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Sirmour News: चरस के मामले में तीन दोषियों को एक-एक साल का कठोर कारावास
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तीनों व्यक्तियों के कब्जे से बरामद हुई थी 3.010 किलोग्राम चरस
संवाद न्यूज एजेंसी
नाहन (सिरमौर)। विशेष न्यायाधीश सिरमौर जिला नाहन गौरव महाजन की अदालत ने चरस के मामले में नरेंद्र कुमार निवासी गांव थुनाग जिला मंडी, ललित कुमार निवासी गांव बड़गांव शाहतलाई जिला बिलासपुर व छाया कांत निवासी गांव मलाड तहसील थुनाग जिला मंडी को दोषी पाए जाने पर एक-एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
दोषियों की ओर से यह तर्क दिया गया कि वे पहले ही एक साल और नौ महीने से ज्यादा समय तक न्यायिक हिरासत में रह चुके हैं। उन्हें 12 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया गया था और वे अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं। दोषी एक साल और नौ महीने से ज्यादा समय से हिरासत में हैं। इस अधिनियम की धारा 20(b)(ii)(A) के तहत दंडनीय अपराध के लिए अधिकतम सजा एक साल की कठोर कारावास या 10,000 रुपये तक का जुर्माना है।
इस पर अदालत ने दोषियों को अधिनियम की धारा 20(बी)(दो)(ए) के तहत दंडनीय अपराध के लिए प्रत्येक को एक साल के कठोर कारावास, अधिनियम की धारा 29 के तहत दंडनीय अपराध के लिए प्रत्येक को एक साल कीके कठोर कारावास की अतिरिक्त सजा सुनाई। ये दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। दोषी एक साल और नौ महीने से ज्यादा समय तक विचाराधीन रहे हैं, इसलिए यदि वे किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हैं तो दोषियों को इस मामले में आजाद करने का आदेश भी अदालत ने दिया।
पुलिस की टीम को 12 मार्च 2024 को गुप्त सूचना मिली कि तीन व्यक्ति ललित, नरेंद्र कुमार और छाया कांत वाहन नंबर एचपी 52ए-4584 में थुनाग से लुहरी ठियोग, राजगढ़, खैरी होते हुए आ रहे हैं और चरस की खेप के साथ हरिद्वार की ओर जा रहे हैं। बेचड़-का-बाग, नाहन बाइफर्केशन पर पुलिस टीम ने नाका लगाया तो कार सवार उक्त तीनों व्यक्तियों के कब्जे से 3.010 किलोग्राम चरस बरामद की गई। इसके बाद आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।
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संवाद न्यूज एजेंसी
नाहन (सिरमौर)। विशेष न्यायाधीश सिरमौर जिला नाहन गौरव महाजन की अदालत ने चरस के मामले में नरेंद्र कुमार निवासी गांव थुनाग जिला मंडी, ललित कुमार निवासी गांव बड़गांव शाहतलाई जिला बिलासपुर व छाया कांत निवासी गांव मलाड तहसील थुनाग जिला मंडी को दोषी पाए जाने पर एक-एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
दोषियों की ओर से यह तर्क दिया गया कि वे पहले ही एक साल और नौ महीने से ज्यादा समय तक न्यायिक हिरासत में रह चुके हैं। उन्हें 12 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया गया था और वे अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं। दोषी एक साल और नौ महीने से ज्यादा समय से हिरासत में हैं। इस अधिनियम की धारा 20(b)(ii)(A) के तहत दंडनीय अपराध के लिए अधिकतम सजा एक साल की कठोर कारावास या 10,000 रुपये तक का जुर्माना है।
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इस पर अदालत ने दोषियों को अधिनियम की धारा 20(बी)(दो)(ए) के तहत दंडनीय अपराध के लिए प्रत्येक को एक साल के कठोर कारावास, अधिनियम की धारा 29 के तहत दंडनीय अपराध के लिए प्रत्येक को एक साल कीके कठोर कारावास की अतिरिक्त सजा सुनाई। ये दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। दोषी एक साल और नौ महीने से ज्यादा समय तक विचाराधीन रहे हैं, इसलिए यदि वे किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हैं तो दोषियों को इस मामले में आजाद करने का आदेश भी अदालत ने दिया।
पुलिस की टीम को 12 मार्च 2024 को गुप्त सूचना मिली कि तीन व्यक्ति ललित, नरेंद्र कुमार और छाया कांत वाहन नंबर एचपी 52ए-4584 में थुनाग से लुहरी ठियोग, राजगढ़, खैरी होते हुए आ रहे हैं और चरस की खेप के साथ हरिद्वार की ओर जा रहे हैं। बेचड़-का-बाग, नाहन बाइफर्केशन पर पुलिस टीम ने नाका लगाया तो कार सवार उक्त तीनों व्यक्तियों के कब्जे से 3.010 किलोग्राम चरस बरामद की गई। इसके बाद आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।