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Kullu News: गूण की परीक्षा में खरा उतरा दियाली उत्सव
संवाद न्यूज एजेंसी, कुल्लू
Updated Sat, 20 Dec 2025 10:49 PM IST
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मनाली में दियाली उत्सव में पूजा-अर्चना करती महिलाएं।-संवाद
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दो हिस्सों में गूण टूटने से मिला शुभ संकेत, दियाली उत्सव में किया देव परंपरा का निर्वहन
खराहल घाटी में जुआणी महादेव, थान देवता के हारियानों में हुई गूण तोड़ने की जद्दोजहद
संवाद न्यूज एजेंसी
खराहल (कुल्लू)। दियाली उत्सव में जुआणी महादेव और थान देवता के हारियानों में गूण तोड़ने की जद्दोजहद देखने को मिली। दियाली में सभी देव परंपराओं का निर्वहन किया गया।
आराध्य देवता जुआणी महादेव और थान देवता के मंदिरों में ब्रह्म मुहूर्त में पहली परिक्रमा शनिवार सुबह शुरू हुई। यह सिलसिला दोपहर तक चलता रहा। इस दौरान लोगों ने देवता के देवलुओं के ऊपर अखरोट थरमाण, ग्राहण और न्योली और जुआणी में फेंके।
दोपहर बाद थान देवता के हारियान और देवलू, ढोल-नगाड़ों और करनाल की स्वरलहरियों के बीच न्योली स्थित जुआणी महादेव के मंदिर पहुंचे। देवता की सौह में देवलू एक-दूसरे के पर अश्लील जुमले कसने का खेल खेलते रहे। इसके बाद देव परंपरा के अनुसार गूण तोड़ने की रस्म शुरू हुई। इससे पहले गूण बनाने के लिए हर घर से पराल एकत्रित किया गया। विशेष घास और पराल को जुआणी महादेव के प्रांगण स्थित जुआणी में सौंपा। यहां गूर और देवलुओं ने देव विधि के साथ गूण बनाया। शाम को गूण को ढोल, नगाड़ों और करनाल की मंगलमय ध्वनि के बीच मंदिर न्योली लाया गया और अंगु के पेड़ में लपेट दिया। इस दौरान परंपरानुसार अश्लील जुमलों को एक-दूसरे पर कसते रहे। उसके पश्चात दोनों देवताओं के देवलुओं के बीच गूण तोड़ने के लिए जद्दोजहद हुई। गुण दो हिस्सों में टूट गई। यह घाटी के लिए सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। वही, गूण टूटने के बाद दिन भर अश्लील जुमलों से गूंज रही घाटी का माहौल तुरंत भक्तिमय हो उठा।
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दो हिस्सों में गूण टूटना शुभ : कारदार
जुआणी महादेव के कारदार ओम प्रकाश महंत ओर थान देवता के पुजारी रूम सिंह भंडारी ने कहा कि गूण के दो हिस्सों में टूट गया जो घाटी के लिए शुभ माना जाता है। अगर गूण दो से ज्यादा भागों में टूट जाता है तो अशुभ माना जाता है। उन्होंने कहा कि इस परंपरा का निर्वहन सदियों से हो रहा है। देव परिपाटी को मर्यादा में रह कर निभाया जाता है।
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खराहल घाटी में जुआणी महादेव, थान देवता के हारियानों में हुई गूण तोड़ने की जद्दोजहद
संवाद न्यूज एजेंसी
खराहल (कुल्लू)। दियाली उत्सव में जुआणी महादेव और थान देवता के हारियानों में गूण तोड़ने की जद्दोजहद देखने को मिली। दियाली में सभी देव परंपराओं का निर्वहन किया गया।
आराध्य देवता जुआणी महादेव और थान देवता के मंदिरों में ब्रह्म मुहूर्त में पहली परिक्रमा शनिवार सुबह शुरू हुई। यह सिलसिला दोपहर तक चलता रहा। इस दौरान लोगों ने देवता के देवलुओं के ऊपर अखरोट थरमाण, ग्राहण और न्योली और जुआणी में फेंके।
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दोपहर बाद थान देवता के हारियान और देवलू, ढोल-नगाड़ों और करनाल की स्वरलहरियों के बीच न्योली स्थित जुआणी महादेव के मंदिर पहुंचे। देवता की सौह में देवलू एक-दूसरे के पर अश्लील जुमले कसने का खेल खेलते रहे। इसके बाद देव परंपरा के अनुसार गूण तोड़ने की रस्म शुरू हुई। इससे पहले गूण बनाने के लिए हर घर से पराल एकत्रित किया गया। विशेष घास और पराल को जुआणी महादेव के प्रांगण स्थित जुआणी में सौंपा। यहां गूर और देवलुओं ने देव विधि के साथ गूण बनाया। शाम को गूण को ढोल, नगाड़ों और करनाल की मंगलमय ध्वनि के बीच मंदिर न्योली लाया गया और अंगु के पेड़ में लपेट दिया। इस दौरान परंपरानुसार अश्लील जुमलों को एक-दूसरे पर कसते रहे। उसके पश्चात दोनों देवताओं के देवलुओं के बीच गूण तोड़ने के लिए जद्दोजहद हुई। गुण दो हिस्सों में टूट गई। यह घाटी के लिए सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। वही, गूण टूटने के बाद दिन भर अश्लील जुमलों से गूंज रही घाटी का माहौल तुरंत भक्तिमय हो उठा।
दो हिस्सों में गूण टूटना शुभ : कारदार
जुआणी महादेव के कारदार ओम प्रकाश महंत ओर थान देवता के पुजारी रूम सिंह भंडारी ने कहा कि गूण के दो हिस्सों में टूट गया जो घाटी के लिए शुभ माना जाता है। अगर गूण दो से ज्यादा भागों में टूट जाता है तो अशुभ माना जाता है। उन्होंने कहा कि इस परंपरा का निर्वहन सदियों से हो रहा है। देव परिपाटी को मर्यादा में रह कर निभाया जाता है।