरान होने वाली प्राकृतिक आपदा ने इस हाईवे को काफी नुकसान पहुंचाया था।
हाईवे जांघी और कलसूई में 500 मीटर, लोथल में 700 मीटर, दुर्गेठी घार में दो जगहों पर 250-250 मीटर पूरी तरह से धंस चुका है तो वहीं, बग्गा, रूंगड़ी नाला और चूड़ी मेें नदी में हाईवे जलमग्न होता जा रहा है। हाईवे प्रबंधन की रिपोर्ट के आधार पर इसका स्थायी समाधान करना अत्यंत आवश्यक हो चुका था। इसलिए प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा गया था। अब जल्द हाईवे के चिह्नित जगहाें के दिन बहुरने की लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं।
बागवानों-किसानों और मणिमहेश यात्रियों को मिलेगी राहत
हाईवे के विभिन्न चिह्नित जगहों के सुरक्षित होने से भरमौर-होली के बागवानों और किसानों को सेब समेत अन्य नगदी फसलों को मंडियों तक ले जाने में बड़ी राहत मिलेगी। देश के कोने-कोने से पवित्र मणिमहेश यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं का सफर सुगम होगा।
बग्गा, लोथल, रूंगड़ी नाला, लोथल और चूड़ी समेत अन्य जगह पर हाईवे भूस्खलन और बाढ़ से प्रभावित हुआ था। इन स्थानों को अब सुरक्षित किया जाएगा। एक माह के भीतर टेंडर करवाने का लक्ष्य है। मीत शर्मा, अधिशासी अभियंता, हाईवे प्राधिकरण, मंडल चंबा
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मिट्टी की आर-री वॉल की खासियत रहती है कि रावी के बढ़े जलप्रवाह को भी यह रोक लेगी। इससे हाईवे की विभिन्न चिह्नित जगहों को पूरी तरह से जल जलमग्न होने से रोका जाएगा।
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साल 2023 में भूमि कटाव के कारण जलमग्न हो रहे हिस्सों को चिह्नित कर हाईवे प्रबंधन की ओर से प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा था। अब इसके लिए बजट स्वीकृत हुआ है। इससे हाईवे प्रबंधन ने टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है। एक माह में टेंडर प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और निर्माण शुरू किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक भरमौर-पठानकोट हाईवे पर राख से खड़ामुख के मध्य में आने वाले कई हिस्से नदी में बढ़ने वाले जल प्रवाह के कारण धंस रहे हैं। कई जगहों पर डबललेन हाईवे भूस्खलन और भूमि कटाव के कारण सिग्नल लेन रह गया है। अगस्त और सितंबर में पवित्र मणिमहेश यात्रा के दौरान होने वाली प्राकृतिक आपदा ने इस हाईवे को काफी नुकसान पहुंचाया था।
हाईवे जांघी और कलसूई में 500 मीटर, लोथल में 700 मीटर, दुर्गेठी घार में दो जगहों पर 250-250 मीटर पूरी तरह से धंस चुका है तो वहीं, बग्गा, रूंगड़ी नाला और चूड़ी मेें नदी में हाईवे जलमग्न होता जा रहा है। हाईवे प्रबंधन की रिपोर्ट के आधार पर इसका स्थायी समाधान करना अत्यंत आवश्यक हो चुका था। इसलिए प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा गया था। अब जल्द हाईवे के चिह्नित जगहाें के दिन बहुरने की लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं।
बागवानों-किसानों और मणिमहेश यात्रियों को मिलेगी राहत
हाईवे के विभिन्न चिह्नित जगहों के सुरक्षित होने से भरमौर-होली के बागवानों और किसानों को सेब समेत अन्य नगदी फसलों को मंडियों तक ले जाने में बड़ी राहत मिलेगी। देश के कोने-कोने से पवित्र मणिमहेश यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं का सफर सुगम होगा।
बग्गा, लोथल, रूंगड़ी नाला, लोथल और चूड़ी समेत अन्य जगह पर हाईवे भूस्खलन और बाढ़ से प्रभावित हुआ था। इन स्थानों को अब सुरक्षित किया जाएगा। एक माह के भीतर टेंडर करवाने का लक्ष्य है। मीत शर्मा, अधिशासी अभियंता, हाईवे प्राधिकरण, मंडल चंबा