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Kullu News: तबाही ने घर छीना... शेड में सर्द रातों से रोज जंग लड़ रही उम्मीद

संवाद न्यूज एजेंसी, कुल्लू Updated Sat, 20 Dec 2025 10:55 PM IST
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The disaster took away their home. Hope battles the cold nights in the shed every day.
शेड में रहने को मजबूर बंदल पंचायत के आपदा प्रभावित। संवाद।
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शेड, किराये के कमरे में रातें काट रहे कोशुनाली और निचला बंदल के डेढ़ दर्जन परिवार
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प्रभावित बोले- सरकार से चार माह बाद भी न राहत मिली, न ही घर बनाने के लिए जमीन
रोशन ठाकुर
कुल्लू। बरसात में भूस्खलन से सबकुछ खो चुके कोशुनाली और निचला बंदल के डेढ़ दर्जन परिवार अब भी शेड और किराये के कमरों में सर्द रातें काट रहे हैं। चार महीने बीत गए लेकिन सरकार से राहत और जमीन न मिलने से उनका दर्द और चिंता कम नहीं हुई है।
बंजार की तीर्थन घाटी में आई आपदा के चार महीने बाद भी प्रभावितों को अभी तक सरकार से कोई मदद नहीं मिली है। बंदल पंचायत के दोनों गांव निचला बंदल और कोशुनाली के करीब डेढ़ दर्जन घर भूस्खलन से पूरी तरह तहस-नहस हो गए हैं। कई घर ढह गए तो कई मकानों में दरारें आने से लोगों का इनमें रहना खतरे से खाली नहीं है। प्रभावित परिवार पुश्तैनी घरों को छोड़कर सुरिक्षत जगह पर अस्थायी शेड या किराये के कमरों में रह रहे हैं। लोग मुआवजा और घर बनाने के लिए जमीन मांगने के लिए बार-बार प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं।
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सता रही चिंता... बर्फबारी में कहां रखेंगे परिवार
प्रभावितों को चिंता सता रही है कि ठंड बढ़ने और बर्फबारी होने पर वे अपने परिवार को कैसे और कहां रखेंगे। प्रभावित चंदे राम, धर्म चंद, जोगिंद्र सिंह, शमशेर सिंह और किशन देव ने कहा कि जब भूस्खलन ने उनका आशियाना छीन लिया, तब उन्हें जो राहत मिली है, उसके बाद उन्हें न तो घर बनाने के लिए जमीन मिली और न ही मुआवजा। उन्होंने कहा कि आपदा में उनका सब कुछ तबाह हो गया है।
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उनका घर निचला बंदल में था लेकिन आपदा में सबकुछ तबाह हो गया है। अब वह उपला बंदल में शेड में रहने को मजबूर हैं। उन्हें न तो जमीन मिली है और न ही मुआवजा मिला है। - चंदे राम, आपदा प्रभावित
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निचला बंदल और कोशुनाली गांव भूस्खलन से तहस नहस हो गया है। दोनों गांवों के डेढ़ दर्जन से अधिक परिवारों के घर, जमीन और बगीचों का नामोनिशान मिट गया है। सरकार से मुआवजा नहीं मिला है। - धर्म चंद, आपदा प्रभावित

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