HPU News: बेरोजगार युवाओं से भर्ती के नाम पर 4.49 करोड़ जमा की फीस, लेकिन परीक्षा हुई ही नहीं, कहां गया पैसा
एचपीयू को बेरोजगार युवाओं से विवि को 4,49,92,600 रुपये फीस के रूप में मिले। एकत्र हुई इस राशि के बावजूद आज तक विज्ञापित किए गए पदों के लिए भर्ती परीक्षाएं नहीं हुईं और न ही साक्षात्कार। सिर्फ चतुर्थ श्रेणी के पदों को विवि ने जरूर भरा है।

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हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के 274 से अधिक गैर शिक्षक कर्मचारियों की अलग-अलग श्रेणी के पदों को 2020 में विज्ञापित किए जाने और इसके लिए तय की गई 600 से 200 रुपये तक की फीस के रूप में विवि ने करीब 4.49 करोड़ की राशि एकत्र की है। इन पदों के लिए आवेदन करने वाले 52,915 बेरोजगार युवाओं ने विवि को आवेदन के साथ तय फीस इस उम्मीद में अदा की कि उनको विवि में स्थायी रोजगार पाने का मौका मिलेगा। इन बेरोजगार युवाओं से विवि को 4,49,92,600 रुपये फीस के रूप में मिले। एकत्र हुई इस राशि के बावजूद आज तक विज्ञापित किए गए पदों के लिए भर्ती परीक्षाएं नहीं हुईं और न ही साक्षात्कार। सिर्फ चतुर्थ श्रेणी के पदों को विवि ने जरूर भरा है।

शेष विज्ञापित किए पदों के लिए आवेदन करने वाले प्रदेशभर के 53 हजार युवा अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं। भर्ती की प्रक्रिया तक को विवि आगे नहीं बढ़ा पाया है। साल 2020 में विज्ञापित किए गए इन पदों से एकत्र हुई राशि को लेकर सूचना का अधिकार के तहत जुटाई जानकारी में इसका खुलासा हुआ है। विवि ने इस भारी भरकम फीस की राशि को कैसे उपयोग किया, इसका क्या किया, यह बड़ा सवाल है, चूंकि इस राशि पर इन चार सालों में ब्याज ही कई लाखों में रहा होगा। इन पदों के लिए आवेदन के साथ फीस जमा करवाने वाले युवा रूपांश राणा ने आरटीआई के तहत फीस से संबंधित पदवार ब्योरा जुटाया है। इसमें विवि से पूछा गया था कि गैर शिक्षक श्रेणी के विज्ञापित पदों के लिए कितने युवाओं ने आवेदन किया था, इससे कितनी फीस विवि को मिली।
विवि से मिले लिखित जवाब में खुलासा हुआ है कि 29 अलग-अलग श्रेणी के विज्ञापित पदों के लिए 52,915 ने आवेदन किया, इनसे 4,49,92,600 रुपये फीस विवि को मिली है। इन पदों में बी, सी और डी ग्रेड के लाइब्रेरियन, अस्सिटेंट लाइब्रेरियन, मेडिकल ऑफिसर, क्लर्क, जेओए आईटी, माली बेलदार जैसे पद शामिल हैं। बी ग्रेड के पदों में अनारक्षित के लिए 2,000 और आरक्षित से 1,000 रुपये, सी और डी ग्रेड के अनारक्षित पदों के लिए 1,200 और आरक्षित के लिए 600 रुपये फीस विवि ने ली थी। रूपांश राणा ने विवि प्रशासन से सवाल किया है कि आवेदन मांंगे तीन साल बीत जाने पर भी भर्ती प्रक्रिया पूरी क्यों नहीं की गई। बेरोजगार युवाओं से एकत्र की गई करोड़ो की फीस लेने के बावजूद युवाओं से यह धोखा क्यों किया गया। उन्होंने कहा कि विवि प्रशासन पुन: इन पदों को विज्ञापित कर आवेदन आमंत्रित करने जा रहा है, यदि पद पुन: विज्ञापित किए गए और पहले से आवेदन करने वाले युवाओं को दोबारा तीन साल बाद आवेदन करना पड़ेगा। इनमें जो इन तीन सालों में नौकरी को आवेदन की तय आयु सीमा पूरी कर चुके हैं, उनके साथ विवि कैसे न्याय करेगा। ऐसे आवेदनकर्ताओं को विवि आयु सीमा में विशेष छूट दे।
गैर शिक्षक भर्ती तीन सालों से विवि ने लटकाई : एसएफआई
एसएफआई के राज्य सचिव दिनित देंटा ने कहा कि विवि लगातार भर्तियों में गड़बड़ियों को लेकर विवादों में रहा है, शिक्षकों की भर्तियों में अयोग्य लोगों को भर्ती किया गया। यूजीसी और विवि के भर्ती नियमों की सरेआम अनदेखी हुई है। गैर शिक्षकों की 2020 से लेकर जारी भर्ती प्रक्रिया को विवि ने लटकाया हुआ है। रोजगार की आस में 2020 में भर्ती के लिए आवेदन करने वाले युवाओं से विवि ने करोड़ों की फीस जुटाई, लेकिन आज तक विवि इस पर कुंडली मारकर अपनी तंगहाली से निपटने के लिए इसका उपयोग कर रहा है। यह प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा है। सरकार और विवि प्रशासन गैर शिक्षकों की लटकी भर्ती प्रक्रिया को शुरू कर इसे पूरा करे।