सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Himachal Pradesh ›   Government will remain a party in Harikesh Meena bail plea case Himachal High Court rejects CBI application

अदालत: हरीकेश मीणा की जमानत याचिका मामले में सरकार बनी रहेगी पक्षकार, हाईकोर्ट ने खारिज किया सीबीआई का आवेदन

संवाद न्यूज एजेंसी, शिमला। Published by: अंकेश डोगरा Updated Fri, 21 Nov 2025 03:00 AM IST
सार

चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में आरोपी हरीकेश मीणा की अग्रिम जमानत याचिका में राज्य को एक पक्षकार बनाए रखने के आदेश को संशोधित करने की मांग की गई थी। वहीं, सीबीआई की ओर से दायर इस आवेदन को हिमाचल हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। पढ़ें पूरी खबर...

विज्ञापन
Government will remain a party in Harikesh Meena bail plea case Himachal High Court rejects CBI application
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने वीरवार को सीबीआई की ओर से दायर उस आवेदन को खारिज कर दिया, जिसमें चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में आरोपी हरीकेश मीणा की अग्रिम जमानत याचिका में राज्य को एक पक्षकार बनाए रखने के आदेश को संशोधित करने की मांग की गई थी।

Trending Videos


न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने कहा कि सीबीआई यह बताने में विफल रही है कि जमानत याचिका में राज्य की उपस्थिति मात्र से उनकी चल रही जांच कैसे प्रभावित होगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यद्यपि राज्य एक पक्षकार रहेगा, एकल जज की फैसले के तहत प्रतिवादी राज्य को न तो स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का अधिकार है और न ही बहस करने का।
विज्ञापन
विज्ञापन


न्यायालय ने यह भी कहा कि मौजूदा कार्यवाही का उद्देश्य आवेदक हरीकेश मीणा की ओर से मांगी गई अग्रिम जमानत की राहत (धारा 482 बीएनएनएस के तहत) तक सीमित रहेगा, न कि सीबीआई और राज्य के बीच आरोपों और प्रत्यारोपण का निर्धारण करना। अदालत में मुख्य जमानत याचिका में सीबीआई को नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी। तब तक हरीकेश मीणा की अंतरिम जमानत आदेश जारी रहेगी। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद 14 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सीबीआई ने तर्क दिया था कि जांच एजेंसी को सौंपे गए मामले में यदि राज्य को कार्यवाही का हिस्सा बने रहने की अनुमति दी जाती है, तो यह जांच हस्तांतरण के मूल उद्देश्य को विफल कर देगा। सीबीआई ने आशंका जताई कि राज्य अपनी पूर्ववर्ती एसआईटी (एसआईटी) जांच को सही ठहराने का प्रयास करेगा। वहीं राज्य ने इस आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि उसे सुप्रीम कोर्ट के मद्देनजर एक पक्षकार बनाया गया था, जिस पर सीबीआई ने पहले आपत्ति नहीं की थी।

एनडीपीएस में जब्त वाहनों को रिलीज करने का आदेश रद्द
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एनडीपीएस अधिनियम में दर्ज एक मामले में जब्त किए गए वाहनों को रिलीज करने के स्पेशल जज-दो कांगड़ा के एक अक्तूबर 2024 के आदेशों को रद्द कर दिया है। न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की अदालत ने पाया कि जांच एजेंसी ने निचली अदालत को सूचित किया था कि अभियुक्तों की वित्तीय जांच मुख्य एनडीपीएस की धारा 68 ई के तहत चल रही है। कोर्ट ने कहा कि जब एक बार वाहनों को एनडीपीएस एक्ट के अध्याय पांच-ए के तहत जब्त कर लिया गया है और सक्षम प्राधिकारी द्वारा कुर्की के आदेश की पुष्टि हो चुकी है, तो निचली अदालत को वाहनों को रिहा करने का आदेश नहीं देना चाहिए था। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि अभियुक्त और उसकी पत्नी ने पहले ही इस कुर्की आदेश के खिलाफ अपीलीय ट्रिब्यूनल के समक्ष एनडीपीएस एक्ट की धारा 68(1) के तहत अपनी वैधानिक अपील दायर कर दी है, जो अभी तक लंबित है।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed