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Kullu News: हक के लिए सड़क पर उतरे किसान-कामगार
संवाद न्यूज एजेंसी, कुल्लू
Updated Wed, 26 Nov 2025 10:45 PM IST
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कुल्लू में उपायुक्त कार्यालय के हाहर प्रदर्शन करते सीटू के कार्यकर्ता।-संवाद
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कुल्लू शहर में सरकार के खिलाफ निकाली रोष रैली
उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन, नारेबाजी भी की
संवाद न्यूज एजेंसी
कुल्लू। जिला मुख्यालय में किसान और कामगार अपने हक के लिए सड़क पर उतरे। सीटू, हिमाचल किसान सभा और भूमिहीन एवं आवास हीन संघ के बैनर तले किसानों-बागवानों ने केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया।
इससे पहले सीटू कार्यालय लोअर ढालपुर से सरवरी, लोअर ढालपुर बाजार, ढालपुर चौक, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, जिला न्यायालय परिसर होते हुए उपायुक्त कार्यालय तक रोष रैली निकाली गई और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
सीटू के राज्य महासचिव प्रेम गौतम, सीटू जिलाध्यक्ष चमन ठाकुर, जिला महासचिव राजेश ठाकुर, कोषाध्यक्ष भूप सिंह भंडारी, हिमाचल किसान सभा के जिलाध्यक्ष गोविंद भंडारी, सचिव गुरजीत सिंह गिल, नगर खंड अध्यक्ष अनिल ठाकुर, भूमिहीन आवासहीन संघ अध्यक्ष मणी देवी, सचिव जगर नाथ ने कहा कि आज ही के दिन 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष शुरू किया गया था जिसे संयुक्त ट्रेड यूनियन आंदोलन द्वारा सक्रिय रूप से समर्थन दिया गया था। उस ऐतिहासिक संघर्ष की पांचवीं वर्षगांठ है जो स्वतंत्र भारत के इतिहास में किसानों और कामगारों का अब तक का सबसे बड़ा संघर्ष रहा। इसमें 736 लोग मारे गए लेकिन केंद्र सरकार को तीन कृषि कानूनों को वापस लेने पर मजबूर किया था। उन्होंने कहा कि किसानों की जमीन से बेदखली बंद की जाए और घर व खेती के लिए पांच बीघा भूमि दी जाए। भूमिहीनों को घर बनाने के लिए शहर में दो व गांव में तीन बिस्वा भूमि दी जाए। आपदा से प्रभावित व विस्थापित लोगों को शीघ्र पुन: स्थापित किया जाए। सार्वजनिक सेवाओं का निजीकरण, बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने बंद किए जाए और फोरलेन, एनएच व अन्य परियोजनाओं के लिए अधिकृत भूमि का चार गुना मुआवजा और भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को सख्ती से लागू किया जाए। इसके अलावा न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये मासिक दिया जाए। मनरेगा में 200 दिन का काम और 500 रुपये दिहाड़ी के साथ स्कीम, आउटसोर्स और अन्य कर्मियों को पक्का किया जाए।
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उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन, नारेबाजी भी की
संवाद न्यूज एजेंसी
कुल्लू। जिला मुख्यालय में किसान और कामगार अपने हक के लिए सड़क पर उतरे। सीटू, हिमाचल किसान सभा और भूमिहीन एवं आवास हीन संघ के बैनर तले किसानों-बागवानों ने केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया।
इससे पहले सीटू कार्यालय लोअर ढालपुर से सरवरी, लोअर ढालपुर बाजार, ढालपुर चौक, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, जिला न्यायालय परिसर होते हुए उपायुक्त कार्यालय तक रोष रैली निकाली गई और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
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सीटू के राज्य महासचिव प्रेम गौतम, सीटू जिलाध्यक्ष चमन ठाकुर, जिला महासचिव राजेश ठाकुर, कोषाध्यक्ष भूप सिंह भंडारी, हिमाचल किसान सभा के जिलाध्यक्ष गोविंद भंडारी, सचिव गुरजीत सिंह गिल, नगर खंड अध्यक्ष अनिल ठाकुर, भूमिहीन आवासहीन संघ अध्यक्ष मणी देवी, सचिव जगर नाथ ने कहा कि आज ही के दिन 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष शुरू किया गया था जिसे संयुक्त ट्रेड यूनियन आंदोलन द्वारा सक्रिय रूप से समर्थन दिया गया था। उस ऐतिहासिक संघर्ष की पांचवीं वर्षगांठ है जो स्वतंत्र भारत के इतिहास में किसानों और कामगारों का अब तक का सबसे बड़ा संघर्ष रहा। इसमें 736 लोग मारे गए लेकिन केंद्र सरकार को तीन कृषि कानूनों को वापस लेने पर मजबूर किया था। उन्होंने कहा कि किसानों की जमीन से बेदखली बंद की जाए और घर व खेती के लिए पांच बीघा भूमि दी जाए। भूमिहीनों को घर बनाने के लिए शहर में दो व गांव में तीन बिस्वा भूमि दी जाए। आपदा से प्रभावित व विस्थापित लोगों को शीघ्र पुन: स्थापित किया जाए। सार्वजनिक सेवाओं का निजीकरण, बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने बंद किए जाए और फोरलेन, एनएच व अन्य परियोजनाओं के लिए अधिकृत भूमि का चार गुना मुआवजा और भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को सख्ती से लागू किया जाए। इसके अलावा न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये मासिक दिया जाए। मनरेगा में 200 दिन का काम और 500 रुपये दिहाड़ी के साथ स्कीम, आउटसोर्स और अन्य कर्मियों को पक्का किया जाए।

कुल्लू में उपायुक्त कार्यालय के हाहर प्रदर्शन करते सीटू के कार्यकर्ता।-संवाद