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Hamirpur (Himachal) News: विकसित भारत रोजगार योजना में ईपीएफओ ने शुरू किया पंजीकरण
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर (हि. प्र.)
Updated Thu, 13 Nov 2025 05:16 AM IST
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मनाली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना के तहत पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस योजना का उद्देश्य देश में बड़े पैमाने पर नए और औपचारिक रोजगार पैदा करना है। इस योजना के पंजीकरण और कार्यान्वयन की जानकारी देने के लिए ईपीएफओ के कुल्लू जिला कार्यालय ने मनाली में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला आयोजित की।
कार्यशाला की अध्यक्षता अपर केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त, पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश राजीव बिष्ट ने की, जबकि क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त राकेश कुमार भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। बिष्ट ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को एक अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक लागू करने की मंजूरी दी है। इसका लक्ष्य देश में साढ़े तीन करोड़ से अधिक नए रोजगार पैदा करना है।
उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी पहली बार किसी ईपीएफओ-पंजीकृत प्रतिष्ठान में नौकरी शुरू करेंगे और जिनका मासिक वेतन एक लाख तक होगा उन्हें एक महीने के वेतन के बराबर (अधिकतम 15,000 रुपये) का वित्तीय प्रोत्साहन मिलेगा। यह प्रोत्साहन दो भागों में मिलेगा। पहली किस्त छह महीने की सेवा के बाद, और दूसरी किस्त 12 महीने की सेवा और वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद दी जाएगी।
कंपनियां जो अतिरिक्त रोजगार पैदा करेंगी उन्हें हर नए कर्मचारी के लिए प्रतिमाह 3,000 रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा। यह प्रोत्साहन विनिर्माण क्षेत्र के लिए चार साल तक और अन्य क्षेत्रों के लिए दो साल तक जारी रहेगा। नियोक्ताओं को लाभ लेने के लिए कम से कम दो से पांच अतिरिक्त कर्मचारियों को छह महीने तक निरंतर आधार पर नियुक्त करना अनिवार्य होगा।
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कार्यशाला की अध्यक्षता अपर केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त, पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश राजीव बिष्ट ने की, जबकि क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त राकेश कुमार भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। बिष्ट ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को एक अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक लागू करने की मंजूरी दी है। इसका लक्ष्य देश में साढ़े तीन करोड़ से अधिक नए रोजगार पैदा करना है।
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उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी पहली बार किसी ईपीएफओ-पंजीकृत प्रतिष्ठान में नौकरी शुरू करेंगे और जिनका मासिक वेतन एक लाख तक होगा उन्हें एक महीने के वेतन के बराबर (अधिकतम 15,000 रुपये) का वित्तीय प्रोत्साहन मिलेगा। यह प्रोत्साहन दो भागों में मिलेगा। पहली किस्त छह महीने की सेवा के बाद, और दूसरी किस्त 12 महीने की सेवा और वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद दी जाएगी।
कंपनियां जो अतिरिक्त रोजगार पैदा करेंगी उन्हें हर नए कर्मचारी के लिए प्रतिमाह 3,000 रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा। यह प्रोत्साहन विनिर्माण क्षेत्र के लिए चार साल तक और अन्य क्षेत्रों के लिए दो साल तक जारी रहेगा। नियोक्ताओं को लाभ लेने के लिए कम से कम दो से पांच अतिरिक्त कर्मचारियों को छह महीने तक निरंतर आधार पर नियुक्त करना अनिवार्य होगा।