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UP: बचपन में पढ़ाई के साथ मजदूरी और ये काम भी किया, ख्वाब पूरा न हुआ तो 'ख्वाब' में ही जीने लगा फर्जी आईएएस

अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर Published by: शाहरुख खान Updated Fri, 12 Dec 2025 12:43 PM IST
सार

गोरखपुर में पकड़ा गया फर्जी आईएएस गौरव कुमार सिंह का ख्वाब पूरा नहीं हुआ तो वह 'ख्वाब' में ही जीने लगा। किस्मत से निराश गौरव ने पहले खुद को आईएएस घोषित किया, इसके बाद फर्जी पहचान बनाई। 2022 में वह सीतामढ़ी में आदित्य सुपर-50 नाम से कोचिंग में पढ़ाने लगा। यहीं से उसकी ठगी की राह शुरू हुई।

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UP Fake IAS officer Story Gaurav first declar himself IAS officer then create fake identity Down on his luck
Fake IAS officer - फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
बिहार के सीतामढ़ी जिले के मेहसौल गांव का गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर करोड़ों की ठगी करने वाले फर्जी आईएएस के रूप में सुर्खियों में है। उसकी जालसाजी की शुरुआत उसके संघर्ष भरे छात्र जीवन से ही हो चुकी थी।


उसके पिता चलितर राम पेंट पालिश कर परिवार चलाते थे। बचपन में पढ़ाई के साथ गौरव मजदूरी और पेंट-पालिश भी करता था। अभावों में पला-बढ़ा गौरव हमेशा बड़ा अफसर बनने का सपना देखता था। सफलता नहीं मिली तो फर्जी आईएएस बनकर फर्जीवाड़ा करने लगा।
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UP Fake IAS officer Story Gaurav first declar himself IAS officer then create fake identity Down on his luck
फर्जी आईएएस गौरव कुमार सिंह - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पुलिस की जांच में पता चला कि 2019 में उसने मैथ्स से एमएससी पूरी की। बड़ा अफसर बनने के सपने के साथ उसने सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। तीन साल की मेहनत के बावजूद सफलता नहीं मिली। आर्थिक दबाव बढ़ा तो 2022 में वह सीतामढ़ी में आदित्य सुपर-50 नाम से कोचिंग में पढ़ाने लगा। 
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UP Fake IAS officer Story Gaurav first declar himself IAS officer then create fake identity Down on his luck
फर्जी आईएएस के घर लगी नेमप्लेट - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
यहीं से उसकी ठगी की राह शुरू हुई। कोचिंग में पढ़ने वाले एक छात्र से उसने नौकरी लगाने के नाम पर दो लाख रुपये ले लिए। नौकरी न लगने पर छात्र ने प्राथमिकी दर्ज करा दी।
UP Fake IAS officer Story Gaurav first declar himself IAS officer then create fake identity Down on his luck
फर्जी आईएएस ललित किशोर उर्फ गौरव कुमार - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
प्राथमिकी ने तोड़ दिए सारे सपने
गौरव ने पुलिस कस्टडी में बताया कि उस दर्ज प्राथमिकी ने उसके सारे सपने तोड़ दिए। पढ़ाई बची न कॅरिअर। लगा अब जिंदगी बर्बाद हो चुकी है। यही निराशा उसे गलत रास्ते पर ले गई।

 
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फर्जी आईएएस ललित किशोर उर्फ गौरव कुमार - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
प्राथमिकी के बाद वह करीब एक साल अंडरग्राउंड रहा। इसी दौरान उसने सोचा कि जब असली आईएएस नहीं बन सकता तो फर्जी ही सही। कुछ महीनों बाद वह नए रूप में सामने आया और परिचितों को बताया कि उसका सिविल सेवा में चयन हो चुका है। 

 
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