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चीन में चमकी कांगड़ा की ईशा : अंतरराष्ट्रीय वेटलैंड सम्मेलन में किया देश का प्रतिनिधित्व
संवाद न्यूज एजेंसी, कांगड़ा
Updated Sun, 21 Dec 2025 06:21 AM IST
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चीन के हाइकू में प्रस्तुति देतीं नगरोटा सूरियां की ईशा चौधरी। - स्रोत : सोशल मीडिया
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बरियाल (कांगड़ा)। कांगड़ा जिले के नगरोटा सूरियां की 17 वर्षीय छात्रा ईशा चौधरी ने चीन में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाकर हिमाचल और पूरे भारत का नाम रोशन किया है। जवाली उपमंडल के पीएम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल नगरोटा सूरियां की इस जमा दो (मेडिकल) की छात्रा ने चीन के हाइकू में आयोजित तीन दिवसीय वेटलैंड स्कूल नेटवर्क-एशिया सम्मेलन में भाग लिया।
10 से 12 दिसंबर तक चले इस वैश्विक सम्मेलन में पांच एशियाई देशों (कंबोडिया, चीन, मंगोलिया, दक्षिण कोरिया और भारत) के कुल 12 विद्यार्थियों का चयन हुआ था। इनमें से ईशा चौधरी पूरे भारत से एकमात्र प्रतिभागी थीं। उन्होंने अपनी शिक्षिका मीना रानी के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर वेटलैंड (आद्रभूमि) संरक्षण पर एक शानदार पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन दी।
ईशा का चयन उनकी मेहनत और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता के कारण हुआ। सितंबर में केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेवा पर्व प्रतियोगिता में ईशा ने 18 राज्यों के प्रतिभागियों को पछाड़कर नारा लेखन में शीर्ष स्थान प्राप्त किया था। इस उपलब्धि को देखते हुए दक्षिण कोरिया स्थित एशिया वेटलैंड नेटवर्क ने उन्हें चीन के सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया और उनके पूरे दौरे का खर्च वहन किया।
ईशा की प्रस्तुति और पोस्टर केवल कला नहीं थे, बल्कि उनमें कांगड़ा घाटी की तलहटी में स्थित पौंग वेटलैंड के साथ उनका गहरा भावनात्मक जुड़ाव साफ नजर आया। उनकी प्रस्तुति में जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन के प्रति गहरी समझ दिखाई दी। प्रधानाचार्य हरभजन सिंह सोहल ने ईशा की सराहना करते हुए कहा कि वह पढ़ाई और अन्य गतिविधियों दोनों में अव्वल हैं। उन्होंने घोषणा की कि स्कूल प्रशासन ईशा को 12वीं के बाद नीट की तैयारी में पूरा सहयोग देगा। उन्होंने ईशा की सफलता को ग्रामीण परिवेश के छात्रों के लिए प्रेरणा बताया।
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10 से 12 दिसंबर तक चले इस वैश्विक सम्मेलन में पांच एशियाई देशों (कंबोडिया, चीन, मंगोलिया, दक्षिण कोरिया और भारत) के कुल 12 विद्यार्थियों का चयन हुआ था। इनमें से ईशा चौधरी पूरे भारत से एकमात्र प्रतिभागी थीं। उन्होंने अपनी शिक्षिका मीना रानी के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर वेटलैंड (आद्रभूमि) संरक्षण पर एक शानदार पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन दी।
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ईशा का चयन उनकी मेहनत और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता के कारण हुआ। सितंबर में केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेवा पर्व प्रतियोगिता में ईशा ने 18 राज्यों के प्रतिभागियों को पछाड़कर नारा लेखन में शीर्ष स्थान प्राप्त किया था। इस उपलब्धि को देखते हुए दक्षिण कोरिया स्थित एशिया वेटलैंड नेटवर्क ने उन्हें चीन के सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया और उनके पूरे दौरे का खर्च वहन किया।
ईशा की प्रस्तुति और पोस्टर केवल कला नहीं थे, बल्कि उनमें कांगड़ा घाटी की तलहटी में स्थित पौंग वेटलैंड के साथ उनका गहरा भावनात्मक जुड़ाव साफ नजर आया। उनकी प्रस्तुति में जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन के प्रति गहरी समझ दिखाई दी। प्रधानाचार्य हरभजन सिंह सोहल ने ईशा की सराहना करते हुए कहा कि वह पढ़ाई और अन्य गतिविधियों दोनों में अव्वल हैं। उन्होंने घोषणा की कि स्कूल प्रशासन ईशा को 12वीं के बाद नीट की तैयारी में पूरा सहयोग देगा। उन्होंने ईशा की सफलता को ग्रामीण परिवेश के छात्रों के लिए प्रेरणा बताया।