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Himachal Budget Session: हिमाचल बजट सत्र को लेकर विधानसभा अध्यक्ष की प्रेस वार्ता, बताया कितने प्रश्न पहुंचे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शिमला
Published by: अंकेश डोगरा
Updated Fri, 07 Mar 2025 04:20 PM IST
सार
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र को लेकर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया और बताया कि कितने प्रश्न पहुंचे। उन्होंने कहा कि विधानसभा बजट सत्र राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के अभिभाषण के साथ शुरू होगा।
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विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया
- फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 10 मार्च से शुरू होने जा रहा है और यह 28 मार्च तक चलेगा। विधानसभा बजट सत्र राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के अभिभाषण के साथ शुरू होगा। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने प्रेस वार्ता कर कहा कि 11 मार्च को पहला वर्किंग डे है जब माननीय राज्यपाल महोदय सदन को संबोधित करेंगे और 28 मार्च तक यह सत्र चलेगा। लगभग 16 सिटिंग इसमें होंगी और राज्यपाल अभिभाषण के ऊपर धन्यवाद प्रस्ताव और उसके बाद 17 मार्च को बजट प्रेजेंटेशन बाय द चीफ मिनिस्टर और उस पर चर्चा चार दिन की, फिर डिमांड्स के ऊपर कट मोशन और जो है 28 मार्च से पहले 28 को पास कर देंगे हम 26 मार्च को बजट जो है, यह पास होगा और जो वर्किंग डेज है।
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कुलदीप पठानिया ने कहा कि वैसे तो जनरली विधानसभा और लोकसभा जो है शनिवार और रविवार को नहीं मिलते, लेकिन इस बार के सत्र में यह शनिवार भी वर्किंग डे है और मात्र एक होली की छुट्टी है और संडे जो इन बिटवीन अप टू ट्वेंटी जिस के फलस्वरूप हमको शनिवार को भी जो है, सत्र का आयोजन करना पड़ा। आप जानते हैं कि विधानसभा के नियमों के अनुरूप दो दिन प्राइवेट मेंबर्स को रखना जरूरी है तो यह दोनों दिन 22 और 27 को जो है प्राइवेट मेंबर देश का बिजनेस भी होगा। साथ में जो रेगुलर बिजनेस, प्रश्नकाल और बिल वगैरह जो होते हैं, वह भी जो है वहां लेजिसलेटिव बिजनेस जो है साथ में प्राइवेट मेंबर भी होंगे।
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कुलदीप पठानिया ने कहा कि अभी अभी हमारे पास जो है लगभग 963 जो है सूचनाएं प्रश्नों के माध्यम से जो है वह पहुंच चुकी हैं, जिसमें स्टार्ट 737 हैं और ऑनलाइन उसमें 680, ऑफलाइन 57 और स्टार्ट जो है 226 है जिसमें ऑनलाइन 223 और ऑफलाइन तीन है यह प्रश्न जो है विधानसभा सचिवालय में पहुंच चुके हैं। जिनको हमने सरकार को उनके जो उत्तरों को, हमने सरकार को या विभिन्न विभागों, जिन विभागों से वह संबंधित थी, उनको हमने लिख दिया है ताकि उनकी सूचनाओं जो है
विधानसभा सचिवालय को मिल सकें।
कुलदीप पठानिया ने कहा कि आप जानते हैं कि सत्र चूंकि 11 को शुरू होगा, 11 में जो है क्वेश्चन आवर नहीं होता। जब माननीय राज्यपाल महोदय 10 से 10 से जब माननीय राज्यपाल महोदय जो है सत्र को संबोधित करेंगे तब प्रश्नकाल नहीं होता और हर चर्चा में वह भाग ले सकें और अपनी चर्चाओं के माध्यम से जनहित के सभी विषयों को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के माध्यम से चर्चा में ला सकें और नीति निर्धारण में सरकार का और सदन का सहयोग कर सके।
कुलदीप पठानिया ने कहा कि यहां वर्किंग डेज भी हमारे ज्यादा हैं और लगभग 68 के साथ 68 विधायक जो हैं वह मेरे ख्याल में सत्र में लगभग सारे ही विषयों के ऊपर अपने विचारों की अभिव्यक्ति करते हैं जो बहुत कम होता है। अन्य विधानसभाओं में जैसा आपने देखा होगा, बहुत सारे विधानसभा सत्र में हैं, लगभग किसी का 10 दिन का है, किसी का 12 दिन का है। यह जो लंबे सत्र और मैक्सिमम जो सेटिंग्स जो 35 का हमारा जो मैंडेट है, रूल है वह हम कोशिश करते हैं कि साल के आखिरी सत्र तक वह पूरे हो और कोई ऐसी व्यवस्था हो तो सदन के पास अधिकार रहता है उसको रेफर करने के लिए जो पिछले दिनों में हुआ है।
कुलदीप पठानिया ने कहा कि मैं मीडिया के माध्यम से मैं हिमाचल प्रदेश की जनता तक ये सारे विषय पहुंचाना चाहता हूं और आप सब हमारे मीडिया के जो साथी हैं, चाहे वह प्रिंट मीडिया से है, चाहे इलेक्ट्रोनिक मीडिया से हैं, आप सबका सहयोग निरंतर जो है। विधानसभा को, सरकार को मिलता रहता है, क्योंकि विषयों की जानकारी और विषय जो अंदर चर्चा में आते हैं वह जन जन तक पहुंचे। इसमें मीडिया का एक बहुत बड़ा योगदान रहता है और उस दृष्टि से इसलिए सत्र से पहले हमारी यह कोशिश होगी होती है कि मीडिया के साथ एक डीटेल्ड डिस्कशन जो है हम करें जो हम हर बार सत्र शुरू होने से पहले करते हैं और बजट सत्र में तो एक एडिशन जो हमारे मीडिया की जो कमेटी है, उससे भी हम चर्चा करते हैं और मीडिया से और अन्य जो रिलेटेड इश्यूज हैं उसके ऊपर फैसला भी लेते हैं और चर्चा के माध्यम से उसका निवारण भी करते हैं।
कुलदीप पठानिया ने कहा कि मैं मीडिया के माध्यम से मैं हिमाचल प्रदेश की जनता तक ये सारे विषय पहुंचाना चाहता हूं और आप सब हमारे मीडिया के जो साथी हैं, चाहे वह प्रिंट मीडिया से है, चाहे इलेक्ट्रोनिक मीडिया से हैं, आप सबका सहयोग निरंतर जो है। विधानसभा को, सरकार को मिलता रहता है, क्योंकि विषयों की जानकारी और विषय जो अंदर चर्चा में आते हैं वह जन जन तक पहुंचे। इसमें मीडिया का एक बहुत बड़ा योगदान रहता है और उस दृष्टि से इसलिए सत्र से पहले हमारी यह कोशिश होगी होती है कि मीडिया के साथ एक डीटेल्ड डिस्कशन जो है हम करें जो हम हर बार सत्र शुरू होने से पहले करते हैं और बजट सत्र में तो एक एडिशन जो हमारे मीडिया की जो कमेटी है, उससे भी हम चर्चा करते हैं और मीडिया से और अन्य जो रिलेटेड इश्यूज हैं उसके ऊपर फैसला भी लेते हैं और चर्चा के माध्यम से उसका निवारण भी करते हैं।