सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Himachal Pradesh ›   Himachal Disaster Many villages of Seraj valley of Mandi district destroyed houses razed to the ground

Himachal Disaster: मंडी जिले की सराज घाटी के कई गांव तबाह, घर जमींदोज, बीस हजार आबादी पर विस्थापन का संकट

हेम सिंह ठाकुर, संवाद न्यूज एजेंसी, थुनाग (सराज)। Published by: अंकेश डोगरा Updated Thu, 10 Jul 2025 05:00 AM IST
विज्ञापन
सार

Himachal Disaster: हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के सराज के कई गांवों को बसाना लगभग असंभव-सा हो गया है। कई क्षेत्रों में घर नालों में आई बाढ़ में बह गए। पढ़ें पूरी खबर...

Himachal Disaster Many villages of Seraj valley of Mandi district destroyed houses razed to the ground
सराज घाटी के वैयोड़ में तबाह हुआ मकान। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

सराज में आसमान से बरसी आफत ने कई गांवों को तबाह कर प्रभावितों को ताउम्र न भूलने वाले जख्म दे दिए हैं। सब कुछ इस आपदा में खोने वाले प्रभावितों को अब विस्थापन का डर सता रहा है। सराज के कई गांवों को बसाना लगभग असंभव-सा हो गया है। बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने वैयोड़, लांबशाफड, देजी, रूशाड़गाड़ और अन्य गांवों को पूरी तरह उजाड़ दिया। यहां कभी हरियाली के बीच खुशहाल जीवन था, लेकिन अब हर तरफ मलबे के ही ढेर नजर आ रहे हैं। ऐसा लगता है कि कभी यहां बस्ती तक न हो।

loader

थुनाग बाजार, लांब, केल्टी, रोपा, उंधीगाड़, कुथाह, लस्सी चिऊणी, शिवा खड्ड, चैड़ाखड्ड, लंबाथाच, शरण जैसे क्षेत्रों में घर नालों में आई बाढ़ में बह गए। बाखली, कुकलाह, जरोल, पांडवशीला, चैड़ाखड्ड, शिवा खड्ड, खबलेच, जैंशला, ढीम कटारू, तुंगाधार, पखरैर, बगस्याड, शिकावरी, ब्रेयोगी, गतू, मैहरीधार, रूहमणी और काकड़धार जैसे क्षेत्रों में खतरा बरकरार है। करीब 20 हजार लोग विस्थापन के कगार पर हैं। सराज की 38 पंचायतों के 129 राजस्व गांवों में रहने वाली 80 हजार आबादी इस आपदा की चपेट में है। भूस्खलन और बाढ़ ने मकान, स्कूल, गोशालाएं और खेतों को मलबे में बदल दिया। अब सराज में जीवन यापन जोखिम भरा हो गया है। लोग सुरक्षित स्थानों या रिश्तेदारों के पास पलायन कर रहे हैं।

विज्ञापन
विज्ञापन

बाखली खड्ड, देजी खड्ड, रूहाड़ागाड़, चिमटी खड्ड, तीर्थन खड्ड, घुमराला नाला और चिऊणी खड्ड ने इस आपदा में विकराल रूप दिखाया और चपेट में आने वाली हर चीज को अपना साथ ले गए। सराज के अधिकांश गांव नालों, खड्डों और छोटी पहाड़ियों के किनारे बसे हैं। जो अब बाढ़ और भूस्खलन की चपेट में आ चुके हैं। थुनाग बाजार पिछले तीन साल से मानसून की मार झेल रहा है, इस बार भी तबाही से नहीं बच सका।

देजी गांव के प्रभावित जालम सिंह, सोहन सिंह, नंद लाल, मस्त राम व अन्य ने बताया कि आपदा में गांव पूरी तरह खत्म हो गया है। यहां दोबारा बसना मुश्किल हो है। रूशाड़गाड़ गांव के प्रभावित इंद्र सिंह, दलवीर, और गोकुल चंद ने बताया कि यहां अब रहना खतरे से खाली नहीं है। थुनाग के प्रेम सिंह ने बताया कि यहां चार पीढि़यों से रह रहे हैं। आपदा में मकान बह गया है। अब कहां रहेंगे।

यह प्रकृति की चेतावनी : गुमान
हिमालय नीति अभियान के गुमान सिंह ने इस आपदा को मानव-निर्मित करार देते हुए कहा कि नाजुक मिट्टी और कमजोर स्टाटा वाले सराज में अवैज्ञानिक निर्माण और अवैध रेत खनन ने खतरे को बढ़ाया। उन्होंने देजी-पखरैर की तबाही का 60 फीसदी जिम्मेदार मानवीय गतिविधियों को ठहराया। उनका कहना है कि यह आपदा प्रकृति की चेतावनी है।

अकेले थुनाग उपमंडल में 959 मकान और 395 गोशालाएं क्षतिग्रस्त
आठ जुलाई तक सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिलेभर में इस त्रासदी से कुल 1183 घर, 710 गोशालाएं, 780 पशु हानि और 201 दुकानों को क्षति पहुंची है। अकेले थुनाग उपमंडल में 959 मकान, 395 गोशालाएं, 559 पशु हानि, 190 दुकानों को क्षति पहुंची है। अब तक कुल 290 फंसे हुए लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है।

धर्मपुर का स्याठी गांव पूरी तरह तबाह
धर्मपुर के लौंगणी पंचायत का स्याठी गांव 30 जून रात को आपदा से पूरी तरह तबाह हो गया है। यहां 27 घर पूर्णत, 11 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए। इसके साथ ही 38 गोशाला पूरी और 12 गोशालांए आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुई हैं। इसमें 76 पशुओं की हानी हुई है। मौजूदा समय में पूरा गांव मलबे के ढेर में तब्दील है और यहां पुनः बसना अब संभव न रहा है। जय सिंह, कृष्ण, दीप कुमार, देशराज, रजनीश, हल्कू व अन्य ने कहा कि गांव की हालत देखकर डर लग रहा है। पूरा गांव मलबे की ढेर में बदल चुका है। यहां अब दोबारा बसना सपने में भी नहीं सोच सकते हैं। सरकार दूसरी जगह जमीन उपलब्ध करवाए।
 
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed