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HP High Court: क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी के आरोपी विजय जुनेजा की जमानत याचिका खारिज, जानें अदालत ने क्या कहा
संवाद न्यूज एजेंसी, शिमला।
Published by: अंकेश डोगरा
Updated Fri, 05 Dec 2025 06:00 AM IST
सार
क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी मामले में आरोपी की जमानत याचिका को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। पढ़ें पूरी खबर...
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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
- फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
हिमाचल हाईकोर्ट ने क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी मामले में आरोपी विजय कुमार जुनेजा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की अदालत ने कहा कि आरोपी विजय कुमार गंभीर आर्थिक अपराध में शामिल है, जो देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है। अदालत ने कहा कि गंभीर आर्थिक अपराधों में जमानत के लिए सिर्फ लंबी कैद पर्याप्त आधार नहीं हो सकती। अदालत ने आर्थिक अपराधों से जुड़े मामलों में जमानत देने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसलों का हवाला देते हुए टिप्पणी की कि ये अपराध समाज के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं और इन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
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कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए कहा कि केवल विचाराधीन कैदी के रूप में जेल में लंबी अवधि तक रहना ही जमानत का पर्याप्त आधार नहीं है, खासकर जब मामले के तथ्य और परिस्थितियां तथा समाज का हित इसकी अनुमति न दें। जमानत देते समय कोर्ट को जनता और राज्य के व्यापक हित को ध्यान में रखना चाहिए। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि मुख्य आरोपी सुभाष शर्मा दुबई भाग गया है। आशंका व्यक्त की गई कि जमानत दिए जाने पर याचिकाकर्ता भी न्याय से भाग सकता है। इस मामले की गंभीरता और सार्वजनिक धन के बड़े नुकसान को देखते हुए कोर्ट ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
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यह मामला प्रदेश के सबसे बड़े क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी घोटाले से संबंधित है। इसे लेकर पालमपुर पुलिस स्टेशन में वर्ष 2023 में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। आरोप है कि मुख्य आरोपी सुभाष शर्मा, मिलन गर्ग, हेमराज, सुखदेव ठाकुर, और अभिषेक शर्मा पर लोगों को डबल रिटर्न का वादा करके क्रिप्टो करेंसी वोस्क्रो और हाइपेनेक्स्ट जैसी वेबसाइटों के माध्यम से निवेश करने के लिए लुभाया। इन पर 18 करोड़ की सामूहिक धोखाधड़ी करने का आरोप है। जांच में सामने आया कि विजय कुमार जुनेजा कथित तौर पर सुभाष शर्मा से रियल एस्टेट निवेश के माध्यम से जुड़ा था। वह पीड़ितों से एकत्र नकही को संभाल रहा था। जांच के अनुसार, जुनेजा स्क्वायर, जीरकपुर में बड़े पैमाने पर नकद जमा कराया गया था, जिसका उपयोग विजय कुमार द्वारा अपने और अन्य सह-आरोपियों के नाम पर कई रियल एस्टेट संपत्तियां खरीदने के लिए किया गया। कोर्ट ने पाया कि विजय कुमार ने सह-आरोपियों के साथ कई संयुक्त बैंक खाते भी खोले।