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HP High Court: सिरमौर के त्रिलोकपुर मंदिर ट्रस्ट में वित्तीय अनियमितताओं पर सरकार को नोटिस जारी

संवाद न्यूज एजेंसी, शिमला। Published by: अंकेश डोगरा Updated Wed, 17 Dec 2025 06:00 AM IST
सार

उत्तर भारत के प्रसिद्ध बाला सुंदरी त्रिलोकपुर मंदिर ट्रस्ट में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर लगाए गए गंभीर आरोपों को  लेकर हिमाचल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार सहित सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए हैं। पढ़ें पूरी खबर...

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HP High Court Issued notice to govt regarding financial irregularities in the Trilokpur temple trust Sirmaur
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने उत्तर भारत के प्रसिद्ध बाला सुंदरी त्रिलोकपुर मंदिर ट्रस्ट में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर लगाए गए गंभीर आरोपों को लेकर राज्य सरकार सहित सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए हैं। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश जिया लाल भारद्वाज की खंडपीठ ने इस मामले में संबंधित प्रतिवादी अधिकारियों को जवाब दाखिल करने को कहा है। जनहित याचिका में राज्य सरकार सहित डिप्टी कमिश्नर सिरमौर, एसडीएम, तहसीलदार ट्रस्टी मंदिर अधिकारी नाहन और पुलिस अधीक्षक सिरमौर को प्रतिवादी बनाया गया है। मामले की अगली सुनवाई 9 मार्च को होगी।

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महामाया बाला सुंदरी मंदिर ट्रस्ट त्रिलोकपुर के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए हैं। इसे लेकर मंदिर के एक कर्मचारी और तीन स्थानीय भक्तों ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर मंदिर के फंड में वित्तीय अनियमितताओं और गबन का आरोप लगाया है। अधिकारियों पर ट्रस्ट के धन और संपत्ति के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है। याचिका में अदालत से मंदिर ट्रस्ट के फंड के गबन, संपत्ति के दुरुपयोग, अवैध पदोन्नति और अन्य अवैध कृत्यों की एक स्वतंत्र और उच्च-स्तरीय जांच की मांग की है। प्रतिवादी डिप्टी कमिश्नर, एसडीएम, तहसीलदार के खिलाफ हिमाचल प्रदेश हिंदू लोक धार्मिक संस्था और धर्मार्थ अधिनियम 1984 का उल्लंघन करने, भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के लिए तत्काल और उचित कार्रवाई करने को कहा है। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि प्रतिवादियों को मंदिर के सभी रिकॉर्ड, जैसे वार्षिक खाते, ऑडिट रिपोर्ट, आय-व्यय विवरण, वाहनों के लॉगबुक, उपस्थिति रजिस्टर, और नियुक्ति, पदोन्नति के रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया जाए।

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याचिका में विशेष रूप से मंदिर के चार वाहनों एक ट्रैक्टर, एक वैन और दो अन्य वाहनों के रख-रखाव और चलाने पर भारी खर्च का उल्लेख किया गया है। एक वाहन के रिपेयर कार्य में 4 लाख 22 हजार के करीब और दूसरे वाहन के रिपेयर पर 2 लाख 10 हजार के करीब खर्च किए गए हैं। कुल चार वाहनों पर 7,22,843 खर्च किए गए हैं। याचिका में आरोप लगाए गए हैं कि इन मंदिरों में काम करने वाले 72 कर्मचारियों में से 61 मंदिर में काम कर रहे हैं और बाकी प्रतिवादी विभागों में कार्यरत हैं, जिनकी सैलरी मंदिर ट्रस्ट से जा रही है। महीने में 7 से 8 लाख सैलरी पर खर्च किया जा रहा है। बाला सुंदरी मंदिर के चढ़ावे में पिछले 7-8 वर्षों में करीब 100 करोड़ रुपये से अधिक के गबन के आरोप मंदिर न्यास के अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगाए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों पर भी लापरवाही बरतने की बात कही है।

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